अजीत सिन्हा की रिपोर्ट
नई दिल्ली:हस्तशिल्प भारतीय संस्कृति और कला का एक अहम हिस्सा है और इसके प्रश्रय देने के लिए केजरीवाल सरकार प्रतिबद्ध है। इस दिशा में इंडस्ट्री डिपार्टमेंट द्वारा गुरुवार को दिल्ली सचिवालय के ऑडिटोरियम में आयोजित कार्यक्रम में उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने हैंडीक्राफ्ट के क्षेत्र में शानदार प्रदर्शन करने वाले 16 शिल्पकारों को वर्ष 2018 व 2019 के ‘स्टेट हैंडीक्राफ्ट अवार्ड’ से सम्मानित किया. साथ ही इन कलाकारों के आर्ट-वर्क को दिखाने के एक प्रदर्शनी भी लगाई गई। इस मौके पर उपमुख्यमंत्री ने कहा कि हस्तकला भारत की बहुमूल्य सांस्कृतिक धरोहर का एक प्रतीक है.
इस उद्योग का हमारे देश की अर्थव्यवस्था में विशेष रूप से रोजगार उत्पादन और निर्यात के क्षेत्र में महत्वपूर्ण स्थान है और हमारे कलाकारों के अथक प्रयास एवं मेहनत की बदौलत देश में हस्तकला का निर्यात बढ़ा है जिससे अर्थव्यवस्था में योगदान मिला है। उन्होंने कहा कि दिल्ली देश के हस्तशिल्प केंद्रों में प्रमुख स्थान पर रहा है। यहां के मीना कारी, जरी-जरदोजी,धातु पर नक्काशी, काष्ठ कला, लघु चित्र, मधुबनी चित्रकारी, खिलौने और गुड़िया बनाना और कालीन बुनाई आदि जैसे हस्तशिल्प की विश्व-भर में सराहना की जाती है। उन्होंने आगे कहा कि दुनिया भर में विभिन्न संग्रहालय हैं जिनमें भारत के सैकड़ों हस्तशिल्प प्रदर्शित हैं। जापान में “मिथिला संग्रहालय” है जो बिहार की लोक कला मधुबनी पेंटिंग को समर्पित है। संग्रहालय में ऐसी 800 से अधिक पेंटिंग हैं। इसी तरह, ब्रिटिश कला संग्रहालय में दक्षिण भारत के 1000 से अधिक लोक चित्र हैं। यानी भारत के पास इस क्षेत्र में काफी संभावनाएं हैं।
सिसोदिया ने कहा कि हस्तशिल्प क्षेत्र को और बढ़ावा देने के लिए इस क्षेत्र को प्रौद्योगिकी से जोड़ने की जरूरत है। कारीगरों को टेक्नोलॉजी का उपयोग करना चाहिए और पूरी दुनिया में अपनी उपस्थिति ऑनलाइन दर्ज करनी चाहिए। सरकार उन्हें अपना व्यवसाय ऑनलाइन करने में मदद करने के लिए सभी सहायता प्रदान करेगी। उन्होंने कहा, “अगर ऑनलाइन एक्सपोजर न होने के बिना भी हस्तशिल्प कारीगर अर्थव्यवस्था में प्रमुख योगदानकर्ता हैं, तो कल्पना करें कि अगर वे ऑनलाइन दुनिया में प्रवेश करते हैं तो वे देश में कितना व्यापार लाएंगे। इसके लिए कारीगर अपनी अगली पीढ़ी से भी मदद ले सकते हैं जिनके पास तकनीक और कला दोनों का समृद्ध अनुभव है।उपमुख्यमंत्री ने कहा कि वर्तमान में भारत में प्रत्यक्ष रूप से 70 लाख व परोक्ष रूप से 2 करोड़ लोग हस्तशिल्प उद्योग में शामिल है। ये कृषि के बाद ऐसा बड़ा सेक्टर है जिसमें इतनी संख्या में लोग शामिल है उसके बाद भी कुल निर्यात में इस सेक्टर का योगदान केवल 1.5% ही है। इसलिए इस उद्योग को टेक्नोलॉजी के साथ जोड़ते हुए हमें वैश्विक प्लेटफ़ॉर्म पर लेकर जाना है और इसे कुल निर्यात के 10% तक पहुंचाना है। बता दे कि इस स्टेट अवार्ड में 2 प्रकार के पुरस्कार शामिल है। पहला अवार्ड ‘स्टेट हैंडीक्राफ्ट अवार्ड’ है जिसके विजेताओं को 30,000 रुपये की पुरस्कार राशि प्रदान की जाती है। वही दूसरा अवार्ड ‘स्टेट हैंडीक्राफ्ट एक्सीलेंस अवार्ड’ है जिसके विजेताओं को 20,000 रुपये की पुरस्कार राशि दी जाती है। आज के कार्यक्रम में मीरा झा, सुमित्रा देवी व मुकेश कुमार को वर्ष 2018 के ‘स्टेट हैंडीक्राफ्ट अवार्ड’ से सम्मानित किया गया वही हसन शेख, सपना कर्ण, गौरव पाठक, शीला देवी व मनीष शर्मा को वर्ष 2018 के ‘स्टेट हैंडीक्राफ्ट एक्सीलेंस अवार्ड’ से सम्मानित किया गया। साथ ही दीपांशु वर्मा, ऋतु संगल व अमित धवन को वर्ष 2019 के ‘स्टेट हैंडीक्राफ्ट अवार्ड’ से सम्मानित किया गया वही पूनम, पदमा खरे, विक्की, रजनी किरण झा व रामवती को वर्ष 2019 के ‘स्टेट हैंडीक्राफ्ट एक्सीलेंस अवार्ड’ से सम्मानित किया गया।
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