अजीत सिन्हा की रिपोर्ट
नई दिल्ली:दिल्ली सरकार द्वारा त्यागराज स्टेडियम में देशभक्ति करिकुलम की पहली वर्षगांठ बड़ी धूमधाम के साथ मनाई गई। इस दौरान छात्रों और शिक्षकों ने अपने अनुभव साझा किए। सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि बच्चों के अंदर हमेशा इंडिया फर्स्ट का भाव पैदा करना ही देशभक्ति करिकुलम का मकसद है। इस करिकुलम के तीन उद्देश्य हमेशा इंडिया फर्स्ट, स्वतंत्रता सेनानियों को याद रखना और अपनी नागरिक जिम्मेदारियों को समझना हैं। पिछले कुछ वर्षों में हमने सरकारी स्कूलों में तीन नए कोर्सेस हैप्पीनेस, आंत्रप्रेन्योरशिप और देशभक्ति क्लासेज शुरू किए। हैप्पीनेस क्लास में बच्चों को अच्छा इंसान और देशभक्ति क्लासेज में अच्छा नागरिक बनना सिखाया जाता है, जबकि आंत्रप्रेन्योरशिप क्लासेज में बच्चों को कम से कम अपना पेट पालने लायक बनना सिखाया जाता है।
मुूझे लगता है कि पूरी दुनिया में ये तीनों कोर्स पहली बार दिल्ली में प्रयोग किए जा रहे हैं और एक दिन यहां से निकल कर ये कोर्स पूरी दुनिया में फैलेंगे। सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि सभी शिक्षक हर बच्चे में भारत को नंबर वन बनाने का विचार अवश्य भरें, ताकि हर बच्चा इस भाव के साथ स्कूल से निकले कि मुझे भारत को नंबर बनाना है। अगर 130 करोड़ लोग भारत को नंबर वन बनाने के भाव के साथ काम करने लग गए, तो भारत को नंबर वन बनने से कोई नहीं रोक सकता। दिल्ली सरकार द्वारा आज त्यागराज स्टेमियम में देशभक्ति करिकुलम के एक साल पूरे होने के अवसर पर पहली वर्षगांठ बड़ी धूमधाम के साथ मनाई गई।
प्रोग्राम की शुरुआत करीब चार बजे स्कूली बच्चों के बैंड के परफॉर्म साथ हुई। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, उपमुख्यमंत्री एवं शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया समेत अन्य गणमान्यों के साथ दीप प्रज्वलित कर प्रोग्राम की औपचारिक शुरुआत की। इसके बाद देशभक्ति कोर टीम की सदस्य संगीता शर्मा ने शहीद-ए-आजम भगत सिंह समेत अन्य देशभक्तों के बारे में देशभक्ति ध्यान कराया और शिक्षा विभाग की एडिशनल डायरेक्टर डॉ. रीता शर्मा ने देशभक्ति करिकुलम को लेकर अपने अनुभवों को साझा किया। इस अवसर पर शिक्षा निदेशक हिमांशु गुप्ता, एससीईआरटी के निदेशक रजनीश कुमार समेत शिक्षा विभाग के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे।
*देशभक्ति क्लासेज में जो पढ़ाया जा रहा है, उसका भाव जिन्दगी भर बच्चों में रहेगी- अरविंद केजरीवाल*
इस अवसर पर सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि एक साल पहले आज ही के दिन हम लोगों ने देशभक्ति करिकुलम को शुरू किया था। इसको लेकर कई साल से हमारे दिमाग में विचार चल रहा था। मन में एक भाव था कि स्कूलों में हम फिजिक्स, केमिस्ट्री, बॉयोलॉजी और भूगोल पढ़ाते हैं, लेकिन हम स्कूल में बच्चों के अंदर देश के प्रति वो जज्बा पैदा नहीं करते हैं। इतने सालों के बाद मुझे फिजिक्स, केमिस्ट्री, बॉयोलॉजी, ट्रिग्नामेट्री याद नहीं है, लेकिन आज स्कूलों में देशभक्ति क्लासेज के अंदर जो पढ़ाया जा रहा है, वो भाव बच्चों के अंदर जिन्दगी भर रहने वाली है। इसीलिए मेरे में एक भाव था कि ऐसा क्यों हैं कि हम अपने बच्चों को देशभक्ति नहीं सीखाते हैं। फिर एक भाव आया कि क्या देशभक्ति सिखाई जा सकती है। जो व्यक्ति पूरी तरह अनपढ़ है और कभी स्कूल नहीं गया है, वो भी देशभक्त होता है। तो फिर स्कूल में क्या पढ़ाना है। क्या उसी देशभक्ति के जज्बे को हर बच्चे के अंदर और गहरा करना है और एक दिशा देनी है। हमारे देशभक्ति करिकुलम के तीन मकसद हैं। पहला, बच्चे के अंदर हर क्षण इंडिया फर्स्ट का भाव होना चाहिए। हम देखते हैं, जब कई बार ऐसे मौके आते हैं कि कोई मुद्दा है, जिस पर मेरा खुद का हित है, जो देश के हित के साथ टकराव कर रहा है। अगर मैं स्वार्थी हूं, तो देश का नुकसान हो रहा है। इसमें हमें अपना स्वार्थ छोड़कर देश के लिए काम करना है। कई क्षण आते हैं, जब मेरे परिवार, मेरे बच्चों, मेरे माता-पिता का हित है, लेकिन वो देश के हित के साथ टकराव कर रहा है। उसमें हमें अपने परिवार के हित को छोड़कर अपने देश के लिए काम करना है। हर बच्चे के अंदर यह भाव पैदा करना है कि कभी भी कुछ भी हो, लेकिन हमेशा भारत माता को आगे रखना है। बाकी सारे हित बाद में होने चाहिए।