अजीत सिन्हा की रिपोर्ट
गुरुग्राम: ऑनलाइन शराब की बिक्री व डिलीवरी एंव ओएलएक्स पर सामानों की बेचने- खरीदने और सेक्सटॉर्शन के नाम पर लाखों की ठगी करने वाले एक गिरोह का थाना साइबर क्राइम की टीम ने पर्दाफाश किया हैं। पुलिस ने इस गिरोह के तीन सदस्यों को अरेस्ट किया हैं। अरेस्ट किए गए इन आरोपितों से पुलिस ने नगद 47200 रुपये, 4 मोबाइल फोन , एक एटीएम व 13 सिम कार्ड बरामद किए हैं , और इनके खातों को फ्रीज़ किया गया हैं। ये खुलासा आज एसीपी क्राइम प्रीतपाल सांगवान ने अपने कार्यालय के कांफ्रेंस हॉल में आयोजित प्रेस में किए हैं।
एसीपी क्राइम प्रीतपाल सांगवान ने आज पत्रकारों को संबोधित करते हुए कहा कि गत 25 जुलाई 2022 को एक व्यक्ति ने बताया कि किसी अज्ञात व्यक्ति द्वारा जगदीश वाइन शॉप से ऑनलाइन वाइन देने के नाम पर धोखाधड़ी करके उससे लगभग 105000/- रुपए ऐंठ लिए। इस संबंध में थाना साईबर क्राइम, गुरुग्राम में भारतीय दंड संहिता की धारा 419/420 IPC और 66 डी आईटी एक्ट दर्ज किया गया। इस मामले में थाना साईबर क्राइम पूर्व, गुरुग्राम की टीम ने 3 आरोपितों आकीब जावेद, तस्लीम खांन व साबिर को भरतपुर से गिरफ्तार किया गया।
उनका कहना हैं कि पूछताछ में ज्ञात हुआ कि ये Online Wine Delivery, OLX पर सामान/वाहन खरीदने/बेचने व Sextortion इत्यादि को माध्यम बनाकर रुपए ऐंठते/ठगते है। ठगी करने के लिए आकिब जावेद व तस्लीम खांन ईमेल, मैसेज, व्हाट्सएप मैसेज इत्यादि विभिन्न माध्यमों से लिंक भेजकर व कॉल करके लोगों से सम्पर्क करते थे। अकाउंट में रुपये आने के बाद ये लोग एटीएम मशीनों से व पीओएस के माध्यम से रुपये निकाल लेते है। आरोपित साबिर खांन उपरोक्त ठगी करने के लिए इन्हें फर्जी नाम पते के बैंक खाते व सिम कार्ड उपलब्ध कराया था। बैंक खातों में रुपए आने के बाद ये तुरंत बैंक खातों से रुपए निकाल लेते है और साबिर खान को भी उसमें से हिस्सा दे देते थे। इनके द्वारा प्रयोग किए गए बैंक खाते के अवलोकन से पाया गया है कि पिछले 15 दिनों में ही इन्होंने लगभग 25 लाख रुपए ठग लिए हैं। पुलिस टीम ने *इनके कब्जा से कुल 47200/- रुपये, 04 मोबाइल फोन, इसके द्वारा प्रयोग किए गए बैंक के खाता मे पंजीकृत सिम, एटीएम कार्ड व अन्य 13 सिम (कुल 14) बरामद* की गई हैं। ठगी के लिए इनके द्वारा प्रयोग किए जा रहे बैंक खाते को भी फ्रीज कराया गया है। आरोपितों को आज न्यायालय के सम्मुख पेश करके जेल भेज दिया गया है। मुकदमा अनुसंधान अधीन है।
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