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अपराध गुडगाँव

एनआरआई की 40 करोड़ की जमीन फर्जी जीपीए के जरिए मात्र 6.6 करोड़ में बेचने वाले एएसआई,वकील सहित 5 गिरफ्तार।


अजीत सिन्हा की रिपोर्ट
गुरुग्रामः एनआरआई की लगभग 40 करोड़ की जमीनों को फर्जी जीपीए के माध्यम से मात्र 6.6 करोड़ में बेचने मामले में पांच आरोपितों को गिरफ्तार किए हैं। गिरफ्तार किए गए आरोपितों में हरियाणा पुलिस के एक एएसआई, एक वकील, कालकाजी तहसील का एक कर्मचारी व 2 अन्य लोग शामिल हैं। कुल जमीन 15 कनाल व 2 मरला हैं। एसआईटी टीम ने थाना बादशाहपुर, गुरुग्राम में भारतीय दंड संहिता की धारा 120B, 420, 467, 468, 471 के तहत दर्ज मुकदमा में गिरफ्तार किए हैं।

पुलिस प्रवक्ता ने जानकारी देते हुए बताया कि दिनांक 1 मार्च 2022 को पूर्ण मनचन्दा नामक व्यक्ति ने पुलिस कमिश्नर, गुरुग्राम के कार्यालय में एक लिखित शिकायत दी कि कुछ व्यक्तियों द्वारा एसपीआर रोड पर गांव बेगमपुर खटोला, गुरुग्राम में उसकी जमीन के फर्जी कागजात के आधार पर पंजीकृत कराकर हड़पने के सम्बन्ध में दी गई। गुरुग्राम पुलिस द्वारा शिकायत की जांच के उपरान्त दिनांक 16 मार्च -2022 को फर्जी कागजातों के आधार पर जमीन पंजीकरण कराकर हड़पने वाले आरोपितों के विरुद्ध थाना बादशाहपुर, गुरुग्राम में भारतीय दंड संहिता की धारा 120B, 420, 467, 468, 471 के तहत मुकदमा दर्ज किया गया।उनका कहना हैं कि पुलिस कमिश्नर विकास कुमार अरोड़ा द्वारा उपरोक्त मुकदमा में एक एसआईटी गठित की गई व एसआईटी को मुकदमा से सम्बन्धित दस्तावेजों व उनके साथी आरोपितों के बारे में विभिन्न जानकारी एकत्रित करने इत्यादि के आदेश दिए गए।

एसआईटी टीम ने जीपीए के रिकॉर्ड की असल बही व जीपीए के रिकार्ड रजिस्टर में रिकॉर्ड की जांच की गई तो जीपीए के रिकॉर्ड रजिस्टर का वह पेज फटा मिला जिसमें उक्त जमीन की जीपीए का इन्द्राज किया गया था, गुरुग्राम पुलिस द्वारा आगामी कार्रवाई करते विभिन्न रिकॉर्ड, दस्तावेज, साक्ष्य व जानकारी एकत्रित की गई जिनके  परिणाम स्वरूप मुकदमा में संलिप्त मिले आरोपितों में से 4 आरोपितों को गिरफ्तार किया गया, गिरफ्तार आरोपितों के नाम सुभाष चंद्र निवासी गाँव टोडापुर हेलीमंडी (गुरुग्राम) वर्तमान पता साऊथ सिटी-2 (गुरुग्राम), टोनी यादव निवासी गाँव टोडापुर हेलीमंडी  (गुरुग्राम), संजय गोस्वामी (रिकॉर्ड कीपर तहसील कालकाजी, दिल्ली) व भीम सिंह राठी निवासी सूर्य विहार, गुरुग्राम हैं। उनका कहना हैं कि पुलिस ने गत 19 सितंबर 2023 को आरोपित  सुभाष चन्द व टोनी यादव को गुरुग्राम से, गत 20  सितंबर – 2023 को संजय गोस्वामी को दिल्ली से तथा गत  26 सितंबर -2023 को भीम सिंह राठी को गुरुग्राम से मुकदमा में गिरफ्तार किया गया। उनका कहना हैं कि आरोपितों से पुलिस पूछताछ में ज्ञात हुआ कि उपरोक्त आरोपित सुभाष चन्द्र यह जानता था कि उपरोक्त मुकदमा  में शिकायतकर्ता एक एनआरआई है और अधिकतर वह बाहर (विदेश) में रहता है तो उसने अपने साथियों के साथ मिलकर एनआरआई (मुकदमा में शिकायतकर्ता) की जमीन को हड़पने के इरादे से जमीन के फर्जी कागजात तैयार कराने व उन कागजात के आधार पर फर्जी तरीके से जमीन पंजीकृत कराने की योजना बनाई। आरोपित सुभाष ने अपने अपने भतीजे टोनी (जो वकील है) को कहा कि यदि इस जमीन के कागजात अपने नाम हो जाएं तो अच्छा मुनाफा हो सकता है। योजनानुसार सबसे पहले सुभाष चन्द द्वारा जमीन का सजरा, मुटेशन व सेल डीड इत्यादि दस्तावेज हासिल की गई।

उनका कहना हैं कि आरोपित सुभाष चंद्र के भतीजे टोनी की कालकाजी तहसील में अच्छी जानकारी थी। टोनी ने कालकाजी तहसील के रिकॉर्ड रूम में अस्थाई कर्मचारी के पद पर कार्यरत उपरोक्त आरोपित संजय से मिला, जिसको उसने (टोनी) सारी बाते बताई तो संजय ने उसको  कहा कि वह इनको वर्ष-1996 की असल बही दे देगा उस बही में से किसी भी एक जीपीए का कागज निकालकर उसकी जगह एक फर्जी जीपीएलगा दे, ताकि इनका उस जमीन पर अधिकार बन सके। माह अक्टूबर-2021 में संजय ने टोनी को वर्ष-1996 की असल बही दे दी। उसके बाद कंप्यूटर/स्कैनर व सॉफ्टवेयर के माध्यम से इन्होनें सुभाष चंद्र के नाम से एक फर्जी जीपीए तैयार की और उस फर्जी जीपीए की कॉपी वर्ष-1996 की असल बही लगा दी। इन्होनें पूरी असल बही को कॉपी करके उस पर बही का पुराना कवर लगा दिया था, ताकि इनके द्वारा बनाया गया फर्जी जीपीए वाला कागज अलग से पहचान में ना आ सके, उसके बाद वह असल बही उपरोक्त आरोपित  संजय को दे दी और संजय ने वह बही रिकार्ड में रख दी। रिकॉर्ड रुम से असल वही निकालने व वापस जमा करने के लिए आरोपित संजय उपरोक्त ने 5 लाख रुपए लिए थे। फर्जी जीपीए पर आरोपित सुभाष चंद्र की फोटो एल्बम से एक फोटो लेकर लगाया गया था।

पुलिस टीम द्वारा आरोपित सुभाष के घर में रखी एल्बम से वह फोटो भी बरामद किया जा चुका है। उसके बाद आरोपितों द्वारा जीपीए  इनके नाम होने की पुष्टि करने के लिए जीपीए  की सर्टिफाइड कॉपी भी प्राप्त की गई थी।उनका कहना हैं कि आरोपितों द्वारा बनाए गए फर्जी जीपीए में मेजर पी.के. मेहता नामक व्यक्ति को गवाह बनाया गया था, जिसकी वर्ष-2001 में ही एक हेलीकॉप्टर क्रैश में मौत हो चुकी थी तथा इसमें दूसरा गवाह संदीप नामक एडवोकेट को बनाया था, जिसके हस्ताक्षर आरोपित  टोनी द्वारा किए गए थे।उसके बाद आरोपितों  ने फर्जी जीपीए को आधार बनाकर उपरोक्त मुकदमा में शिकायतकर्ता की 15 कनाल 2 मरला जमीन को भीम सिंह राठी, शैल नारंग व औम भाटी द्वारा बताए गए विनोद नामक व्यक्तियों के नाम करा दी। आरोपितों  द्वारा योजनाबद्ध तरीके से वारदात करते हुए करीब 40 करोड़ कीमत की जमीन को 6.6 करोड़ रुपयों में खरीदना बताकर एक एनआरआई व्यक्ति की जमीन को अपने नाम कर लिया था।उनका कहना हैं कि मनचंदा  द्वारा दी गई शिकायत पर दर्ज मुकदमा की जांच के दौरान जाल जासों को फायदा पहुंचाने के लिए आर्थिक अपराध  शाखा में तैनात एएसआई प्रदीप द्वारा भी आरोपितों से रुपए लेना पाया जाने पर आरोपित एएसआई प्रदीप के खिलाफ भ्रष्टाचार अधिनियम की संबंधित धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज  करके आरोपित एएसआई  प्रदीप को आज मुकदमा में गिरफ्तार किया गया है। पुलिस टीम द्वारा गिरफ्तार किए गए सभी उपरोक्त आरोपितों से की गई पुलिस पूछताछ तथा पुलिस टीम द्वारा एकत्रित की गई जानकारी के आधार पर आगामी कार्रवाई की जा रही है। उपरोक्त मुकदमा  की धोखाधड़ी में संलिप्त पाए जाने वाले सभी आरोपितों  के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। आरोपित को अदालत के सम्मुख पेश करके न्यायिक हिरासत में भेजा गया है। मुकदमा  का अनुसंधान जारी है।

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