अजीत सिन्हा , फरीदाबाद की रिपोर्ट
फरीदाबाद : हरियाणा सरकार प्रदेश में खेती की परम्परागत पद्धतियों के साथ-साथ पैरी अर्बन तर्ज पर खेती करने को भी बढ़ावा दे रही है ताकि आने वाले समय में प्रदेश गेहूं व धान का कटोरा ही नहीं बल्कि फल एवं सब्जियों की टोकरी और एनसीआर क्षेत्र में सर्वाधिक दूध उपलब्ध करवाने वाला प्रदेश भी बने।
ने सूरजकुंड में 18 हरियाणा के कृषि मंत्री ओम प्रकाश धनखड़ से 20 मार्च, 2017 तक आयोजित होने वाले द्वितीय एग्री लीडरशिप समिट के संबंध में प्रेस सम्मेलन को सम्बोधित करते हुए यह जानकारी दी। इसके उपरांत कृषि मंत्री आयोजन स्थल का दौरा किया और तैयारियों का जायजा लेते हुए संबंधित अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश भी दिए।
उन्होंने बताया कि किसानों को बाजार के निकट लाने, उत्पादों की बिक्री के लिए बड़ा प्लेटफार्म उपलब्ध करवाने, सीधे उपभोक्ताओं तक पहुंचने, अपने ब्रांड को प्रमोट करने के साथ-साथ किसानों को प्रोत्साहित करने के लिए बिक्री एवं प्रदर्शन के स्टॉल लगाने के उद्देश्य से ही यह एग्री लिडरशिप सम्मेलन आयोजित किया जा रहा है।
समारोह के बारे जानकारी देते हुए श्री धनखड़ ने बताया कि केंद्रीय गृह मंत्री श्री राजनाथ सिंह, केंद्रीय कृषि मंत्री श्री राधामोहन सिंह और केंद्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री कृष्णपाल गुर्जर समिट का 18 मार्च को उद्घाटन करेंगे, जबकि समिट के दूसरे दिन 19 मार्च को हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल, केंद्रीय मंत्री पुरूषोतम रूपला, डॉ. संजीव बालियाण एवं राव इंद्रजीत मुख्य अतिथि होंगे। इसके अतिरिक्त समिट के तीसरे दिन 20 मार्च को राज्य पाल प्रो. कप्तान सिंह सोलंकी, केन्द्रीय मंत्री श्री अनंत कुमार, चौधरी विरेन्द्र सिंह और श्री एस.एस.आहलुवालिया विशेष अतिथि होंगे।
श्री धनखड़ ने कहा कि सम्मेलन का पहला दिन ए2 दूध की बढ़ोतरी और दुग्ध क्षेत्र में प्रदेश को पहले नंबर पर लाने और दूसरा दिन किसानों की आय को 2022 तक दुगुना करने और पैरी अर्बन खेती को समर्पित होगा।
उन्होंने कहा कि पैरी अर्बन तर्ज पर खेती करने से ग्रामीण क्षेत्रों के साथ-साथ शहरी क्षेत्रों को भी ताजा फल-फूल एवं सब्जियां उपलब्ध होगी तथा किसानों की आय में वृद्धि होगी। प्रदेश में खेती के तहत क्षेत्र में से एक चौथाई क्षेत्र फल-फूल एवं अन्य बागवानी फसलों के तहत है। बागवानी विश्व विद्यालय स्थापित किया गया है, हर जिले में उत्कृष्टता केंद्र स्थापित किए जा रहे हैं, 340 गांवों को बागवानी गांवों में बदला जा रहा है। इसके अतिरिक्त किसान उत्पादक संगठन, कलेक्शन सैंटर, गन्नौर में फल एवं सब्जी टर्मिनल और गुरुग्राम में फूलों की मंडी स्थापित की जा रही है। उन्होंने कहा कि सरकार खेती के इनपुट्स के विश्वव्यापी संगठित बाजार की भांति खेती के आउटपुट का बाजार भी संगठित और बिचौलियों से मुक्त बनाने पर बल दे रही है, ताकि अंतिम व्यक्ति अर्थात किसानों को उनके उत्पादों का वास्तविक लाभ मिल सकें।
मंत्री ने कहा कि दुग्ध उत्पादन के मामले में गुजरात और पंजाब के बाद हरियाणा दो करोड़ 27 लाख लीटर दूध उत्पन्न कर तीसरे स्थान पर है। डेयरी क्षेत्र को प्रोत्साहित करने के लिए प्रदेश में सर्वाधिक दुग्ध उत्पादक किसानों को पुरस्कृत करने, सहकारी डेयरियों को दूध उपलब्ध करवाने वाले किसानों को दूध पर बोनस देने तथा ईजराइल के साथ हिसार में डेरी क्षेत्र का उत्कृष्टता केंद्र स्थापित करने जैसे अनेक कदम उठाए जा रहे हैं।
श्री धनखड़ ने कहा कि प्रदेश में गत दो वर्षों के दौरान प्राकृतिक कारणों से किसानों की फसलों को हुए नुकसान की भरपाई के लिए 2200 करोड़ रुपये का मुआवजा दिया गया है। उन्होंने कहा कि जलवायु अनुकूल कृषि एवं जोखिम प्रबंधन समय की मांग है।
इस सम्मेलन में एक लाख से अधिक किसानों के आने के संभावना है। सम्मेलन के दौरान आयोजित होने वाले अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन, राष्ट्रीय संगोष्ठियों और राज्य स्तर की विभिन्न कार्यशालाओं में हजारों कृषि विशेषज्ञों के भाग लेने की संभावना है।
श्री धनखड़ ने किसानों से अपील की कि वे अधिक से अधिक संख्या में इस कृषि शिखर सम्मेलन में भाग लें, विभाग द्वारा लाने ले जाने के लिए हरियाणा परिवहन की विशेष बसों का प्रबंध किया गया है। इसके अलावा खाना-पीना व रहने की भी निशुल्क व्यवस्था की है। पंचायती राज संस्थानों के जनप्रतिनिधियों को भी विशेष रूप से निमंत्रण भेजा गया है।कृषि मंत्री ने समिट के लिए बनने वाले पंडालों का भी बारीकी से निरीक्षण किया।
इस अवसर पर मुख्य संसदीय सचिव श्री मति सीमा त्रिखा, फरीदाबाद की मेयर सुमन बाला, भूमि सुधार निगम के चेयरमैन अजय गौड़, जिला अध्यक्ष गोपाल शर्मा, जिला परिषद के चेयरमैन विनोद चौधरी, सीनियर डिप्टी मेयर देवेंद्र चौधरी व फरीदाबाद के उपायुक्त समीरपाल सरो मुख्य रूप से उपस्थित थे।