अजीत सिन्हा की रिपोर्ट
फरीदाबाद : एक तरफ जहां पूरे देश में साम्रदायिक्ता का माहौल बना हुआ है और मंदिर-मस्जिद की लड़ाई में राजनेता अपनी रोटियां सेक रहे है, वहीं फरीदाबाद के हिन्दू – मुस्लिमों ने मंदिर-मस्जिद में जाकर न केवल सफाई की, बल्कि मुस्लमानों ने मंदिर में मुर्तियों को पानी से धोया भी। दोनो ही समप्रदाय के लोगों का कहना है कि वे पहले भारतीय है और पूरे विश्व में आपसी भाईचारें के कारण भारत की पहचान है, जिसे समाप्त नहीं किया जाना चाहिए।
यह तस्वीर है सेक्टर-48 एसजीएम नगर में बने श्री हनुमान मंदिर की। इसमें बडख़ल मस्जिद के इमाम मोहम्मद नाजिम पानी से शिवलिंग का अभिषेक कर सफाई कर रहे हैं। इसमें उनकी मदद शहर के अन्य मुसलमान भी कर रहे हैं। इन्होंने मंदिर में रखीं भगवान की सभी मूर्तियों की पूरी आस्था के साथ सफाई की। मंदिर में झाड़ू लगाई और कचरा उठाया। इसी प्रकार हिन्दूओं ने भी मस्जिद में जाकर साफ-सफाई करके राजनेताओं को यह संदेश देने का प्रयास किया कि वे पहले हम वतन है, बाद में उनके धर्म है। हर धर्म में अच्छे व बुरे लोग है। कुछ गलत किस्म के लोगों ने दोनो सम्रपदायों के बीच दरार पैदा करने का प्रयास कर रहे है। यह अनोखी पहल की शुरुआत शहर की एकता मंच नामक संस्था ने की हैं । जो जात-पात से ऊपर उठकर भाईचारे को बढ़ावा देने का संदेश दे रही है। संस्था के पदाधिकारी सतीश चौपडा का कहना है कि उन्होने इसकी शुरूआत फरीदाबाद से की है, लेकिन भविष्य में वे इसे राष्ट्रीय स्तर तक ले जायेगें। आपसी भाई चारा और सद्भाव हमारे देश की पहचान है, इसे समाप्त नहीं होना चाहिए। दोनों ही धर्मो के लोग शुरू से एकसाथ रहते आए है। मंदिर-मस्जिद के झगड़े केवल राजनीति की देन है। संस्था के सभी हिंदू कार्यकर्ता मस्जिदों में व मुस्लिम मंदिरों में सफाई करते हैं। मंदिर में रखी भगवान की मूर्तियों की सफाई करते हैं। वहीँ मस्जिद के इमाम शहीद आजम ने कहा कि क्या अल्लाह और क्या ईश्वर। सभी एक हैं। हमारा नजरिया बस ठीक होना चाहिए। उन्होंने कहा हमें कोई दिक्कत नहीं होती है भगवान शिव का मंदिर में अभिषेक और दरगाह में इबादत करने में। उन्होंने कहा कि लोगों को अब सांप्रदायिक सोच से ऊपर उठना चाहिए। मंदिर के पंडित भोलानाथ शास्त्री ने कहा कि संस्था बहुत अच्छा काम कर रही है। मुस्लिमों ने मंदिर में सफाई की और मूर्तियों को धोया। उन्होने मंदिर के हर काम में सहयोग करने का आश्वासन दिया। पुजारी का कहना है कि मंदिर-मस्जिद के नाम पर झगडे न हो और धर्म के नाम पर राजनीति बंद होनी चाहिए।