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दिल्ली

हरियाली हैं, तो पंछी हैं, पंछी हैं, तो जीवन हैं, पंछियों को गर्मियों में दाना -पानी अवश्य दें, मेनका गाँधी

अजीत सिन्हा की रिपोर्ट
फरीदाबाद : -प्रदेश से लुप्त होते पंछियों और उनके कलरव को जीवित रखने के लिए उद्योग एवं वाणिज्य मंत्री विपुल गोयल ने आज प्रॉजेक्ट’पंछी’ की शुरुआत की हैं। जिसमे केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री तथा पीपल फॉर एनिमल्स की अध्यक्ष मेनका गांधी ने मुख्य अतिथि के रूप में शिरकत की और इस प्रोजेक्ट का उद्घाटन किया। वही इस कार्यक्रम से मुख्य संसदीय सचिव व विधायक सीमा त्रिखा और केंद्रीय राज्य मंत्री कृष्णपाल गुर्जर ने कन्नी काट ली और वह लोग इस कार्यक्रम में नही पहुँचे, जोकि फरीदाबाद में दो गुटों में बटी भाजपा का प्रत्यक्ष प्रमाण देखने को मिला है।
 दिखाई दे रहा यह नजरा फरीदाबाद के नगर निगम सभागार का है जहां आज हरियाणा उद्योग एवं वाणिज्य मंत्री विपुल गोयल ने प्रोजेक्ट पँछी की शुरुआत की यह अपनी तरह का पहला और अनूठा प्रयास है, इस कार्यक्रम में शहर के गणमान्य लोगों ने शिरकत की। इस प्रोजेक्ट को शहरों में बढ़ती आबादी, घटते जंगलों की वजह से कम हो रही चिडिय़ा की चहचहाट और कोयल की कू-कू को वापस लाने के उद्देश्य के साथ विपुल गोयल ने यह शुरूआत की है । अभी इस मुहिम  की शुरूआत  फरीदाबाद शहर से की है  फरीदाबाद को औद्योगिक नगरी कहा जाता है, ऐसे में यहां पर्यावरण प्रदूषण की समस्या के चलते भी पक्षियों की संख्या घट रही है। इस मौके पर विपुल गोयल की तरफ से कार्यक्रम में शिरकत करने वाले लोगो को मिट्टी के बर्तन यानी वाटर हैंगिग पॉट मुहैया करवाए गए ।  इस पॉट को नागरिक अपने घरों में लगाएंगे और इसमें रोजाना पानी भरेंगे ताकि गर्मी के दिनों में प्यासे पक्षियों को पीने का पानी मिल सके।
मुख्य अतिथि के रूप में पहुची मेनिका गांधी ने कार्यक्रम के दौरान फरीदाबाद की मेयर सुमन बाला से कहा कि वह शहर की प्रत्येक कालोनी में एक जंगल बनवायें, जिसमें पंछी अच्छे से निवास कर सके और पौधे लगाते समय पॉलीथिन का उपयोग न करें, इससे पौधों की बढोत्तरी रूक जाती है, इसलिये गोबर से बने गमलों का ही प्रयोग करें।  इस मौके पर विपुल गोयल ने कहा कि बड़ी संख्या में पक्षियों की मौत पानी नहीं मिलने की वजह से भी होती है। इसी को देखते हुए यह फैसला लिया गया है। उन्होंने कहा कि फरीदाबाद शहर के पार्कों में ऐसी जगह चिह्नित की जा रही हैं, जहां पक्षियों के लिए दाना डाला जा सके। पार्कों में हरियाली की वजह से यहां पक्षी तो आते हैं लेकिन उन्हें खाने को कुछ नहीं मिलता। इस वजह से प्रदेश भर में पार्कों में भी पक्षियों की संख्या कम होती जा रही है। दाना डालने वाली जगहों की सफाई भी हुआ करेगी ताकि वहां गंद न फैले। उद्योग मंत्री ने बताया कि साथ ही साथ लोगों को घोंसले दिए गए है ताकि वे उन्हें अपने घरों में लगा सकें। घरों में घोसले होंगे, तो वहां पक्षी रुकना शुरू कर सकते हैं। इस मुहिम के साथ सामाजिक संस्थाओं को भी आगे आने की जरुरत हैं।

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