अजीत सिन्हा की रिपोर्ट
चंडीगढ़: हरियाणा के विद्युत तथा नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री रणजीत सिंह ने कहा कि प्रदेश में वर्ष 2024 तक 30 लाख स्मार्ट मीटर लगाए जाएंगे। पहले चरण में लगभग 1600 करोड़ रुपये की लागत 10 लाख स्मार्ट मीटर लगाने का कार्य जारी है । इसी तरह, दूसरे चरण में 20 लाख स्मार्ट मीटर लगाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। उन्होंने कहा कि 1600 करोड़ रूपए की इस राशि में से केंद्र सरकार द्वारा 780 करोड़ रूपए की सहायता दी जाएगी जबकि 820 करोड़ रूपए की राशि राज्य सरकार द्वारा खर्च की जाएगी। गौरतलब है कि कल केंद्रीय बिजली मंत्री श्री आर.के. सिंह के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये हुई बैठक में श्री रणजीत सिंह ने यह मुद्दा उठाया था। इस बैठक में तीन राज्यों के मुख्य मंत्रियों के अलावा शेष राज्यों के बिजली मंत्री उपस्थित थे। इस दौरान केंद्रीय बिजली मंत्री ने लाइन लॉस को 30.2 प्रतिशत से घटाकर 17.4 प्रतिशत तक लाने के लिए हरियाणा की सराहना की।
बैठक के दौरान रणजीत सिंह ने केंद्रीय बिजली मंत्री के सामने हरियाणा के किसानों के ट्यूबवैल कनेक्शन का मुद्दा भी उठाया। उन्होंने बताया कि लॉक डाउन के चलते जहां हर क्षेत्र में मंदी छाई रही, वहीं इस अवधि में भी किसानों ने कृषि उत्पादन को करीब पांच प्रतिशत तक बढ़ाया है। ऐसे में किसानों को प्रोत्साहन मिलना चाहिए। उन्होंने केंद्रीय मंत्री को अवगत करवाया कि प्रदेश में जून माह के दौरान बिजली निगमों द्वारा 4868 किसानों को ट्यूबवैल कनेक्शन जारी किए गए और 1500 किसानों को मोनो-ब्लॉक कनेक्शन भी दिए गए। विद्युत मंत्री रणजीत सिंह ने बैठक के दौरान केंद्रीय बिजली मंत्री आर.के. सिंह को हरियाणा की उपलब्धियों का संक्षिप्त ब्यौरा देते हुए बताया कि देश में बनने वाली कारों का 50 प्रतिशत उत्पादन अकेले हरियाणा में होता है। इसी तरह, 33 प्रतिशत दुपहिया वाहन, 82 प्रतिशत जेसीबी मशीनों और 52 प्रतिशत क्रेनों का निर्माण भी हरियाणा में होता है।
उन्होंने बताया कि कुश्ती, बॉक्सिंग और शूटिंग में देश को मिलने वाले कुल पदकों का 30 प्रतिशत से अधिक हिस्सा हरियाणा का रहा है। रणजीत सिंह ने बताया कि जिस तरह से हरियाणा कई क्षेत्रों में अग्रणी है,उसी तरह बिजली के क्षेत्र में भी नई शुरुआत के लिए प्रदेश को केंद्र से मदद मिलनी चाहिए। प्रदेश में लगाए जाने वाले स्मार्ट मीटरों के बारे में जानकारी देते हुए रणजीत सिंह ने बताया कि ये मीटर पूरी तरह से हाईटैक और कंप्यूटरीकृत होंगे। उपभोक्ता अपने मोबाइल फोन के जरिये भी अपने मीटर की मॉनिटरिंग कर सकेंगे। ये मीटर प्री-पेड होंगे और बिजली उपभोक्ता मोबाइल फोन की तरह इन मीटरों को भी अपनी जरूरत के हिसाब से रिचार्ज कर सकेंगे। उन्होंने बताया कि हर मीटर का कंट्रोल बिजली निगमों के पास रहेगा तथा मीटरों के साथ किसी भी तरह से छेड़छाड़ नहीं की जा सकेगी। इसके अलावा, ये मीटर लगने के बाद उपभोक्ताओं की मीटर खराब होने या अधिक स्पीड से चलने जैसी शिकायतें भी न के बराबर होंगी।