अजीत सिन्हा की रिपोर्ट
सोहना:एसडीएम सोनू भट्ट की निगरानी में आज रायसीना की पहाड़ियों में अवैध निर्माण गिराने का अभियान चलाया गया। इस दौरान 6 जेसीबी मशीन लगाकर नाजायज रूप से बनाए जा रहे 12 पक्के निर्माणों की दीवारों को ढहाया गया। प्रशासन की इस मुहिम से संरक्षित अरावली वन क्षेत्र में अवैध निर्माण करने वाले लोगों में हड़कंप मच गया। एसडीएम सोनू भट्ट ने बताया कि उपमंडल प्रशासन की ओर से रायसीना पहाड़ी में बनाए जा रहे फार्म हाउसों का सर्वे करवाया गया था। जिसके बाद अवैध निर्माण करने वाले लोगों को सात दिन का नोटिस जारी किया गया। नोटिस दिए जाने के बावजूद जो लोग संतोषजनक जवाब नहीं दे पाए, उनके निर्माण कार्य आज तोड़ने की कार्रवाई की गई। इस दौरान कुछ लोगों ने कागजात दिखाकर जेसीबी मशीनों को रोकने का प्रयास किया, लेकिन अपने पक्ष में वे कोई पुख्ता सबूत नहीं पेश कर पाए।
सोहना के खंड विकास एवं पंचायत अधिकारी राजेश तिवाना को बतौर ड्यूटी मजिस्ट्रेट यहां तैनात किया गया। उनके साथ नगर परिषद की कार्यकारी अधिकारी सुमन लता, कानूनी सहायक संदीप राठी, नगर परिषद अभियंता नरेंद्र तनेजा, पुलिस बल के साथ भोंडसी थाना के सब इंस्पेक्टर संत कुमार, जेई दिगंबर इत्यादि मौजूद रहे।आज की कार्रवाई में रायसीना हिल पर किए जा रहे निर्माण सी-97, सी-20, बी-66, डी-31, 22 एकड़ के विशाल क्षेत्र में जी 8-9 के सामने बनाए जा रहे 7 फार्म हाउसों और ए 2-5 फार्म को जेसीबी मशीनों से ध्वस्त कर दिया गया। कुल 12 अवैध निर्माण आज गिराए गए।एसडीएम सोनू भट्ट ने बताया कि अभी 8 और नोटिस नगर परिषद ने जारी किए हैं। इनमें भी किसी ने उचित जवाब नहीं दिया तो उनके विरुद्ध सख्त कार्रवाई होगी। यह कार्रवाई पूरी पारदर्शिता और निष्पक्षता के आधार पर की जा रही है। एसडीएम ने बताया कि सर्वोच्च न्यायालय ने भी अरावली वन क्षेत्र को संरक्षित रखने के लिए यहां अवैध निर्माण तथा अवैध खनन कार्य पर रोक लगाई हुई है। अरावली वन संरक्षण अधिनियम व पंजाब राजस्व भूमि संरक्षण अधिनियम के अंतर्गत रायसीना की पहाड़ियों में गैर कानूनी निर्माण कार्य वर्जित है। उल्लेखनीय है कि पिछले दिनों डीसी निशांत कुमार यादव ने भी अपने कार्यालय में अधिकारियों की बैठक बुलाकर उन्हें अरावली की पहाड़ियों में अवैध कब्जे हटवाने के निर्देश दिए थे।
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