अजीत सिन्हा की रिपोर्ट
नई दिल्ली:दिसंबर 2022 में दिल्ली में बीके कुल वाहनों में इलेक्ट्रिक वाहन (ईवी) बिक्री का योगदान 16.8% रहा। यह भारत में किसी भी राज्य द्वारा अब तक का सबसे अधिक मासिक ईवी योगदान है। अगर हाइब्रिड-पेट्रोल वाहनों की बिक्री को शामिल किया जाए, तो महीने में योगदान बढ़कर 20.5% हो जाएगा। दिसंबर में, दिल्ली ने 86% की सालाना वृद्धि के साथ 7,046 इलेक्ट्रिक वाहन पंजीकृत किए। दिल्ली ईवी नीति 7 अगस्त 2020 को लांच की गयी थी जिसमे 2 पहिया (2W) और 3 पहिया (3W) वाहनों को प्राथमिकता वाहन खंड के रूप में रखा गया गया था। दिल्ली ईवी नीति का लक्ष्य इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देना है ताकि इसे तेजी से अपनाया जा सके।
इसके अंतर्गत लक्ष्य है कि 2024 तक बिकने वाले सभी नए वाहन का 25% ईवी हो। फरवरी 2021 में, मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली को स्वच्छ और प्रदूषण मुक्त बनाने में इलेक्ट्रिक वाहनों के लाभों के बारे में जागरूकता फैलाने के लिए स्विच दिल्ली अभियान शुरू किया था। दिसंबर महीने में ईवी की बिक्री के साथ, दिल्ली अपने लक्ष्य का दो-तिहाई हासिल करने के अपने मिशन के करीब है। नीति के लॉन्च के बाद से, दिल्ली में 31 दिसंबर 2022 तक 93,239 इलेक्ट्रिक वाहन पंजीकृत किए गए हैं। इनमें से 5,189 को 2020 (7 अगस्त 2020 से 31 दिसंबर 2020) में पंजीकृत किया गया, 25,809 इलेक्ट्रिक वाहनों को 2021 में पंजीकृत किया गया, जबकि 62,241 इलेक्ट्रिक वाहनों को 2022 में पंजीकृत किया गया। इस साल ईवी की बिक्री में 2021 की तुलना में 141% की वृद्धि हुई है।
अगर भारत की ईवी बिक्री की तुलना की जाए, तो 2022 में देश में कुल 10.03 लाख ईवी बेची गईं और ईवी की बिक्री में 4.73% का योगदान रहा जबकि दिल्ली का ईवी योगदान 10.24% जितना अधिक था। दिल्ली में दोपहिया ई वाहनों की बिक्री ज़बरदस्त उछल देखा गया है। 2021 में 29% की तुलना में 2022 में हाई स्पीड 2 व्हीलर्स बिक्री का योगदान लगभग 55% था। वहीँ ई-रिक्शा, इलेक्ट्रिक ऑटो और सामान ढोने वाले वाहनों की बिक्री का योगदान 35% था। 4 पहिया वाहनों के तहत, निजी कारों का पंजीकरण वाणिज्यिक कैब की तुलना में अधिक था। बस खंड ने 0.6% का अच्छा योगदान दिया, जहां 2022 में कुल 399 बसें पंजीकृत की गईं। ई-साइकिलों पर डेटा शामिल नहीं किया गया है क्योंकि ये आरटीओ के तहत पंजीकृत नहीं हैं। जून 2022 में ई-साइकिल पर प्रोत्साहन योजना की घोषणा के बाद से दिल्ली में पहले ही 500+ ई-साइकिल बिक चुके हैं।दिल्ली ईवी नीति की सफलता का श्रेय “i3” मॉडल-इंसेंटिवाईज़ेसन, इनोवेशन और इन्क्लुजन को दिया जा सकता है। पहला “i” जो प्रोत्साहन है, दिल्ली में ईवी की बिक्री को आगे बढ़ाने के लिए एक महत्वपूर्ण स्तंभ रहा है। सभी इलेक्ट्रिक वाहनों पर जीरो रोड टैक्स और पंजीकरण शुल्क के साथ-साथ अच्छी सब्सिडी राशि के कारण 2W और 3W प्राथमिकता वाले वाहन सेगमेंट में तेजी आई है। गौरतलब है कि दिल्ली सरकार अब तक वाहन सब्सिडी के रूप में 130 करोड़ रुपये का प्रोत्साहन पहले ही दे चुकी है। दूसरा “आई” जो इनोवेशन है, घरों या अर्ध-सार्वजनिक स्थानों पर ईवी चार्जर खरीदने और स्थापित करने के लिए सिंगल विंडो जैसी ऑनलाइन अनुकूल पारदर्शी सुविधाओं को बढ़ावा देती है। दिल्ली सरकार 4.5 रुपये प्रति यूनिट पर ईवी टैरिफ प्रदान कर रही है, जो भारत में सबसे कम है। अंतिम “i” समावेशन है जो मुख्य रूप से ईवी नीति के प्रारूपण के बाद से प्रासंगिक हितधारकों को शामिल करने के बारे में है जैसे की महिलाओं को ईवी क्रांति में सबसे आगे लाना जैसे 4261 ई-ऑटो परमिटों में से 33% परमिट आरक्षित करना, बेहतर सार्वजनिक परिवहन पर जोर देना, प्रदूषण मुक्त 100% इलेक्ट्रिक बसें आदि शामिल हैं। इस अवसर पर, दिल्ली के परिवहन मंत्री, कैलाश गहलोत ने कहा, “मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व में दिल्लीवासियों ने दिल्ली को देश की ईवी राजधानी बनने में अग्रिम भूमिका निभाई है। हमने कभी भी खुद को एक सेगमेंट तक सीमित नहीं रखा है बल्कि इसे सफल बनाने के लिए एक समग्र दृष्टिकोण रखा है। इलेक्ट्रिक वाहनों की संख्या बढ़ने के साथ, हम शहर भर में कुल 2300+ चार्जिंग पॉइंट और 200+ बैटरी स्वैपिंग स्टेशनों के साथ आवश्यक निजी और सार्वजनिक चार्जिंग बुनियादी ढांचे के साथ भी तैयार हैं। डीटीएल टेंडर के तहत, 100 साइटों में से 11 पहले से ही चालू है, बाकी मार्च तक चालू हो जाएंगी, जहां कोई भी अपने वाहनों को करीबन 2 रुपये प्रति यूनिट के दर से चार्ज कर सकता है जो भारत में सबसे कम दर है। सरकार 2025 तक 10,000+ बसों के लिए 56 डिपो के विद्युतीकरण पर 1500 करोड़ रुपये से अधिक खर्च कर रही है। मैं दिल्ली ईवी नीति को सफल बनाने के लिए सभी हितधारकों और दिल्ली के नागरिकों को धन्यवाद देना चाहता हूं।”
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