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अपराध दिल्ली

दिल्ली पुलिस कांस्टेबल भर्ती में धोखाधडी के आरोप में 6 आरोपी गिरफ्तार, इनमें 3 पुलिसकर्मी भी शामिल हैं।


अजीत सिन्हा की रिपोर्ट 
नई दिल्ली:दिल्ली पुलिस की साइबर सेल, अपराध शाखा की टीम ने दिल्ली पुलिस के तीन कर्मचारियों व परीक्षा केंद्र के तीन कर्मचारियों को गिरफ्तार किया है जिनके नाम परवीन, निवासी ग्राम नागौद, तहसील सांपला, रोहतक, हरियाणा, शिखा, उम्र 29 वर्ष, निवासी ग्राम देहरा, तहसील समालखा, पानीपत, हरियाणा ,विशाल कुमार, उम्र 29 वर्ष निवासी ग्राम मुकंदपुर, सहारनपुर, उत्तर प्रदेश ,राधे श्याम, उम्र 47 वर्ष निवासी ग्राम जदोदा जट्ट, देवबंद रोड, सहारनपुर, उत्तर प्रदेश, विकास कुमार, 22 वर्ष, निवासी वीपीओ सरदटेड़ी, शाहजहांपुर, हरिद्वार, उत्तराखंड और मोहित कुमार बालियान, उम्र 43 वर्ष, निवासी मुतफरिरका, खतौली, जिला मुजफ्फरनगर, उत्तर प्रदेश हैं।  जो दिल्ली पुलिस कांस्टेबल भर्ती धोखाधड़ी में शामिल थे। इस संबंध में एफआईआर  संख्या 290/2022, धारा 419/420/120बी भारतीय दंड संहिता, थाना अपराध शाखा, दिल्ली दर्ज की गई  थी।

स्पेशल डीसीपी ,अपराध रविंद्र सिंह यादव ने जानकारी देते हुए बताया कि साइबर सेल, अपराध शाखा में एक शिकायत प्राप्त हुई थी, जिसमें शिकायत कर्ता ने आरोप लगाया था कि दिल्ली पुलिस पुरुष और महिला (कार्यकारी) 2020 की भर्ती जो कि कर्मचारी चयन आयोग (एसएससी) द्वारा आयोजित की गई थी, के दौरान एक उम्मीदवार अर्जुन सिंह, निवासी ग्राम दुहरकी, थाना रामपुर मनिहारान, जिला सहारनपुर, उत्तर प्रदेश, ने  जाली तरीकों से अपनी परीक्षा उत्तीर्ण की है । जांच के दौरान, कथित उम्मीदवार अर्जुन सिंह से पूछताछ की गई, उसने खुलासा किया कि उसने आईओएन डिजिटल जोन, रुड़की-देहरादून हाईवे, उत्तराखंड में आयोजित परीक्षा, प्रतिरूपण की मदद से उत्तीर्ण की थी। कर्मचारी चयन आयोग से सीसीटीवी फुटेज सहित अपेक्षित जानकारी प्राप्त की गई व सीसीटीवी फुटेज का विश्लेषण करने पर पता चला कि अभ्यर्थी अर्जुन सिंह परीक्षा लैब में प्रवेश कर अपनी सीट पर बैठा था व कुछ समय बाद उसने अपनी सीट छोड़ दी और लगभग 10 मिनट बाद एक फर्जी अभ्यर्थी अर्जुन सिंह की सीट पर आकर बैठ गया और उसकी ऑनलाइन परीक्षा पूरी की। सीसीटीवी फुटेज की गहन जांच के बाद पता चला कि उम्मीदवार अर्जुन सिंह के स्थान पर एक फर्जी उम्मीदवार परीक्षा में शामिल हुआ था।
जांच एवं पूछताछ
यादव का कहना हैं कि जांच के दौरान पता चला कि अर्जुन सिंह की परीक्षा किसी अन्य उम्मीदवार ने दी थी।  अर्जुन सिंह को परीक्षा पास कराने के लिए आईओएन डिजिटल जोन, रुड़की-देहरादून हाईवे, उत्तराखंड के परीक्षा हॉल में एक फर्जी उम्मीदवार भेजा गया था। जिसके लिए उसने 9 लाख रुपये की राशि का भुगतान किया था। जांच से यह बात सामने आई है कि प्रवीण कुमार नामक व्यक्ति को फर्जी उम्मीदवार बनाकर भेजा गया था। जांच के दौरान वर्तमान मामले में संदिग्ध प्रवीण कुमार को गिरफ्तार किया गया, जो पैसे के बदले सह-आरोपी उम्मीदवार अर्जुन सिंह की ओर से उपरोक्त परीक्षा में शामिल हुआ था। जांच के दौरान आरोपी प्रवीण कुमार ने खुलासा किया कि लैब स्टाफ की मदद से वह अभ्यार्थी अर्जुन सिंह की परीक्षा में शामिल हुआ था।उनका कहना हैं कि पूछताछ के दौरान, साजिश में शामिल सिपाही विशाल और महिला सिपाही शिखा नामक दो अन्य आरोपियों को भी मामले में गिरफ्तार किया गया है ।  दोनों आरोपियों ने वर्तमान मामले में अपनी संलिप्तता स्वीकार की और बताया कि पीएसआई प्रवीण उपरोक्त अर्जुन सिंह की परीक्षा में उपस्थित हुआ था। आगे की पूछताछ के दौरान, आरोपी सिपाही विशाल ने खुलासा किया कि वह 2018 में दिल्ली पुलिस में भर्ती हुआ था और 2020 में दिल्ली के मंगोलपुरी में एक महिला सिपाही से मिला था। महिला सिपाही ने कहा कि वह पेमेंट के आधार पर किसी भी एग्जाम को पास करा सकती हैं। विशाल ने आगे खुलासा किया कि वर्ष 2020 में, उनके एक दोस्त अर्जुन निवासी गांव- डुहरकी ने उन्हें बताया कि उन्होंने दिल्ली पुलिस कांस्टेबल के लिए आवेदन किया है। विशाल को दिल्ली पुलिस में भर्ती करने  के लिए महिला सिपाही ने 9 लाख रुपये में बात तय की थी। बाद में महिला सिपाही और उसके सहयोगियों द्वारा प्रवीण (फर्जी उम्मीदवार) को भेजा गया, जो अर्जुन के स्थान पर परीक्षा में उपस्थित हुआ और परीक्षा पास कर ली, परन्तु अर्जुन ने तय राशि का भुगतान नहीं किया। उसके पश्चात् इन सभी ने अर्जुन के घर जाकर उसके परिवार से पैसों के लिए झगड़ा किया।
जांच के दौरान, लैब स्टाफ राधे श्याम, विकास कुमार, मोहित कुमार बालियान को भी गिरफ्तार किया गया और उन्होंने खुलासा किया कि वे सभी आईओएन डिजिटल जोन, रुड़की-देहरादून राजमार्ग, उत्तराखंड लैब में रुड़की कॉलेज ऑफ फार्मेसी (आरसीपी) द्वारा प्रतिनियुक्त किए गए थे।
आरोपी राधे श्याम और विकास कुमार ने खुलासा किया कि उन्होंने मोहित कुमार बालियान के निर्देश पर परीक्षा स्थल में किसी अन्य जाली विद्यार्थी को प्रवेश करने में उसकी मदद की। इसके अलावा आरोपी मोहित कुमार बालियान ने खुलासा किया कि उसे भी आरसीपी कॉलेज द्वारा लैब में प्रतिनियुक्त किया गया था। परीक्षा के दौरान उसने राधे श्याम और विकास कुमार को परीक्षा में अन्य जाली विद्यार्थी को शामिल करने का निर्देश दिया गया था व परीक्षा केंद्र के सीसीटीवी फुटेज के साथ भी छेड़छाड़ की |
आरोपियों का प्रोफाइल :
1-परवीन, 25 वर्ष, निवासी वीपीओ ननौद, सांपला, रोहतक, हरियाणा ने अपनी स्नातक की पढ़ाई एमडीयू रोहतक, हरियाणा से की है। स्नातक तक पढ़ाई करने के बाद वह हरियाणा सरकार में सिंचाई विभाग में शामिल हो गया और 3 वर्ष तक वहां काम किया। इसके बाद उसका चयन दिल्ली पुलिस में सब-इंस्पेक्टर के पद पर हो गया।
2-शिखा, 29 वर्ष, निवासी वीपीओ देहरा, समालखा, पानीपत, हरियाणा का जन्म पानीपत हरियाणा में हुआ था। उसके पिता एक किसान हैं।  उसने अपनी स्नातक की पढ़ाई हरियाणा के कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय से की है और वह वर्ष 2019 में दिल्ली पुलिस में कांस्टेबल के रूप में भर्ती हो गईं।
3-विशाल कुमार, 29 वर्ष, निवासी ग्राम मुकंदपुर, सहारनपुर, उत्तर प्रदेश ने अपनी स्नातक की पढ़ाई हिमाचल विश्वविद्यालय, हिमाचल प्रदेश से की है और उसके बाद वर्ष 2019 में उसका चयन दिल्ली पुलिस में कांस्टेबल के पद पर हो गया ।
4-राधे श्याम, उम्र 47 वर्ष, ग्राम जादौडा जट्ट, देवबंद रोड, सहारनपुर, उत्तर प्रदेश का रहने वाला है। वह आईओएन डिजिटल जोन, किशनपुर, रुड़की, उत्तराखंड में एक इलेक्ट्रीशियन था। परीक्षा के दौरान उसने मोहित कुमार बालियान के निर्देश पर फर्जी अभ्यर्थीयों को परीक्षा स्थल में प्रवेश करने में मदद की।
5-विकास कुमार, उम्र 22 वर्ष, वीपीओ सरदटेड़ी, शाहजहांपुर, हरिद्वार, उत्तराखंड का रहने वाला है। वह आईओएन डिजिटल जोन, किशनपुर, रुड़की, उत्तराखंड में चपरासी था और आरसीपी कॉलेज के लैब में नियुक्त किया गया था। उसने ऊपरी सीढ़ी का ताला खोलने के बाद मोहित कुमार बालियान के निर्देश पर परीक्षा केंद्र में प्रवेश करने में फर्जी अभ्यर्थीयों की मदद की।
6-मोहित कुमार बालियान, उम्र 43 वर्ष, मुतफरिरका, खतौली, जिला मुजफ्फर नगर, उत्तर प्रदेश का रहने वाला है। वह आईओएन डिजिटल जोन, किशनपुर, रुड़की, उत्तराखंड में आईटी हेड/नेटवर्क एडमिन था। परीक्षा के दौरान उसने राधे श्याम और विकास को परीक्षा में फर्जी अभ्यर्थीयों को प्रवेश देने का निर्देश दिया था। उसने परिक्षास्थल के सीसीटीवी फुटेज में भी छेड़छाड़ की थी।

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