फरहीन खान, संवाददाता : पयर्टन मंत्री रामबिलास शर्मा का कहना है कि 32वें सूरजकुंड मेले में सुधार किया जाएगा। 31वें सूरजकुंड अंतरराष्ट्रीय मेले में आए दो हजार से अधिक दर्शकों से मेले के बारे में प्रत्यक्ष-अप्रत्यक्ष सुझाव लिए। इनके सुझावों का संकलन से शहर के प्रबुद्ध नागरिकों ने पर्यटन मंत्री रामबिलास शर्मा व मुख्य संसदीय सचिव सीमा त्रिखा को दिया।
शिक्षामंत्री रामबिलास शर्मा ने इस मौके पर कहा कि मेले में सुधार के लिए सुझाव एकत्र कर मेला प्राधिकरण के सहयोगी के रूप में काम किया है। सूरजकुंड हस्तशिल्प मेला अंतरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त मेला है, इसमें सुधार के लिए सभी के सुझाव आमंत्रित हैं। शर्मा ने बताया कि पर्यटन निगम ने सूरजकुंड मार्ग पर जाम से निजात को दो फुटओवर ब्रिज बनाने, मेला वर्ष में दो बार लगाया जाए तथा प्रत्येक स्टाल पर ¨हदी-अंग्रेजी में हस्तशिल्पी की बाबत जानकारी जैसे सुझावों पर तत्काल रूप में अमल शुरू कर दिया है। शर्मा ने इन सुझावों की बाबत मेला समापन कार्यक्रम के दौरान राज्यपाल प्रो.कप्तान ¨सह सोलंकी के समक्ष भी अपने संबोधन के दौरान जिक्र किया। शर्मा व त्रिखा सुझाव सौंपते समय भाजपा प्रदेश महामंत्री संदीप जोशी, भाजपा जिलाध्यक्ष गोपाल शर्मा, भूमि विकास बैंक के चेयरमैन अजय गौड़ व लाला ईश्वर दयाल गोयल भी मौजूद थे।
मेले के प्रत्येक गेट पर गाइड (मार्गदर्शक) होने चाहिएं, ताकि पर्यटकों को किसी भी स्टाल तक पहुंचने में दिक्कत न आए।
– पर्यटन निगम की ओर से विदेशी स्टालों पर हिन्दी और अंग्रेजी भाषा का ज्ञाता होना चाहिए, जो पर्यटक को अनुवाद करके विदेशी कला और संस्कृति के बारे में जानकारी दे सके। प्रत्येक स्टाल पर हस्तशिल्पी की कला के बारे में ¨हदी और अंग्रेजी में लिखित जानकारी मिलनी चाहिए।
– मेले में खाद्य पदार्थों की गुणवत्ता की नियमित जांच की जानी चाहिए, न कि किसी शिकायत का इंतजार किया जाए।
– मेले के प्रत्येक स्टाल को क्रमबद्ध तरीके से नंबर दिया जाना चाहिए और इसकी सूची हर गेट पर चस्पा की जाए। इससे पर्यटकों को पता चला पाएगा कि कौन का स्टाल कहां है।
– हस्तशिल्पियों की उपलब्धियों का ब्योरा भी गेट पर उपलब्ध होना चाहिए, जिससे पर्यटक संबंधित हस्तशिल्पी की कला का नजारा करने उनके स्टाल तक पहुंच सकें।
– मेले में सांस्कृतिक कार्यक्रमों के प्रति बढ़ते रुझान को देखते हुए चौपाल का विस्तार किया जाए, ताकि ज्यादा से ज्यादा दर्शक सुकून से बैठ कर कार्यक्रम का आनंद ले सकें।
– प्रत्येक प्रवेश द्वार पर व्हील चेयर होनी चाहिए, ताकि दिव्यांगों को राहत मिल सके।
– टिकटों के दाम पर नियंत्रण किया जाना चाहिए। सप्ताहांत पर टिकटों की कीमत अन्य दिनों की
तरह होनी चाहिए। ताकि कला और पर्यटन को ज्यादा से ज्यादा बढ़ावा मिले।
– नेशनल और स्टेट अवार्डी को प्राइम साइट पर जगह दी जानी चाहिए।
– जाम से मुक्ति का स्थायी समाधान किया जाए। आमतौर पर वीकेंड पर सूरजकुंड रोड पर जाम लगता है।
– सूरजकुंड दिल्ली मार्ग पर दो तीन जगह फुटओवर ब्रिज बनाए जाने चाहिएं।