विनय सिंह भदौरिया चंडीगढ़, – हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल ने आज प्रदेश में चार औद्योगिक इकाईयों की स्थापना के लिए क्लीयरेंस सर्टिफिकेट सौंपे, जिससे लगभग 972 करोड़ रुपये का निवेश और 3645 व्यक्तियों के लिए रोजगार के अवसर सृजित होंगे।
मुख्यमंत्री ने आज यहां निकट पंचकुला में हरियाणा उद्यम प्रोत्साहन केन्द्र (एचईपीसी) का उदघाटन करने उपरांत ये सर्टिफिकेट्स प्रदान किये। इन चार कम्पनियों में कैनपैक इंडिया प्राईवेट लिमिटेड, स्टारवायर (इंडिया) लिमिटेड, एग्लो इंडिया प्रोडक्शन लिमिटेड और एनरिच एग्रो फूड प्रोडक्ट्स प्राईवेट लिमिटेड शामिल हैं।
इस अवसर पर बोलते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि एचईपीसी- नई इकाईयों या विस्तार अधीन इकाईयों के लाभ के लिए एक अनूठी सिंगल रूफ क्लीयरेंस सिस्टम है। यह इज ऑफ डुईंग बिजनेस और प्रक्रियाओं के सरलीकरण में सहायता करने वाला एक क्रांतिकारी तंत्र अपनाने के लिए हरियाणा के जारी प्रयासों का एक हिस्सा है। इसके साथ ही यह एक शानदार प्रौद्योगिकी मंच है। उन्होंने व्यक्तिगत तौर पर उद्योग प्रतिनिधियों का दृष्टिकोण और किये गए सुधारों पर सुझाव लेने के लिए बातचीत की कि हरियाणा किस तरह से इज ऑफ डुईंग बिजनेस में अग्रणी बनने के लिए और सुधार कर सकता है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हरियाणा 41 प्रतिशत की दर से अभूतपूर्व एमओयू रूपांतरण हासिल करने में सक्षम है, जिनमें 359 एमओयू में से 148 एमओयू क्रियान्वयन के विभिन्न स्तरों पर है। उन्होंने सभी उपायुक्तों के साथ विडियोकान्फ्रेंसिंग की और इस अवसर पर उनके पास लम्बित मामलों या आवेदनों की समीक्षा भी की।
उन्होंने कहा कि हरियाणा देश में पहले राज्यों में से एक है, जिसने एक छत के नीचे एक गतिशील इंटरैक्टिव पोर्टल के माध्यम से ऑनलाइन जमा और अनुमोदन प्रणाली का शुभारंभ किया है।
श्री मनोहर लाल ने कहा कि एचईपीसी का उदघाटन सरकार के स्तर पर निवेशकों के लिए इज ऑफ डुईंग बिजनेस के लिए सिंगल रूफ सिस्टम एक महत्वपूर्ण घटना है। अगस्त, 2015 में उद्यम प्रोत्साहन नीति की घोषणा के साथ ही सुधार होने आरम्भ हो गए, इस नीति के तहत इज ऑफ डुईंग बिजनेस और सिंगल रूफ स्वीकृति तंत्र बनाने पर बल दिया गया। इस नीति में मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में 100 करोड़ रुपये या इससे अधिक के निवेश वाली विशाल परियोजनाओं के लिए विशेष प्रोत्साहन पैकेज के लिए हरियाणा उद्यम प्रोत्साहन बोर्ड का सृजन हुआ। इसके साथ ही 10 करोड़ रुपये से अधिक की परियोजनाओं और एक एकड़ या इससे अधिक के लिए भूमि उपयोग परिवर्तन की स्वीकृति के लिए मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव की अध्यक्षता में सशक्त कार्यकारी समिति बनी हुई है। इसी प्रकार, 10 करोड़ रुपये तक की परियोजनाओं या एक एकड़ से कम के लिए भूमि उपयोग परिवर्तन की स्वीकृति या क्लीयरेंस के लिए सम्बंधित उपायुक्तों की अध्यक्षता में प्रत्येक जिले में जिला स्तरीय क्लीयरेंस समितियां स्थापित की गई हैं।
यह एचईपीसी सभी निवेशकों को उनकी नई और विस्तार परियोजनाओं को सिंगल रूफ सोल्युशन प्रदान करेगा। उद्यमों को स्वीकृतियां प्रदान करने के लिए इस केन्द्र को आवश्यक शक्तियों, अवसंरचना तथा विभिन्न विभागों से आवश्यक जनशक्ति प्रदान करके सुदृढ़ किया गया है। एचईपीसी को उचित ढंग से आवश्यक सशक्त जनशक्ति और अवसंरचना के माध्यम से मजबूत बनाया गया है। उद्योग विभाग के प्रधान सचिव इसके अध्यक्ष होने के साथ-साथ इसके मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) भी हैं, एचएसआईआईडीसी के प्रबन्ध निदेशक इसके अतिरिक्त मुख्य कार्यकारी अधिकारी हैं और उद्योग एवं वाणिज्य विभाग के निदेशक इसके उप-मुख्य कार्यकारी अधिकारी हैं। सभी विभागों से 23 नोडल अधिकारियों को एचईपीसी में नियुक्त किया गया है, जिन्हें 53 सेवाओं की स्वीकृति प्रदान करने के लिए विधिवत रूप से सशक्त किया गया है। एचईपीसी के तहत 18 विभागों की लगभग 53 औद्योगिक सेवाएं दी गई हैं और शेष औद्योगिक सेवाओं को एचईपीसी के अधिकार क्षेत्र में लाया जाएगा। उल्लेखनीय है कि सभी राज्य स्तरीय औद्योगिक स्वीकृतियां/सेवाएं निवेशक से सूचना लेने के 15 दिनों के अतिरिक्त प्रावधान के साथ अधिकतम 30 दिनों में प्रदान की जाएंगी।
इस अवसर पर वित्त मंत्री कैप्टन अभिमन्यु, खनन एवं भू-विज्ञान मंत्री श्री नायब सिंह सैनी, सहकारिता राज्यमंत्री श्री मनीष कुमार ग्रोवर और पंचकुला के विधायक श्री ज्ञान चंद गुप्ता उपस्थित थे।