अजीत सिन्हा की रिपोर्ट
चंडीगढ़:गत 18 अप्रैल को गुरुग्राम में एक कंपनी की कैश वैन से बंदूक की नोक पर 96 लाख 32 हजार रुपये से अधिक की नकदी लूट के एक सनसनी खेज मामले में 6 आरोपितों को अरेस्ट किया है।हरियाणा पुलिस के प्रवक्ता ने आज यहां जानकारी साझा करते हुए बताया कि पुलिस ने अरेस्ट किए गए आरोपितों के कब्जे से दो कार,चार मोबाइल फोन, एक पिस्तौल, चार जिंदा कारतूस और 70.5 लाख रुपये की नकदी भी बरामद की है। दिनदहाड़े हुई डकैती में पांच हथियारबंद लोगों ने गत 18 अप्रैल को एक कैश कलेक्शन कंपनी की वैन से व्यस्त सोहना रोड पर 96,32,931 रुपये लूट की वारदात को अंजाम दिया था।
अरेस्ट आरोपितों की पहचान छतरपुर, नई दिल्ली निवासी नीलकमल उर्फ कमल, दिवांकर अरोड़ा उर्फ मन्नू, कुलबीर और जावेद, जिला पलवल के गुलाब और जिला फरीदाबाद निवासी जॉनी के रूप में हुई है।शोरूम के बाहर लगे सीसीटीवी के फुटेज के विश्लेषण के बाद, पुलिस ने पाया कि कार पर लगी नंबर प्लेट यूपी 17 टी 7809 वाली ऑल्टो कार थी। जो बाद में फर्जी पाई गई। इस मामले में 4 पुलिस टीमों को लगाया गया और कैश वैन लूट के पुराने मामलों, कैश ट्रांसपोर्ट कंपनी के पूर्व कर्मचारियों और गुरुग्राम में सीसीटीवी फुटेज को देखना शुरू किया। जिसके बाद कार का नंबर छतरपुर के पते के साथ दिल्ली का पाया गया। उसी रात एक टीम ने छतरपुर निवासी दीवांकर अरोड़ा उर्फ मन्नू को काबू किया, कार के साथ ही नकली यूपी नंबर प्लेट भी बरामद की। उसे शुक्रवार को अदालत में पेश किया गया और पुलिस ने उसे गत 28 अप्रैल तक रिमांड पर लिया। पूछताछ में उसने कार लूटने में उसके साथ शामिल होने वाले अन्य लोगों के नामों का खुलासा किया।
तब पता चला कि एक अन्य साथी जीतू यूपी के लिए निकल गया था जबकि अन्य तीन वैष्णो देवी मंदिर के लिए निकल गए थे। क्राइम टीम गुड़गांव पुलिस की तीन टीमें शुक्रवार दोपहर रवाना हुईं- एक कटरा के लिए, एक पठानकोट और तीसरी शंभू बॉर्डर पर तैनात थी। कटरा की टीम ने अपराधियों को एक होटल में ढूंढ़ लिया, लेकिन टीम के पहुंचने से कुछ मिनट पहले ही आरोपितों ने चेक आउट कर लिया था। इसके बाद उन्होंने शंभू और पठान कोट में टीमों को सतर्क किया। एसपी अंबाला से भी टोल स्थल पर मदद मांगी गई। तीनों लोगों को कल रात शंभू सीमा के पास अंबाला टोल प्लाजा से अरेस्ट किया गया। प्रारंभिक पूछताछ के बाद शनिवार/रविवार की दरमियानी रात में छापेमारी की गई और 70.50 लाख रुपये, 1 रिवॉल्वर और 4 कारतूस बरामद किए गए और दो अन्य साथी कुलबीर और जावेद, दोनों छतरपुर को अरेस्ट किया गया। जावेद एक पूर्व कर्मचारी था जो कंपनी की कैश वैन के ड्राइवर के रूप में काम करता था। छतरपुर में कुलबीर की ट्रांसपोर्ट कंपनी थी। जावेद, कुलबीर और नीलकमल बचपन के दोस्त हैं। नीलकमल 2008/09 में भोंडसी जेल में जीतू और गुलाब के संपर्क में आया था, जहां तीनों अलग-अलग मामलों में बंद थे। नीलकमल दीवांकर के घर किराएदार के तौर पर रहता था। जॉनी नीलकमल का चचेरा भाई है। इन 7 लोगों ने कुलबीर के ऑफिस में मिलकर प्लान बनाया। उन्होंने 7 अप्रैल को रेकी की थी। 11 अप्रैल को प्रयास किया था, लेकिन जीतू के नहीं आने के कारण बात नहीं बनी। आखिरकार 18 अप्रैल को उन्होंने वारदात को अंजाम दिया। सभी 6 आरोपी 28 अप्रैल तक पुलिस रिमांड पर हैं। जीतू को गिरफ्तार किया जाना है और बाकी नकदी बरामद करनी है।
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