अजीत सिन्हा की रिपोर्ट
फरीदाबाद : पश्चिमी बंगाल में जिहादी तत्वों द्वारा बहुसंख्यक समाज पर हिंसक हमले किए जाने की रिपोर्ट पर शहर के बुद्विजीवियों ने केंद्र सरकार से आग्रह किया है कि वह जिहादी तत्वों के विरुद्ध दृढ़ता से कार्रवाई सुनिश्चित करें। यह मांग शनिवार शाम नीलम-बाटा रोड स्थित अभिनंदन होटल में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ(आरएसएस) के संपर्क विभाग द्वारा आयोजित संवाद व चर्चा कार्यक्रम में उठी। जब आरएसएस के केंद्रीय अभिलेखागार सह-प्रमुख किशोर कांत ने लोगों के सामने पश्चिम बंगाल में बढ़ती जिहादी गतिविधियों पर विषय रखा। उन्होंने बताया कि पश्चिमी बंगाल में जिहादी तत्वों द्वारा आक्रमण कर लूटपाट करने, आपराधिक रिकार्ड जला देने तथा राज्य में अनेक स्थानों पर सुरक्षा बलों पर हमलों की बढ़ती घटनाएं राष्ट्रीय सुरक्षा एवं कानून व्यवस्था के लिए गंभीर चुनौती बन गई है। कट्टरपंथी द्वारा हिंसा को बढ़ावा देने वाले फतवे खुलेआम जारी किए जाते है। कटवा, कालीग्राम, इलामबाजार, मेटियाबुरूज (कोलकाता) सहित अनेक स्थानों पर कट्टरपंथियों द्वारा बहुसंख्यक समाज पर आक्रमण किए जा रहे है। जिसके कारण बहुसंख्यक समाज बड़ी संख्या में पलायन को विवश हो रहा है। उन्होंने बताया कि वर्धमान बम विस्फोट की जांच करते हुए एनआईए ने पाया कि पूरे राज्य में कई आतंकी समूह सक्रिय है। जिहादी आंतकियों का यह जाल सीमा के दोनों तरह फैला हुआ है। केंद्र सरकार बहुसंख्यक समाज के धार्मिक आयोजनों में बाधा खड़ी कर रही है। उन्होंने बताया कि पिछले दिनों मोहर्रम के कारण माँ दुर्गा की प्रतिमाओं के विसर्जन का समय असामान्य रूप से कम कर दिया गया। जिसपर कोलकाता उच्च न्यायालय ने भी राज्य सरकार को फटकार लगाई। उन्होंने सरकार पर पाठ्यपुस्तकों में मूल बंगला शब्दों का विकृत करने, सरस्वती पूजा परंपरा को बंद कर मिलाद-उन-नबी मनाने के नाम पर स्कूलों का इस्लामीकरण करने का आरोप लगाया। बुद्विजीवियों ने पश्चिम बंगाल में घटती हिन्दू जनसंख्या पर भी चिंता जताई। इस मौके पर आरएसएस के क्षेत्रीय संपर्क प्रमुख श्रीकृष्ण सिंहल, उद्योगपति नवदीप चावला, सज्जन कुमार जैन, ओपी धामा, एसके कपूर, टीएस विजय, डीएस चक्रवर्ती, सुरेश श्योराण, रंजना शर्मा, जिला बार एसोसिएशन के प्रधान संजीव चौधरी, पुष्पेंद्र चौहान, श्यामलाल गोयल, दीपक अग्रवाल और दीपक ठुकराल मौजूद थे।