अजीत सिन्हा की रिपोर्ट
फरीदाबाद: विद्यार्थियों के अभिनव विचारों को मंच प्रदान करने तथा उन्हें स्टार्ट-अप के लिए प्रोत्साहित करने केे उद्देश्य से जे.सी. बोस विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, वाईएमसीए, फरीदाबाद द्वारा एक दिवसीय ‘आइडियाथाॅन-2019’ इवेंट का आयोजन किया गया,जिसमें देश के विभिन्न शिक्षण संस्थानों से प्राप्त हुई 130 स्टाॅट-अप आइडिया में से 60 को इवेंट के दौरान प्रदर्शित किया गया। ये प्रविष्टियां आईआईटी दिल्ली,आईआईआईटी,दिल्ली,डीटीयू, पंजाब युनिवर्सिटी, राजस्थान टेक्निकल युनिवर्सिटी, यूपीटीयू, लखनऊ सहित देश के प्रतिष्ठित तकनीकी संस्थानों से प्राप्त हुई। इवेंट की शुरूआत दीप प्रज्ज्वलन तथा सरस्वती वंदना से हुई। सत्र की अध्यक्षता कुलपति प्रो. दिनेश कुमार ने की। इस अवसर पर आईआईएलएम युनिवर्सिटी, गुरूग्राम की कुलपति डाॅ. सुजाता शाही मुख्य अतिथि रही तथा ओएनजीसी फाउंडेशन के सीईओ किरण डीएम विशिष्ट अतिथि रहे। सत्र में पेटीएम के उपाध्यक्ष सौरभ जैन मुख्य वक्ता रहे। सत्र को हारट्रोन मल्टी स्किल डेवलेपमेंट सेंटर, गुरूग्राम के अध्यक्ष डाॅ. राजीव गुलाटी,अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद् की स्टार्टअप नीति कार्यान्वयन के कार्यकारी सलाहकार श्री दीपन साहू तथ आॅटोमेशन इंडस्ट्री एसोसिएशन के निदेशक श्री अनूप वाधवा ने भी संबोधित किया।
अध्यक्षीय संबोधन में कुलपति प्रो. दिनेश कुमार ने स्टार्ट-अप को डिजाइन करने के लिए अंतःविषय दृष्टकोण अपनाने पर बल दिया। उन्होंने कहा कि इनोवेटिव आइडिया की कोई कमी नहीं है, लेकिन, समस्या यह है कि हमारे आइडिया एक ही दिशा में हैं। हम सभी आईओटी आधारित समाधानों की खोज कर रहे हैं जबकि आइडिया के प्रकार बदल रहे हैं। नए आइडिया अंतःविषय नवाचारों पर आधारित होने चाहिए जोकि भविष्य है।विद्यार्थियों को एक टीम के रूप में काम करने के लिए प्रोत्साहित करते हुए, उन्होंने कहा कि विद्यार्थियों को अंतःविषय विचारों पर काम करने की संभावनाओं का पता चलाना चाहिए। उन्होंने उदाहरण दिया कि किस प्रकार 3डी प्रिंटिंग ने औद्योगिक क्रांति ला दी है। सत्र को संबोधित करते हुए, कुलपति डॉ. सुजाता शाही ने आइडिया के व्यावसायीकरण के महत्व और आवश्यकता को रेखांकित किया। उन्होंने स्टार्ट-अप के लिए आवश्वक सहायक पारिस्थितिकी तंत्र विकसित करने तथा पारिस्थितिकी तंत्र के विकास में इनक्यूबेटरों की भूमिका पर भी बल दिया। अपने मुख्य संबोधन में सौरभ जैन ने भारतीय समाज में व्याप्त समस्याओं और इसके समाधान के बारे में चर्चा की। विद्यार्थियों को उद्यमिता में अपना कैरियर बनाने के लिए प्रोत्साहित करते हुए,श्री जैन ने कहा कि इंजीनियरिंग का संबंध समाज में समस्याओं के समाधान से है और उद्यमी की सफलता के पीछे का विचार समाज की बड़ी समस्याओं में से किसी एक समस्या को बड़े पैमाने पर हल करने से है। इस प्रकार, इंजीनियर्स के रूप में आपका काम यह है कि आप किसी एक समस्या ले और इसमें अपना कैरियर बनाये।
इससे पहले, सत्र को संबोधित करते हुए डॉ. राजीव गुलाटी ने स्टार्ट-अप्स के प्रोत्साहित के लिए हारट्रोन द्वारा किये जा रहे कार्याें के बारे में बताया। उन्होंने प्रतिभागियों को उद्यमशीलता में सफलता के लिए विचारों को रचनात्मक तथा अभिनव बनाने के साथ-साथ खुद में जोखिम लेने की क्षमता विकसित करने के लिए प्रोत्साहित किया। उन्होंने कहा कि वे ऐसे आइडिया विकसित करें जो सामाजिक और स्थानीय समस्या को हल कर सकें।ओएनजीसी फाउंडेशन के सीईओ श्री किरण डीएम ने स्टार्ट-अप के दौरान आने वाली कठिनाइयों और चुनौतियों के बारे में बताया।अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद् की स्टार्टअप नीति कार्यान्वयन के कार्यकारी सलाहकार श्री दीपन साहू ने स्टार्ट-अप इकोसिस्टम के विकास में इनक्यूबेटरों की भूमिका और महत्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि भारत में 300 से अधिक इनक्यूबेटर हैं और केवल 100 इनक्यूबेटर्स कार्यात्मक हैं जो चीन में 3000 से अधिक इनक्यूबेटरों की तुलना में काफी कम है। सत्र के समापन पर कुलपति और अन्य अधिकारियों ने गणमान्य व्यक्तियों को पौधे और स्मृति चिन्ह भेंट कर सम्मानित किया। बाद में, गणमान्य व्यक्ति भी प्रतिभागियों द्वारा प्रदर्शित प्रोजेक्ट आइडिया का अवलोकन भी किया तथा इस पर विस्तृत चर्चा सत्र आयोजित किया गया, जिसके आधार पर विजेताओं का चयन किया जायेगा। उल्लेखनीय है कि इवेंट के दौरान प्रतिभागियों के अभिनव विचारों को 1.5 लाख रुपये तक केे विभिन्न श्रेणी में नकद पुरस्कारों से पुरस्कृत किया जायेगा। इसमें पहला पुरस्कार 50,000 रुपये का होगा। इसके अलावा, 20,000 रुपये के तीन पुरस्कार तथा 10,000 रुपये के चार पुरस्कार शामिल हैं। पुरस्कारों को भूतपूर्व छात्र संघ माॅब तथा टीईक्यूआईपी द्वारा प्रायोजित किया गया है।
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