संवाददाता : मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंदुलकर को भारत ही नहीं, दुनिया के सर्वश्रेष्ठ बल्लेबाजों में गिना जाता है. तकनीकी तौर पर भी वे बेहद मजबूत थे. सचिन जब अपना पसंदीदा स्टेट ड्राइव खेलते थे तो देखते ही बनता था. शॉट्स खेलते समय उनका बॉडी बैलेंस गजब का होता था . वीरेंद्र सहवाग, युवराज सिंह और विराट कोहली जैसे कई बल्लेबाजों ने सचिन के खेल के प्रेरणा ली. विराट तो इस बात का खुलासा भी कर चुके हैं कि इंग्लैंड के दौरे में बैटिंग में मिली नाकामी के बाद मास्टर ब्लास्टर ने उनकी बल्लेबाजी को बेहतर बनाने में मदद की थी. लेकिन इंटरनेशनल क्रिकेट में 100 शतक जमाने का कारनामा करने वाले सचिन ने हाल ही में यह खुलासा करके हर किसी को हैरान कर दिया कि चेन्नई के एक वेटर ने बल्लेबाजी तकनीक सुधारने में उनकी मदद की थी.
सचिन ने सोमवार को उस घटना के बारे में बताया कि किस तरह इस वेटर ने उनकी बल्लेबाजी तकनीक की खामी की ओर ध्यान आकर्षित किया. सचिन के एक इवेंट के दौरान मुंबई में बताया, ‘चेन्नई में एक वेटर मेरे पास आया और कहा कि यदि आप अन्यथा नहीं लें तो मैं आपसे कुछ कहना चाहता हूं. मैंने उससे कहा कि जो भी कहना चाहते हो बेहिचक कहो. वेटर ने कहा कि आपका एलबो गार्ड बल्ले के स्विंग को रोकता है. वह वेटर पूरी तरह से सही था. ‘ सचिन ने इस घटना का जिक्र इस बात को स्थापित करने के लिए किया कि किसी भी शख्स को नए विचारों के लिए अपना दिमाग खुला रखना चाहिए.
मास्टर ब्लास्टर ने कहा, ‘ मैं इसे लेकर असुविधा महसूस करता था, लेकिन अपनी ओर से इस बारे में सोचा नहीं था. कुछ वर्षों के बाद मेरे एलबो गार्ड में चोट लगी और इससे दर्ज हुआ. ऐसे समय मुझे महसूस हुआ कि एलबो गॉर्ड की पैंडिंग करना पर्याप्त होगा. मैंने अपने एलबो गॉर्ड को नए सिरे से डिजाइन किया.’ सचिन ने हल्के-फुल्के अंदाज में कहा कि भारत में एक पान वाले से लेकर सीईओ तक आपको राय दे सकता है लेकिन आपको आइडियाज के लिए अपना दिमाग खुला रखना चाहिए. वर्ष 2013 में रिटायर हुए सचिन ने तीनों तरह के फॉर्मेट के क्रिकेट में 34 हजार से अधिक रन बनाए जिसमें 100 इंटरनेशनल शतक शामिल रहे. सचिन तेंदुलकर इस समय सौरव गांगुली और वीवीएस लक्ष्मण के साथ बीसीसीआई की सलाहकार समिति का हिस्सा हैं.