अजीत सिन्हा की रिपोर्ट
नई दिल्ली: दिल्ली की नजफगढ़ किसान मोर्चा भारतीय जनता पार्टी इकाई के जिलाध्यक्ष सुरेंद्र को उनके कार्यालय में घुस कर गोली मार कर हत्या करने के मामले में दो शूटरों सहित 6 आरोपितों को थाना बिंदापुर की टीम ने अरेस्ट किया हैं। इसमें दो आरोपित नाबालिग हैं। इनके कब्जे से पुलिस ने एक पिस्टल व पांच जिंदा कारतूस बरामद किया हैं। ये सनसनीखेज वारदात को गत 14 अप्रैल 2023 को अंजाम दिया था। डीसीपी , जिला द्वारका एम्दि हर्षा वर्धन ने जानकारी देते हुए बताया कि गत 14 अप्रैल 2023 को दो अज्ञात व्यक्तियों ने सुरेंद्र निवासी ग्राम मटियाला के कार्यालय में प्रवेश किया और उस पर फायरिंग कर दी जिससे उसकी मृत्यु हो गई। इस संबंध में एफआईआर नंबर- 265/23, भारतीय दंड संहिता की धारा 302/34 आईपीसी और 25/27 आर्म्स एक्ट पीएस बिंदापुर के तहत मामला दर्ज किया गया था। उनका कहना हैं कि इस मामले की गंभीरता को देखते हुए जिसमें नजफगढ़ किसान मोर्चा भाजपा इकाई के जिलाध्यक्ष सुरेंद्र निवासी मटियाला गांव को उनके कार्यालय में दो अज्ञात शूटरों ने मार डाला, द्वारका जिले के ऑपरेशन सेल को इस हत्या पर काम करने का जिम्मा सौंपा गया मामला। राम अवतार, एसीपी/ऑप्स द्वारका के नेतृत्व में एक विशेष टीम, जिसमें इंस्पेक्टर शामिल हैं। इस सनसनीखेज हत्याकांड की गुत्थी सुलझाने के लिए नवीन कुमार, इंस्पेक्टर ,सुभाष चंद, इंस्पेक्टर कमलेश, इंस्पेक्टर रघुबीर समेत ऑपरेशन सेल के अन्य कर्मियों का गठन किया गया। टीम ने मौके का दौरा किया और घटनास्थल के पास लगे सीसीटीवी कैमरों की पड़ताल शुरू कर दी है। अपराधियों की पहचान के लिए कई सीसीटीवी कैमरों का विश्लेषण किया गया। अंत में टीम ने दो मोटरसाइकिलों पर पाए गए चार संदिग्ध व्यक्तियों पर शून्य किया और उनमें से दो ने मृतक पर गोलीबारी की, जबकि अन्य दो भी घटनास्थल के पास मौजूद थे। एफआईआर नंबर – 10971/23, दिनांक 14.04.23 थाना द्वारका दक्षिण के तहत दोषियों द्वारा इस्तेमाल की गई एक मोटरसाइकिल को चोरी होना पाया गया। एक टीम ने उस स्थान के सीसीटीवी फुटेज का भी विश्लेषण करना शुरू किया जहां से उक्त मोटरसाइकिल चोरी हुई थी। कई सीसीटीवी फुटेज का विश्लेषण करने के बाद, अरुण, दीपक और दो सीसीएल नाम के चार लोगों की पहचान की गई। मुख्य आरोपी व्यक्तियों की पहचान के संबंध में टीम द्वारा स्थानीय मुखबिरों को भी तैनात किया गया था। ह्यूमन इंटेलिजेंस और टेक्निकल सर्विलांस से खुलासा हुआ कि फरार अपराधी कपिल सांगवान इस हत्याकांड का मुख्य साजिशकर्ता है. उसने झज्जर जिले के छारा गांव निवासी रोहित के साथ मिलकर इस हत्याकांड की योजना बनाई थी। रोहित ने इस पूरी साजिश में अपने भाई सोहित, योगेश कुमार निवासी गांव छारा व अन्य को शामिल किया था। सोहित ने कथित तौर पर इस घटना को अंजाम देने के लिए राजस्थान के दो अपराधियों को भी शामिल किया था। आरोपी सोहित निवासी छारा को ऑपरेशन टीम ने दबोच लिया। उसने साजिश में अहम भूमिका निभाई थी। दो सीसीएल के साथ अरुण चंद और दीपक बेरवा नाम के दो अन्य आरोपियों को भी गिरफ्तार किया गया। बाद में मुख्य शूटर योगेश कुमार को 20-21 अप्रैल 23 की दरमियानी रात चंडीगढ़ से गिरफ्तार किया गया। इनके कब्जे से एक अत्याधुनिक पिस्टल व 5 जिंदा कारतूस बरामद किया गया। ऐसा प्रतीत होता है कि भगोड़े अपराधी कपिल सांगवान उर्फ नंदू द्वारा क्षेत्र में अपनी उपस्थिति दर्ज कराने और अपने घटते समूह को पुनर्जीवित करने के लिए किया गया एक हताशापूर्ण कार्य है क्योंकि इसका अधिकांश सहयोगी मकोका के तहत जेल में हैं। इस मामले का पर्दाफाश करने के लिए टीम ने तकनीकी विश्लेषण, सीसीटीवी फुटेज और वित्तीय लेनदेन पर नज़र रखने पर सावधानीपूर्वक काम किया। अभी और गिरफ्तारियां होने की संभावना है और छापेमारी जारी है।
आरोपी गिरफ्तार-
1. सोहित उर्फ़ सचिन निवासी वीपीओ छारा, बहादुरगढ़, उम्र 25 साल।
2. अरुण चंद निवासी राजनगर पार्ट-02, पालम कॉलोनी, उम्र 19 साल।
3. दीपक बेरवा निवासी राज नगर पार्ट-02, पालम कॉलोनी, उम्र 19 साल।
4. योगेश कुमार निवासी ग्राम छारा, जिला झज्जर, हरियाणा, उम्र 30 वर्ष।
5. 02 सी.सी.एल.