अजीत सिन्हा की रिपोर्ट
नई दिल्ली:दिल्ली पुलिस की एनआर-1 क्राइम ब्रांच की टीम ने आज जम्मू एवं कश्मीर के पूर्व एमएलसी त्रिलोचन सिंह वजीर की उनके किराए के फ्लैट में गोली मार कर हत्या करने के सनसनी खेज मामले में 3 आरोपितों को अरेस्ट किया हैं। ये सनसनीखेज वारदात को 9- मार्च -2021 को एक सोची समझी साजिश के तहत अंजाम दिया गया था। इस मामले में थाना मोती नगर , दिल्ली केस नंबर -557/2021 को दर्ज किया गया था। इस केस में भारतीय दंड संहिता की धारा 302 ,201,120 बी, 174 ए, 34 आईपीसी व 25-27 आर्म्स एक्ट को दर्शाया गया था। बाद में इस केस को दिल्ली पुलिस की एनआर-1 क्राइम ब्रांच को आगे की कार्रवाई के लिए स्थानांतरित कर दी गई थी। अब इस टीम ने तीन लोगों को अरेस्ट किया हैं।
पुलिस के मुताबिक 9.3.2021 को त्रिलोचन सिंह वजीर दिल्ली के बसई दारापुर में दूसरी मंजिल पर स्थित एक फ्लैट में मृत पाए गए। उनका शव बंद फ्लैट के वॉशरूम में क्षत-विक्षत अवस्था में पड़ा मिला। मृतक के सिर में गोली मारी गई थी। इस संबंध में एफआईआर नंबर- 557/2021 ,भारतीय दंड संहिता की धारा 302/201/120 बी/174 ए/34 आईपीसी एंव 25/27 आर्म्स एक्ट, थाना मोती नगर, दिल्ली के तहत दर्ज किया गया था और जांच अपराध शाखा को स्थानांतरित कर दी गई थी।
उनका कहना हैं कि जांच के दौरान, सीसीटीवी फुटेज, तकनीकी विश्लेषण और बयानों के आधार पर मामले में निम्नलिखित तीन आरोपित व्यक्तियों को गिरफ्तार किया गया था। जिनके नाम राजेंद्र चौधरी, उम्र-33 साल गांव-गगोर, थाना विजयपुर, जिला-सांभा, जम्मू, बलबीर सिंह उर्फ़ बिल्ला, उम्र 67 वर्ष निवासी प्रीत नगर, डिगियाना, पीएस गांधी नगर, जम्मू व हरमीत सिंह, उम्र 61 वर्ष निवासी सेक्टर-11, गुरु नानक नगर, जम्मू हैं। उनका कहना हैं कि एक आरोपित हरप्रीत सिंह खालसा फरार है। जिस फ्लैट में लाश मिली थी, उसे फरार आरोपितों ने किराए पर ले रखा था। उसने कनाडा के लिए वीजा और हवाई टिकट प्राप्त करने की सुविधा के बहाने मृतक त्रिलोचन सिंह वजीर को अपने घर में ठहराया था, शुरु आत में हत्या का कारण मृतक के परिजनों से रंगदारी वसूलना बताया जा रहा है। हालांकि, फिरौती के लिए कोई कॉल नहीं की गई थी। मुख्य आरोपित के फरार होने के कारण हत्या की साजिश का पता नहीं चल सका है. जांच के दौरान मुख्य आरोपित हरप्रीत सिंह खालसा को अरेस्ट कर लिया गया और उससे पूछताछ के आधार पर तकनीकी विश्लेषण किया गया।हत्या के बाद जम्मू में उससे जुड़े लोगों से पूछताछ की गई। उसकी पूछताछ और तकनीकी जानकारी के आधार पर, निम्नलिखित तीन आरोपित व्यक्तियों को अरेस्ट किया गया है। ये त्रिलोचन सिंह वजीर की हत्या की साजिश में शामिल पाए गए हैं। नागर सिंह के बेटे ने आरोपित सुदर्शन सिंह वजीर के भतीजे की हत्या की थी। त्रिलोचन सिंह वजीर और नागर सिंह दोनों को 2006 के जम्मू के एक सनसनीखेज चोपड़ा हत्याकांड में भी अरेस्ट किया गया था। वर्ष 2018 में त्रिलोचन सिंह वजीर और नागर सिंह दिल्ली में सुदर्शन सिंह वजीर की हत्या की योजना बना रहे थे। इनके नाम सरदार जगपाल सिंह, 51 वर्ष निवासी गुरु नानक नगर, जम्मू, हरजिंदर सिंह रैना, 71 वर्ष निवासी सिंह निवास अकाली कुंवर सिंह नगर, दागिना, जम्मू व सुदर्शन सिंह वज़ीर, उम्र 67 वर्ष निवासी त्रिकुटा नगर, जम्मू हैं।
अभियुक्त का प्रोफाइल:
1. आरोपित सुदर्शन सिंह वजीर जम्मू में व्यवसायी है और उसका उद्योग, शैक्षणिक संस्थान व पेट्रोल पंप आदि में कारोबार है। वह मृतक त्रिलोचन सिंह वजीर का चचेरा भाई है। त्रिलोचन सिंह वजीर और नागर सिंह से उनकी प्रतिद्वंद्विता थी। नागर सिंह जम्मू में बिजनेसमैन हैं। इसकी जानकारी आरोपित सुदर्शन सिंह वजीर को हरमीत सिंह और हरप्रीत सिंह के जरिए हुई। प्रति शोध में, आरोपित सुदर्शन सिंह वजीर, हरजिंदर सिंह रैना और जगपाल सिंह आरोपित हरप्रीत सिंह खालसा, हरमीत सिंह, राजेंद्र चौधरी और बलबीर उर्फ बिल्ला की मदद से दिल्ली में त्रिलोचन सिंह वजीर की हत्या की साजिश रचने में सफल रहे।
2.आरोपित हरजिंदर सिंह रैना जम्मू का रहने वाला है और फिलहाल वह जम्मू की स्थानीय राजनीति में है. वह पहले वित्त और रियल एस्टेट कारोबार में थे। वह डीजीपीसी के सदस्य थे और 2015 से 2016 तक डीजीपीसी में सचिव थे।
3. आरोपित सरदार जगपाल सिंह जम्मू में रियल एस्टेट/निर्माण व्यवसाय से जुड़ा एक व्यापारी है। वह वर्तमान में 01.07.2022 से DGPC, जम्मू में कैशियर हैं।
हत्या के पीछे का मकसद:
मकसद व्यक्तिगत दुश्मनी, राजनीतिक और वित्तीय लाभ का मिश्रण था।