रचना सिंह: बजट 2017-18 पेश होने के बाद यदि सबसे ज्यादा मायूसी किसी को हुई तो वह केन्द्र सरकार के कर्मचारी हैं. उन्हें न तो वित्त मंत्री के बजट भाषण में और न ही बजट दस्तावेज में ऐसा कुछ मिला जो उन्हें खुश कर सके. केन्द्र सरकार के कर्मचारियों को उम्मीद थी कि वित्त मंत्री अपने बजट भाषण में कर्मचारियों को 7वें वेतन आयोग से मिले भत्ते में कुछ बढ़ोत्तरी का ऐलान करेगी.
सातवां वेतन आयोग केन्द्र सरकार के कर्मचारियों को सैलरी में पहले ही बड़ी खुशी दे चुका है लेकिन जिस तरह नोटबंदी के बाद कर्मचारियों के भत्ते पर फैसला टल रहा है उन्हें उम्मीद थी कि सरकार बजट के जरिए स्थिति को कुछ साफ करने की कोशिश करेगी.केन्द्र सरकार के कर्मचारियों के कुछ संगठनों का मानना है कि केन्द्र सरकार 7वें वेतन आयोग से उनके भत्ते में हुई वृद्धि को लागू करने के लिए बजट पेश करने का इंतजार कर रही थी. लिहाजा, अब बजट पेश होने के बाद सरकार जल्द से जल्द इस आशय कुछ फैसला ले सकती है.
केन्द्र सरकार ने 7वें वेतन आयोग की सिफारिशों को सितंबर 2016 में मंजूरी दे दी थी लेकिन भत्ते में बढ़ोत्तरी पर फैसला पहले नोटबंदी फिर राज्यों के चुनाव के चलते टल गया. लिहाजा उम्मीद की जा रही है कि कर्मचारियों को भत्ते में किसी वृद्धी की अच्छी खबर के लिए मार्च में चुनाव प्रक्रिया पूरी होने का इंतजार करना होगा.
सातवें वेतन आयोग से केन्द्र सरकार के लगभग 1 करोड़ कर्मचारी और पेंशनभोगियों की कमाई में बड़ा इजाफा हुआ है. सरकार को उम्मीद है कि कर्मचारियों की कमाई में हुए इस इजाफे से देश की जीडीपी को फायदा पहुंचेगा क्योंकि कर्मचारियों की बढ़ी हुई सैलरी से अर्थव्यवस्था के कई सेक्टर में कारोबारी तेजी आने की उम्मीद है.
वहीं, नैशनल ज्वाइंट एक्शन कमेटी (एनजेसीए) के सदस्यों का मानना है कि केन्द्र सरकार सातवें वेतन आयोग की सभी सिफारिशों को लागू करने के लिए 1 अप्रैल का इंजतार करेगी जिससे नए वित्त वर्ष से कर्मचारियों को बढ़ा हुआ भत्ता मिलना शुरू हो जाए.