अजीत सिन्हा की रिपोर्ट
गुरूग्राम:दक्षिण हरियाणा बिजली वितरण निगम द्वारा गुरुग्राम में बिजली आपूर्ति प्रणाली को स्मार्ट बनाने और निवासियों को निर्बाध बिजली उपलब्ध करवाने के लिए स्मार्ट ग्रिड परियोजना पर तेजी से काम चल रहा है। प्रबंध निदेशक अमित खत्री ने आज स्मार्ट ग्रिड परियोजना की समीक्षा करते हुए बताया कि स्मार्ट ग्रिड परियोजना के तहत गुरुग्राम में 3 लाख 77 हज़ार में से अब तक 234148 स्मार्ट मीटर लगाए जा चुके हैं। खुले तारों की जगह 2029 किलोमीटर लंबाई की एचटी केबल में से 1748 किलोमीटर लंबाई में एचटी केबल अंडर ग्राउंड डाली जा चुकी है। इसके साथ ही 580 स्मार्ट फीडर में 437 फीडर बिछाए जा चुके हैं। उनमें से अब तक 400 स्मार्ट फीडर चालू किए जा चुके हैं। इसमें 280 शहरी व औद्योगिक फीडर और 120 इंडिपेंडेंट फीडर हैं। स्मार्ट ग्रिड के इन फीडरों में ब्रेक डाउन और ट्रिपिंग में 80 प्रतिशत की कमी आई है।
उन्होंने बताया कि भूमिगत किए गए डीएलएफ सब डिवीजन के सभी 148 फीडर और न्यू कॉलोनी सब डिवीजन के सभी 40 फीडर चालू हो चुके हैं। इसके साथ ही मारुति सब डिवीजन के 110 में से 81, साउथ सिटी सब डिवीजन के 131 में से 64, सोहना रोड सब डिवीजन के 79 में से 78, आईडीसी सब डिवीजन के 48 में से 24 और कादीपुर सब डिवीजन के 64 में से 5 फीडर चालू किए जा चुके हैं। इनका लाभ भी उपभोक्ताओं को मिलना शुरू हो गया है।प्रबंध निदेशक ने बताया कि अभी तक एचटी केबल बिछाने का कार्य 86 प्रतिशत और फीडर बिछाने का कार्य 75 प्रतिशत पूरा हो चुका है। फीडर पर लोड चार्ज करने का कार्य 69 प्रतिशत हुआ है। शहर के सौंदर्य को भी ध्यान में रखते हुए इस परियोजना में तेजी लाने के निर्देश दिए हैं।
इस परियोजना के तहत भूमि के ऊपर 11केवी की डिस्ट्रीब्यूशन लाइनों को अंडरग्राउंड करने का काम किया जा रहा है और लो ट्रांसमिशन लाइनों पर बड़े कंडक्टर लगाकर सुधार किया जा रहा है। यही नहीं, 11 केवी हाई ट्रांसमिशन लाइनों के साथ-साथ ऑप्टिकल फाइबर भी बिछाई जा रही हैं जो कम्युनिकेशन नेटवर्क में प्रयोग होंगी।
प्रबंध निदेशक ने बताया कि इस परियोजना के तहत सुपरवाइजरी कंट्रोल एंड डाटा एक्युजिशन सिस्टम (स्काडा) बनाने का कार्य भी शुरू हो रहा हैै, जो कि एक कंट्रोल रूम की तरह काम करेगा और एक फीडर पर ब्रेकडाउन होने पर दूसरे फीडर से तुरंत प्रभाव से सप्लाई चालू की जा सकेगी। लोड कम या ज्यादा होने की समस्या वाले फीडरों का लोड भी कंट्रोल रूम के माध्यम से बैलेंस किया जा सकेगा।खत्री ने कहा कि फीडर अंडर ग्राउंड होने से लोगों को भूमि के ऊपर 11 केवी की तारें देखने को नहीं मिलेगी और उपभोक्ताओं को बिजली की लटकती तारों से भी निजात मिलेगी। भूमि के ऊपर लगाए गए फीडर पर मौसम परिवर्तन के दौरान बिजली आपूर्ति में काफी दिक्कत होती है। वर्षा, आंधी, तूफान आदि के दौरान ओवरहेड लाइन में ट्रिपिंग की संभावना ज्यादा होती है और पूरा फीडर ही ब्रेकडाउन हो जाता है। पेड़ों की निरंतर छटाई करनी पड़ती है। साथ लगते क्षेत्रों से गुजरती बिजली तारों के कारण नुकसान की आशंका बनी रहती है। इन सब कारणों से निजात दिलाने के लिए इस योजना को शीघ्र पूरा किया जाएगा। उन्होंने बताया कि इस परियोजना के पूर्ण होने पर पेड़ों की छटाई व कटाई भी नहीं करनी पड़ेगी, जिससे कार्बन फुट प्रिंट भी न्यूनतम होंगे और वातावरण भी पर्यावरण के अनुकूल रहेगा। स्मार्ट ग्रिड बनने से मौसम परिवर्तन में बिजली आपूर्ति सुचारू रहने की संभावना अधिक होती है। अंडर ग्राउंड बिजली लाइन में आधुनिक उपकरण लगाए जा रहे हैं। रिंग मेन यूनिट (आर एम यू) के द्वारा बाधा होने की स्थिति में बिजली आपूर्ति सुचारू करने में कम समय लगता है। ज्यादा उपभोक्ता भी प्रभावित नहीं होते हैं और आपूर्ति शीघ्र बहाल हो जाती है।
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