अजीत सिन्हा की रिपोर्ट
चंडीगढ़: हरियाणा में नागरिकों को किफायती, सुरक्षित, सुगम और पर्यावरण अनुकूलन सार्वजनिक परिवहन सेवाएं प्रदान करने के लिए जल्द ही हरियाणा रोडवेज के बेड़े में 375 नई इलेक्ट्रिक बसें शामिल होंगी। इस संबंध में आज यहाँ मुख्यमंत्री मनोहर लाल की अध्यक्षता में हुई उच्चाधिकार प्राप्त क्रय समिति (एचपीपीसी) और विभाग उच्चाधिकार प्राप्त क्रय समिति (डीएचपीपीसी) की बैठक में बसों की खरीद को मंजूरी प्रदान की गई। साथ ही बैठक में विभिन्न विभागों द्वारा की जाने वाली कुल 5412 करोड़ रुपये के सामान और वस्तुओं की खरीद को मंजूरी प्रदान की गई।बैठक में स्कूल शिक्षा मंत्री कंवर पाल, परिवहन मंत्री मूलचंद शर्मा, ऊर्जा मंत्री रणजीत सिंह और कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री जेपी दलाल भी मौजूद रहे।
बैठक के उपरांत मीडिया से बातचीत करते हुए मनोहर लाल ने बताया कि बैठक में सिंचाई, पुलिस, परिवहन, हरियाणा पावर जेनरेशन कॉर्पोरेशन लिमिटेड, गुरुग्राम महानगर विकास प्राधिकरण (जीएमडीए), कृषि विभाग, माध्यमिक शिक्षा, उत्तर हरियाणा बिजली वितरण निगम, दक्षिण हरियाणा बिजली वितरण निगम, जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी तथा शहरी स्थानीय निकाय विभाग के कुल 28 एजेंडा रखे गए थे, जिसमें से 27 एजेंडे को मंजूरी दी गई। उन्होंने बताया कि आज विभिन्न कंपनियों से नेगोशिएशन के बाद दरें तय करके लगभग 85 करोड़ रुपये को बचत की गई है।
मनोहर लाल ने कहा कि बैठक में नगर निकायों के लिए लगभग 4.50 लाख स्ट्रीट लाइट्स की खरीद को भी मंजूरी मिली है। इसके अलावा, सफाई व्यवस्था सुनिश्चित करने के लिए सफाई कर्मचारियों की सेफ्टी के लिए सीवर की सफाई हेतु 21 हाई प्रेशर जेटिंग -कम सेक्शन हाइड्रोलिकली सीवर क्लीनिंग मशीनों की खरीद को भी मंजूरी दी गई। जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग के लगभग 1200 करोड़ रुपये के डक्टाइल पाइप खरीदने के प्रस्ताव को भी मंजूरी दी गई। मुख्यमंत्री ने बताया कि बैठक में थर्मल प्लांट में टॉरिफाइड बायोमास पेलेट्स के उपयोग के लिए भी एजेंडा को मंजूरी दी गई। इसके अलावा, सढौरा के 66 केवी सब स्टेशन को अपग्रेड करने, पुलिस विभाग के लिए 15 सीटर 41 दंगा/विरोध प्रदर्शन नियंत्रण वाहन तथा स्मार्ट कम्युनिकेशन उपकरणों की खरीद को भी मंजूरी दी गई है।मुख्यमंत्री ने कहा कि इस प्रकार की बैठक में सभी डीलर्स के साथ पारदर्शी तरीके से नेगोशिएशन की जाती है जिससे जनता के पैसे में बचत होती है। सरकार का ध्येय यही है कि जनता का 1-1 रुपये पारदर्शी तरीके से जनता के हित के लिए ही खर्च हो।एक अन्य प्रश्न के उत्तर में मुख्यमंत्री ने कहा कि हरियाणा सरकार किसानों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ी है। किसानों का किसी भी प्रकार का यदि नुकसान होता है तो राज्य सरकार त्वरित मुआवजा देती है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार 15000 प्रति एकड़ की दर से मुआवजा दे रही है।मनोहर लाल ने कहा कि कांग्रेस के 10 साल के कार्यकाल में किसानों को लगभग 1200 करोड़ रुपये का मुआवजा मिला, जबकि हमने वर्ष 2015 में ही 1200 करोड़ रुपये का मुआवजा दिया था। उन्होंने कहा कि इस बार भी फसलों का जो नुकसान हुआ है, उसको देखकर लगता है कि सरकार को मुआवजा ज्यादा देना पड़ेगा, लेकिन हम किसान को नुकसान बर्दाश्त नहीं करने देंगे।उन्होंने कहा कि मेरी फसल मेरा ब्यौरा पोर्टल पर किसानों द्वारा अपने जमीन का क्षेत्र व फसल का की पूरी जानकारी दर्ज करवाई जाती है। अब तो सरकार ने ई -फसल क्षतिपूर्ति पोर्टल भी बनाया है, जिस पर 72 घंटे के अंदर किसान अपनी फसल का खराबा दर्ज करते हैं। सारी प्रक्रिया पारदर्शी तरीके से चल रही है और मई माह तक सभी किसानों को मुआवजा वितरित कर दिया जाएगा।एक अन्य प्रश्न के जवाब में मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना के मामलों में बढ़ती संख्या चिंता का विषय है। इस पर स्वास्थ्य विभाग नजर बनाए हुए हैं। पहले जैसे परिस्थिति नहीं आने देंगे। बैठक में गृह विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव टीवीएसएन प्रसाद, वित्त विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव अनुराग रस्तोगी, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव वी उमाशंकर, बिजली निगमों के चेयरमैन पीके दास, आपूर्ति एवं निपटान विभाग के महानिदेशक मोहम्मद शाइन सहित संबंधित विभागों के प्रशासनिक सचिव मौजूद रहे।
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