अरविन्द उत्तम की रिपोर्ट
लोगों को सिम कार्ड की केवाईसी अपडेट कराने और पेंशनरों की पेंशन ऑनलाइन अपडेट करने के लिए मैसेज भेज कर धोखाधड़ी करने वाले गैंग का पर्दाफाश साइबर क्राइम की टीम ने किया है। गिरोह के दो शातिर ठगों को सोमवार को सेक्टर-36 स्थित साइबर क्राइम थाने की टीम ने दिल्ली से पकडा है. इन दोनों का जामताड़ा से सीधा कनेक्शन है। जिसे साइबर फ्राड का हब कहा जाता है। साइबर सेल को काफी दिनों से इनकी तलाश थी। साइबर सेल के अनुसार ये दोनों अब तक हजारों लोगों को करोड़ों का चूना लगा चुके है। इनके साथियों के बारे में टीम जानकारी जुटा रही है।
पुलिस की गिरफ्त में खड़े झारखंड निवासी प्रदीप मंडल और दिल्ली निवासी मोनू बंसल केवाईसी के नाम पर धोखाधड़ी करने वाले गैंग के सदस्य है इन दोनों ने अब तक हजारों लोगों के साथ करोड़ों रुपए की धोखाधड़ी की है. साइबर क्राइम एसपी त्रिवेणी सिंह ने बताया कि बीते वर्ष आठ जुलाई को गाजियाबाद निवासी सुबीर शंकर ने साइबर क्राइम थाने में शिकायत दर्ज कराते हुए बताया था कि 27 जून को केवाईसी अपडेट कराने के नाम पर उनके खाते से दो लाख 12 हजार 967 रुपये की रकम निकल ली गई है । घटना के बाद से पुलिस आरोपियों की तलाश में जुटी थी। पुलिस टीम ने सूचना के आधार पर दिल्ली करोल बाग से गिरोह के सरगना प्रदीप मंडल और दिल्ली निवासी मोनू बंसल को गिरफ्तार कर लिया। पुलिस ने पकड़े गए आरोपियों के पास से दो मोबाइल फोन बरामद किए हैं।
साइबर क्राइम एसपी त्रिवेणी सिंह ने बताया कि पूछताछ के दौरन आरोपितों ने बताया कि केवाईसी के अलावा वह लाटरी और कीमती उपहार भेजने के नाम पर भी ठगी करते हैं। आरोपित केवाईसी अपडेट कराने व पेंशनरों की पेंशन आनलाइन अपडेट कराने के लिए मैसेज करते हैं और क्विक सपोर्ट एप्लीकेशन रिमोट एक्सेस टूल, टीम वीवर और एनी डेस्क सपोर्ट डाउनलोड कराते ही पीड़ित के मोबाइल का कंट्रोल अपने हाथ में ले लेते हैं और लोगों के बैंक खातों से रुपये अपने खाते या क्रेडिट कार्ड में ट्रांसफर कर लेते हैं। दोनों आरोपियों से अबतक 100 बैंक खातों की जानकारी मिली है। 2 बैंक खातों से 1 करोड़ों के लेन-देन का डाटा मिला है। पूछताछ के जरिए अन्य डाटा निकाला जा रहा है। केवाईसी के नाम पर धोखाधड़ी करने वाले गैंग का पर्दाफाश साइबर क्राइम की टीम ने किया है। ये लोग मोबाइल में केवाईसी के नाम पर धोखाधड़ी करते थे। अब तक हजारों लोगों से करोड़ों रुपए की धोखाधड़ी इन लोगों ने की है। इनकी पहचान प्रदीप मंडल और मोनू बंसल हुई है। पुलिस के मुताबिक आरोपी प्रदीप मंडल अब तक 20 करोड़ की धोखाधडी कर चुका है।एसपी साइबर क्राइम त्रिवेणी सिंह ने बताया कि प्रदीप 2019 में नई दिल्ली के जगतपुरी और दरियागंज थाने से जेल जा चुका है। प्रदीप का मामा प्रमोद मंडल भी इस समय ठगी के आरोप में जिला कारागार लखनऊ में है। इस गिरोह दर्जनों लोग शामिल है.साइबर क्राइम थाने की प्रभारी रीता यादव ने बताया कि पूरा गिरोह जामताड़ा से आपरेट किया जाता है। हर विभाग के लिए अलग-अलग लोग हैं। कोई सिर्फ लोगों को काल कर उन्हें अपने जाल में फंसाता है तो कोई अकाउंट का काम देखता है। कोई डाटा खरीदता है तो कोई पैसों को इधर से उधर ट्रांसफर करता है।
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