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चंडीगढ़ हरियाणा हाइलाइट्स

16वें वित्त आयोग ने की मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी और आला अधिकारियों के साथ बैठक

अजीत सिन्हा की रिपोर्ट 
चंडीगढ़: 16वें वित्त आयोग के अध्यक्ष डॉ. अरविंद पनगढ़िया और सदस्यों ने सोमवार को हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी व राज्य के आला अधिकारियों के साथ बैठक की। मुख्यमंत्री, जिनके पास वित्त मंत्री का प्रभार भी है, ने वरिष्ठ अधिकारियों के साथ राज्य के वित्तीय मामलों और रणनीतियों पर विस्तार से चर्चा की। बैठक में हरियाणा के आर्थिक ढांचे से संबंधित वित्तीय मुद्दों का समाधान और संसाधनों के आवंटन को बढ़ाने पर चर्चा की गई। मुख्यमंत्री  नायब सिंह सैनी के मार्गदर्शन में मुख्य सचिव अनुराग रस्तोगी, सूचना, जनसंपर्क, भाषा एवं संस्कृति विभाग के आयुक्त एवं सचिव डॉ. अमित अग्रवाल तथा और शहरी स्थानीय निकाय विभाग के महानिदेशक पंकज ने वर्ष 1966 से लेकर हरियाणा के भारत के आर्थिक ढांचे में प्रमुख योगदानकर्ता बनने तक की यात्रा पर एक विस्तृत प्रस्तुतीकरण दिया। इस प्रस्तुति में हरियाणा के मजबूत आर्थिक प्रबंधन और भविष्य के लिए रोडमैप को रेखांकित किया गया। 

राज्य के आर्थिक प्रदर्शन के बारे में जानकारी देते हुए आयोग को अवगत कराया गया कि वर्ष 2024–25 के लिए हरियाणा का सकल राज्य घरेलू उत्पाद (GSDP ) 6,77,033 करोड़ रुपए अनुमानित है। देश में प्रमुख राज्यों में हरियाणा 3,53,182 रुपए प्रति व्यक्ति आय के साथ दूसरे स्थान पर है। इसके अतिरिक्त ,हरियाणा देश का पहला राज्य है जिसने राज्य में सभी फसलों की न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीद सुनिश्चित की है। समावेशी विकास के प्रति हरियाणा की प्रतिबद्धता को रेखांकित करते हुए आयोग को अवगत कराया गया कि राज्य ने गरीबी रेखा से नीचे परिवारों की पहचान हेतु वार्षिक आय सीमा 1.80 लाख रुपए निर्धारित की है। स्वास्थ्य क्षेत्र में, आयुष्मान भारत और चिरायु स्वास्थ्य बीमा योजनाओं के तहत हरियाणा की 61.84 प्रतिशत जनसंख्या यानी 47 लाख परिवारों को स्वास्थ्य सेवाओं का कवरेज प्राप्त हो चुका है। आयोग को अवगत कराया गया कि केंद्र से कम हिस्से (सेंट्रल डेवल्यूशन) के बावजूद राज्य का राजकोषीय घाटा और देनदारियां वित्त आयोग द्वारा निर्धारित लक्ष्यों के भीतर ही रही है। वर्ष 2024-25 में भारत के कुल जीएसटी संग्रहण में योगदान के मामले में हरियाणा पांचवें स्थान पर है। इसके अलावा, प्रति व्यक्ति जीएसटी संग्रहण में हरियाणा प्रमुख राज्यों में पहले स्थान पर है। हरियाणा की वित्त प्रबंधन और कर प्रशासन व्यवस्था उल्लेखनीय है। आयोग को अवगत कराया गया कि सतत विकास लक्ष्यों के भारत सूचकांक में हरियाणा ने ‘परफॉर्मर’ श्रेणी से ‘फ्रंट रनर’ श्रेणी में स्थान प्राप्त किया है और वर्ष 2023–24 में राष्ट्रीय स्तर पर 13वां स्थान हासिल किया है। भविष्य की योजनाओं और रोडमैप को साझा करते हुए आयोग को ‘मिशन हरियाणा@2047’ के बारे में अवगत कराया गया। इसका लक्ष्य हरियाणा को 1 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था तक पहुंचाना और 50 लाख रोजगार सृजित करना है। इस विजन के अंतर्गत स्टार्टअप इकोसिस्टम को सशक्त करने हेतु ‘फंड ऑफ फंड्स’ की स्थापना और ‘इनोवेशन हब’ के निर्माण की पहल की जाएंगी। इसके अतिरिक्त युवाओं को और सशक्त बनाने के लिए, राज्य ने संकल्प प्राधिकरण शुरू करने की योजना बनाई है, जो युवा मार्गदर्शन और नशा मुक्ति पर केंद्रित है। इसके अतिरिक्त, शासन में चुनौतियों का समाधान और नवाचार को बढ़ावा देने के लिए डिपार्टमेंट ऑफ फ्यूचर की स्थापना की जा रही है। साथ ही ‘हरियाणा एआई मिशन’ के तहत एआई हब की स्थापना और 50,000 युवाओं को प्रशिक्षण प्रदान करने की योजना भी बनाई गई है।मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी के कुशल नेतृत्व में वर्तमान राज्य सरकार ने संतुलित, समावेशी और सतत विकास के लिए अपनी प्रतिबद्धता को दोहराया। आयोग को राज्य के मजबूत आर्थिक प्रदर्शन, प्रगतिशील सुधारों और रणनीतिक निवेशों के बारे में आश्वस्त किया गया, जो आने वाले दशकों में हरियाणा को भारत की विकास यात्रा का एक प्रमुख वाहक बना देगा। मुख्यमंत्री के मुख्य प्रधान सचिव राजेश खुल्लर ने कहा कि मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी के नेतृत्व में हरियाणा सरकार जनता के लिए विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं को सक्रिय रूप से लागू कर रही है। उन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला कि भारत सरकार द्वारा शुरू की गई आयुष्मान भारत योजना के तहत, शुरुआत में हरियाणा में केवल 9 लाख परिवार ही लाभ के पात्र थे। योजना के मानदंडों में एसईसीसी सूची में सूचीबद्ध परिवार, जिनकी वार्षिक आय 1,20,000 रुपये तक है,लाभ के पात्र थे। राजेश खुल्लर ने इस बात पर जोर दिया कि हरियाणा सरकार के द्वारा  एक कदम और बढ़ाते हुए ‘चिरायु हरियाणा योजना’ के माध्यम से, अतिरिक्त 32 लाख परिवारों को स्वास्थ्य सेवा लाभ प्रदान किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार केवल 9 लाख परिवारों के लिए ही लाभ की प्रतिपूर्ति करती है, जबकि हरियाणा सरकार राज्य की अपनी राजस्व प्राप्तियों से शेष परिवारों के लिए कवरेज को वित्तपोषित कर रही है। उन्होंने आगे सुझाव दिया कि आयोग को केंद्रीय निधि आवंटन पर विचार करते समय राज्य की इस महत्वपूर्ण पहल को ध्यान में रखना चाहिए, तथा सिफारिश की कि व्यापक पैमाने पर केंद्रीय योजनाओं को लागू करने वाले राज्यों को स्टेट-स्पेसिफिक ग्रांट्स मिलनी चाहिए। मुख्यमंत्री के मुख्य प्रधान सचिव ने आयोग को आश्वासन दिया कि राज्य सरकार जल्द ही केंद्र प्रायोजित योजनाओं के तहत हरियाणा के लिए धन के विभाजन के संबंध में एक विस्तृत ज्ञापन प्रस्तुत करेगी। बैठक में 16वें वित्त आयोग के सदस्य श्रीमती एनी जॉर्ज मैथ्यू, अजय नारायण झा, डॉ. मनोज पांडा, डॉ. सौम्या कांति घोष, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव अरुण कुमार गुप्ता, सूचना जनसंपर्क भाषा एवं संस्कृति विभाग के महानिदेशक श्री के.एम. पांडुरंग सहित सभी प्रशासनिक सचिव मौजूद रहे। 

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