पूजा शर्मा , नई दिल्ली : वित्तमंत्री अरुण जेटली ने बुधवार को आम बजट पेश किया। इस बार कुछ अहम बदलाव देखने को मिला है। 93 साल में ऐसा पहली बार हुआ कि जब रेल बजट अलग पेश नहीं होगा। यही नहीं पहली बार आम बजट फरवरी की आखिरी तारीखों की बजाय 1 फरवरी को पेश हुआ। इसी में रेल बजट को समाहित किया गया।
पिछले साल की तरह इस बार भी दिल्ली-एनसीआर को लेकर ट्रेनों के संचालन और इसकी संख्या में बढ़ोतरी को लेकर लोगों को बड़ी उम्मीदें थीं, लेकिन ऐसा कुछ नहीं हुआ। पिछले साल रेल बजट में रेल मंत्री सुरेश प्रभु ने दिल्ली-एनसीआर ने कई बड़े एलान किए थे। कुछ समय से दिल्ली में ट्रैफिक और पल्यूशन की समस्या काफी चर्चा का विषय रही है। दिल्ली सरकार के ऑड-ईवन फॉर्म्यूले के बाद रेलमंत्री सुरेश प्रभु ने इसी दिशा में बड़ा कदम बढ़ाते हुए रेल बजट 2016 में रिंग रेल नेटवर्क की घोषणा की थी। रिंग रेल नेटवर्क दिल्ली के विभिन्न 21 स्थानीय स्टेशनों को आपस में जोड़ेगा।
हालांकि मौजूदा समय में भी दिल्ली में रिंग रेल नेटवर्क चलाया जा रहा है, लेकिन इसकी स्थिति बहुत अच्छी नहीं है। रेल यात्रियों का कहना है कि इस रूट पर ईएमयू बहुत कम हैं और जो हैं भी वह बहुत देरी से चलती हैं।रेलमंत्री सुरेश प्रभु ने इसी नेटवर्क को बेहतर बनाने के लिए 4 महीने का समय मांगा था और इसके लिए पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप मॉडल के तहत विकसित करने की बात कही थी। लमंत्री ने बताया था कि करीब 36 किलोमीटर लंबे इस रिंग रेल नेटवर्क के तहत 21 स्टेशनों को शामिल किया जाएगा। यह नेटवर्क स्थानीय परिवहन व्यवस्था को मजबूत करने के साथ-साथ पर्यावरण को प्रदूषण मुक्त रखने में भी मददगार होगा।
यह रिंग रेल नेटवर्क हजरत निजामुद्दीन स्टेशन से शुरू होकर लाजपत नगर, सेवा नगर, लोधी कॉलोनी, सरोजनी नगर, चाणक्यपुरी, सफदरजंग, सरदार पटेल मार्ग, बराड़ स्क्वैयर, इंद्रपुरी हाल्ट, नारायणा विहार, कीर्ति नगर, पटेल नगर, दया बस्ती, विवेकानंदपुरी, किशनगंज, सदर बाजार, शिवाजी ब्रिज और प्रगति मैदान होते हुए दोबारा हजरत निजामुद्दीन स्टेशन पर खत्म होता है। फिलहाल इस नेटवर्क पर एक चक्कर पूरा करने में लगभग 90 मिनट का समय लगता है।