अजीत सिन्हा की रिपोर्ट
गुरुग्राम:दक्षिण हरियाणा बिजली वितरण निगम द्वारा गुरुग्राम में बिजली आपूर्ति प्रणाली को स्मार्ट बनाने और निवासियों को निर्बाध बिजली उपलब्ध करवाने के लिए स्मार्ट ग्रिड परियोजना पर काम चल रहा है।प्रबंध निदेशक पीसी मीणा ने आज यहां स्मार्ट ग्रिड परियोजना की समीक्षा की। उन्होंने बताया कि भूमि के ऊपर लगाए गए फीडर पर मौसम परिवर्तन के दौरान बिजली आपूर्ति में काफी दिक्कत होती है। वर्षा, आंधी, तूफान आदि के दौरान ओवरहेड लाइन में लाइन ट्रिपिंग की संभावना ज्यादा होती है और पूरा फीडर ही ब्रेकडाउन हो जाता है। पेड़ों की निरंतर छटाई करनी पड़ती है। साथ लगते क्षेत्रों से गुजरती बिजली तार के कारण नुकसान की आशंका बनी रहती है। इन सब कारणों से निजात दिलाने के लिए इस योजना को शीघ्र पूरा किया जाएगा।प्रबंध निदेशक ने बताया कि इस परियोजना के पूर्ण होने पर पेड़ों की छटाई व कटाई भी नहीं करनी पड़ेगी, जिससे कार्बन फुट प्रिंट भी न्यूनतम होंगे और वातावरण भी पर्यावरण के अनुकूल रहेगा।
शहर के सौंदर्य को भी ध्यान में रखते हुए इस परियोजना में तेजी लाने के निर्देश दिए गए हैं।फीडर भूमिगत होने से लोगों को भूमि के ऊपर 11 केवी की तारें देखने को नहीं मिलेगी और बिजली की लटकती तारों से भी उपभोक्ताओं को निजात मिलेगी। तारों की जगह अब 2027 किलोमीटर लंबाई में एचटी केबल में से 1585 किलोमीटर लंबाई में एचटी केबल बिछाई जा चुकी है। भूमिगत बिछाए गए नए फीडरों के क्षेत्रों से अभी तक जमीन के ऊपर तार वाले 11 केवी के 164 फीडर को डिस्मेंटल कर उनकी तारों और 9000 खंभों आदि को उतारा जा चुका है। भविष्य में लगभग 11000 खंभे और उनसे तारें आदि उतारे जाएंगे। उन्होंने बताया कि स्मार्ट ग्रिड बनने से इसमें मौसम परिवर्तन में बिजली आपूर्ति सुचारू रहने की संभावना अधिक होती है। भूमिगत बिजली लाइन में आधुनिक उपकरण लगाए जा रहे हैं। आर एम यू (रिंग मेन यूनिट) के द्वारा बाधा होने की स्थिति में बिजली आपूर्ति सुचारू करने में कम समय लगता है।
ज्यादा उपभोक्ता भी प्रभावित नहीं होते हैं, आपूर्ति शीघ्र बहाल हो जाती है। मीणा ने बताया कि स्मार्ट ग्रिड परियोजना के तहत गुरुग्राम में 2 लाख 97 हज़ार में से अब तक अलग-अलग क्षेत्रों में एक लाख 91 हजार स्मार्ट मीटर लगाए जा चुके हैं। इसके अलावा जिला के अलग-अलग क्षेत्रों में 583 स्मार्ट फीडर में से अब तक 304 स्मार्ट फीडर चालू किए जा चुके हैं। इसमें 189 शहरी व औद्योगिक फीडर और 115 इंडिपेंडेंट फीडर हैं। स्मार्ट ग्रिड के इन फीडरों में ब्रेक डाउन और ट्रिपिंग में 80 प्रतिशत की कमी आई है। उन्होंने बताया कि डीएलएफ सब डिवीजन के सभी 108 फीडर भूमिगत हो चुके हैं। इसके साथ ही मारुति सब डिवीजन के 85, साउथ सिटी सब डिवीजन के 56, सोहना रोड सब डिवीजन के 33, आईडीसी सब डिवीजन के 14, कादीपुर सब डिवीजन के 5, न्यू कॉलोनी सब डिवीजन के 3 फीडर चालू किए जा चुके हैं।पीसी मीणा ने बताया कि अभी तक एचटी केबल बिछाने का कार्य 78 प्रतिशत और फीडर पर लोड चार्ज करने का कार्य 52 प्रतिशत हुआ है। इसमें तेजी लाने के निर्देश दिए गए हैं। अलग-अलग क्षेत्रों में निजी कंपनियों विंध्या टेलिलिंक्स का कार्य पूर्ण हो चुका है। उसने अपने सभी 148 फीडर चालू कर दिए हैं। स्मार्ट ग्रिड के 4 में से एक प्रोजेक्ट पूर्ण रूप से संपन्न हो चुका है। टाटा पावर ने 131 और 166 फीडर बिछाने हैं इसमें से अभी तक 76 और 36 फीडर बिछाए जा चुके हैं। एल एंड टी कंपनी ने 122 में से 57 फीडर बिछाए हैं। इनका लाभ भी उपभोक्ताओं को मिलना शुरू हो गया है।इस परियोजना के तहत भूमि के ऊपर 11 केवी की डिस्ट्रीब्यूशन लाइनों को भूमिगत करने का काम किया जा रहा है और लो ट्रांसमिशन लाइनों पर बड़े कंडक्टर लगाकर सुधार किया जा रहा है। यही नहीं, 11 केवी हाई ट्रांसमिशन लाइनों के साथ-साथ ऑप्टिकल फाइबर भी बिछाई जा रही हैं जो कम्युनिकेशन नेटवर्क में प्रयोग होंगी।प्रबंध निदेशक ने बताया कि इस परियोजना के तहत सुपरवाइजरी कंट्रोल एंड डाटा एक्युजिशन सिस्टम (स्काडा) बनाने का कार्य भी शुरू होने जा रहा हैै, जो कि एक कंट्रोल रूम की तरह काम करेगा और एक फीडर पर ब्रेकडाउन होने पर दूसरे फीडर से तुरंत प्रभाव से सप्लाई चालू की जा सकेगी। लोड कम या ज्यादा होने की समस्या वाले फीडरों का लोड भी कंट्रोल रूम के माध्यम से बैलेंस किया जा सकेगा।
Related posts
0
0
votes
Article Rating
Subscribe
Login
0 Comments
Oldest
Newest
Most Voted
Inline Feedbacks
View all comments