अजीत सिन्हा की रिपोर्ट
फरीदाबाद : नारी के बिना नर अधूरा है, नारीशक्ति शब्द में से ही नर का जन्म हुआ है। इसलिए प्राचीन काल से नारी को आदिशक्ति के रूप में देखा जाता रहा है। आज कलयुग में नारी के इस रूप को दोबारा से जीवंत करने में पूरा युग जुटा हुआ है। नारीशक्ति को उसकी पहचान दिलाने के लिए मानव रचना इंटरनैशनल यूनिवर्सिटी (एमआरआईयू) में अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस का आयोजन किया गया। इस मौके पर महिलाओं को इस खास दिन पर सेंटर फार एक्सीलैंस इन विमेन लीडरशिप का तोहफा दिया गया।
एमआरआईयू के फैकल्टी आफ मैनेजमेंट स्टडीज के द्वारा स्वयंसिद्ध-सैलिब्रेटिंग बिंग ए विमेन कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस मौके पर सेंटर फार एक्सीलैंस इन विमेन लीडरशिप का औपचारिक लान्च किया गया। साथ ही साथ कार्यस्थल में लिंग पहचान पर छड़ी बहस विषय पर पैनल चर्चा का भी आयोजन किया गया।
इस मौके पर मानव रचना शैक्षणिक संस्थान (एमआरईआई) की मुख्य संरक्षका श्रीमति सत्या भल्ला ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस नारीशक्ति को सलाम करने के लिए हर साल आयोजित किया जाता है। महिलाएं घर से लेकर कार्यस्थल सभी में बेहतर संतुलन स्थापित करती है। नारीशक्ति को सलाम करते हुए उसको पुरुषों से कंधे से कंधा मिलकार कार्य करने में पूरी मदद की जानी चाहिए।
इस मौके पर फरीदाबाद एनआईटी क्षेत्र की डिप्टी कमिश्नर आफ पुलिस आईपीएस आस्था मोदी ने कहा कि आज के दौर में महिलाओं को अपने आप को कदम कदम पर साबित करना पड़ता है इसलिए जरूरी है कि महिलाएं अपनी प्रतिभा को पहचाने और चुनौतियों का सामना करते हुए अपनी राह खुद बनाए। इसी को स्वयंसिद्ध कहा जाता है।
इस मौके पर अन्य वक्ताओं में एंसाइब्ल मोबाइल की हैड श्रीमति अंजलि हेगडे, श्रेष्ठ सोसायटी की प्रेसिडेंट व देसी काउस की को फाउंडर श्रीमति प्रियंका गर्ग, एमआरआईयू एफएमईएच का डीन श्रीमति नीमोधर, कैपिसिटी बिल्डिंग एक्सपर्ट श्रीमति मून मुखर्जी आदि मौजूद रहीं। वहीं इस मौके पर मानव रचना शैक्षणिक संस्थान के ट्रस्टी डा. एम.एम.कथूरिया व मानव रचना इंटरनैशनल यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर डा. एन.सी.वाधवा भी मौजूद रहे।
इस मौके पर एमआरआईयू एफएमएस की डीन श्रीमति छवि भारगव ने कार्यक्रम का समापन करते हुए कहा कि नारीशक्ति से ही नर निकलता है। खुद को पहचाने और कार्य़ करें।