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दिल्ली

तीर्थ यात्रा योजना के तहत 73वीं ट्रेन द्वारकाधीश रवाना, बुजुर्गों से मिलकर सीएम केजरीवाल सौंपे टिकट

अजीत सिन्हा की रिपोर्ट 
नई दिल्ली:केजरीवाल सरकार की मुख्यमंत्री तीर्थ यात्रा योजना के अंतर्गत शनिवार को दिल्ली से 73वीं तीर्थ यात्रा ट्रेन 780 बुजुर्गों को लेकर द्वारकाधीश का दर्शन कराने के लिए रवाना हुई। सभी तीर्थ यात्रियों को एक-दूसरे से जुड़ने के लिए त्यागराज स्टेडियम में भजन संध्या का आयोजन किया गया। यहां सीएम अरविंद केजरीवाल भी पहुंचे और उनसे मुलाकात उन्हें यात्रा टिकट व किट सौंपा। इस अवसर पर सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि सभी तीर्थ यात्री बेहद खुश दिखे, उनसे ख़ूब प्यार और आशीष मिला। तीर्थ कराना बहुत पुण्य का काम होता है और हम ख़ुश क़िस्मत हैं कि ये पुण्य का काम कर पा रहे हैं। उन्होंने कहा कि इससे पहले 72 ट्रेनों के जरिए 71 हजार से अधिक बुजुर्ग विभिन्न धार्मिक स्थलों का दर्शन कर चुके हैं। ये सिलसिला यूं ही जारी रहेगा। भगवान श्री कृष्ण जी की कृपा से सभी की यात्रा मंगलमय हो। 

मुख्यमंत्री तीर्थ यात्रा योजना के तहत दिल्ली सरकार पिछले दो-तीन वर्षों से अपने बुजुर्गों को देश भर में विभिन्न तीर्थ स्थलों के दर्शन करवाती है। इसी कड़ी में शनिवार को नई दिल्ली रेलवे जंक्शन से एक ट्रेन श्री द्वारकाधीश के लिए रवाना हुई। इससे पहले, दिल्ली सरकार की ओर से त्यागराज स्टेडियम में एक भजन संध्या का आयोजन किया गया। इसका उद्देश्य तीर्थ यात्रियों को अंतरमन की शांति पाने और आध्यात्मिक यात्रा पर जा रहे साथी यात्रियों के साथ जुड़ने का अवसर प्रदान करना था। द्वारकाधीश की यात्रा दिल्ली से करीब 25 घंटे की है और इसकी दूरी करीब 1400 किलोमीटर है। दिल्ली से ट्रेन शाम करीब सात बजे श्रद्धालुओं को लेकर रवाना हुई।इस अवसर पर सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि आज आप लोग तीर्थ यात्रा करने के लिए द्वारकाधीश जा रहे हैं। आप सभी बहुत शौभाग्यशाली हैं कि इतनी लंबी तीर्थ यात्रा करने का मौका मिल रहा है। इस यात्रा को लेकर सभी लोग बहुत खुश हैं। यहां हो रहे भजन संध्या के दौरान कुछ बुजुर्ग बहुत मग्न दिख रहे थे। भगवान करें कि आपकी यात्रा बहुत शुभ हो। सभी लोग भगवान के अच्छे से दर्शन करके आएं। हमने दो-तीन साल पहले तीर्थ यात्रा योजना शुरू की थी। कुछ ऐसे लोग भी हैं, जिनके भगवान का दिया पैसा नहीं है। वे अपने पैसे से तीर्थ यात्रा पर जा नहीं सकते। अपने हिंदू धर्म में बुढ़ापे को वानप्रस्थ आश्रम कहा जाता है। हर व्यक्ति चाहता है कि जिंदगी में उसकी कम से कम एक तीर्थ यात्रा हो जाए। जिन लोगों को भगवान ने संसाधन नहीं दिए, उनको इस योजना से कम से कम एक तीर्थ यात्रा करने का सौभाग्य मिल जाता है। ऐसे भी बहुत सारे लोग हैं, जिनको भगवान ने संसाधन तो दिए, लेकिन वो अकेले हैं। उनके पास कोई सहारा नहीं है। इसलिए दिल्ली सरकार ने योजना निकाली कि आप अपने साथ एक युवा को लेकर जा सकते हैं, जो यात्रा के दौरान आपका ध्यान रख सके। ट्रेन में इतने सारे लोग साथ जाते हैं तो इस दौरान नए-नए दोस्त बन जाते हैं। सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि तीर्थ यात्रा योजना के तहत अभी तक दिल्ली से 72 ट्रेन जा चुकी है और 71 हजार लोग तीर्थ यात्रा कर चुके हैं। मेरा मन है कि 60 साल से अधिक उम्र के दिल्ली के सभी बुजुर्गों को जल्द से जल्द एक बार तीर्थ यात्रा करा लें और फिर दूसरा राउंड भी शुरू कर दें। लेकिन ट्रेनों की कमी रहती है। हम केंद्र सरकार से ट्रेन मांगते हैं। केंद्र सरकार जितना संभव होता है, उतनी ट्रेन हमें देती भी हैं। हम लोग कोशिश करेंगे कि आसपास के तीर्थ स्थलों का दर्शन करने के लिए बसों का इंतजाम करें। बसों की कमी नहीं होगी। दिल्ली सरकार तीर्थ यात्रियों के लिए एसी लग्जरी बसें शुरू करेगी ताकि अयोध्या, वृंदावन, मथुरा समेत आसपास के तीर्थ स्थलों के दर्शन के लिए अधिक से अधिक लोगों को भेजा जा सके। सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि पिछले साल मैं खुद द्वारकाधीश होकर आया था। द्वारकाधीश बहुत अच्छी जगह है। सभी यात्रियों को बहुत आनंद आएगा। द्वारकाधीश की यात्रा एक दिन जाने और एक दिन आने के अलावा तीन दिन वहां रूकने की है। सभी लोग अच्छे से दर्शन करके आएं। आप अपने और अपने परिवार के साथ ही दिल्ली और देश की समृद्धि के लिए भी भगवान से आर्शीवाद जरूर मांग कर आना। सीएम अरविंद केजरीवाल ने ट्वीट कर कहा, ‘‘मुख्यमंत्री तीर्थ यात्रा योजना के तहत आज 73वीं ट्रेन श्री द्वारिकाधीश के लिए रवाना हो रही है। तीर्थ यात्रा पर जा रहे सभी बुजुर्गों से मिला और उन्हें यात्रा टिकट सौंपा। सभी बेहद खुश थे, ख़ूब प्यार और आशीष मिला। तीर्थ कराना बहुत पुण्य का काम होता है और हम ख़ुश क़िस्मत हैं कि ये पुण्य का काम कर पा रहे हैं। अब तक 71 हज़ार बुज़ुर्ग तीर्थ यात्रा कर चुके हैं। ये सिलसिला यूं ही जारी रहेगा। भगवान श्री कृष्ण जी की कृपा से सभी की यात्रा मंगलमय हो।द्वारकाधीश की यात्रा करने गए सभी श्रद्धालुओं के बीच खुद सीएम अरविंद केजरीवाल पहुंचे और उनकी कुशलता के बारे में जाना। सीएम अरविंद केजरीवाल ने सभी के कुशल यात्रा की कामना की। इस दौरान उन्होंने कई श्रद्धालुओं से बात भी की। सरकार द्वारा मुफ्त और शानदार तीर्थ यात्रा की सुविधा प्रदान करने को लेकर बुजुर्गों के चेहरे पर खुशी साफ दिख रही थी। सभी तीर्थ यात्री बहुत खुश थे और उन्होंने सीएम अरविंद केजरीवाल को दीर्घायु और तरक्की करने की खूब सारा आशीर्वाद दिया। इस अवसर पर राजस्व मंत्री आतिशी ने कहा कि हर व्यक्ति ज़िंदगी भर मेहनत करता है। अपने परिवार को संभालते और बच्चों को पढ़ाते-लिखाते है। फिर ज़िंदगी का एक पड़ाव ऐसा आता है, जब वे आध्यात्म के साथ भगवान को समय देने और तीर्थयात्रा करने की इच्छा रखते हैं। वे सोचते हैं कि हमें हमारे बच्चे तीर्थयात्रा करवोएंगे और हम अपने हिस्से का पुण्य कमा सकेंगे, लेकिन कुछ मज़बूरी के कारण कई बुजुर्ग अपनी इस इच्छा को पूरा नहीं कर पाते हैं। उन्होंने कहा कि दिल्लीवासियों का सौभाग्य है कि दिल्ली के हर बुजुर्ग को बेटे के रूप में अरविंद केजरीवाल मिले हैं, जिन्होंने जिम्मेदारी ली है कि मैं दिल्ली के हर बुजुर्ग को तीर्थयात्रा करवाउंगा।राजस्व मंत्री आतिशी ने कहा कि कुछ महीने पहले तीर्थ यात्रियों की ट्रेन अयोध्या गई थी और जब अयोध्या से ट्रेन वापस आई तो हमने बुजुर्गों से बात की। तब बुजुर्गों ने एक बात कही कि हमें मंदिर जाने, रामलला के दर्शन की ख़ुशी तो है ही, साथ ही इस बात की भी ख़ुशी है कि जिस तरह से अरविंद केजरीवाल ने पूरी यात्रा में हमारा ध्यान रखा, शायद हमारे बच्चे भी न रख पाते। तीर्थयात्रियों ने बताया कि पूरी यात्रा के दौरान उन्हें किसी भी तरह की कठिनाइयों का सामना नहीं करना पड़ा था।  हमें एसी ट्रेन से भेजा गया, हमारे लिए एसी होटल बुक किया गया। एक भी मौक़ा ऐसा नहीं आया, जब ऐसा लगा कि खाना समय से न मिला हो। हमें इतनी सुविधाएं मिली, हमारा पूरा आशीर्वाद अरविंद केजरीवाल के साथ है। उन्होंने कहा कि अरविंद केजरीवाल जी का धन्यवाद करती हूं कि उन्होंने हमारे बुजुर्गों के दिल की बात सुनी और उन्हें तीर्थयात्रा पर भेजा। आप सभी जब द्वारकाधीश पहुंचे तो अपने परिवार के साथ-साथ दिल्लीवालों की सुख समृधि की कामना भी ज़रूर करें।मुख्यमंत्री तीर्थ-यात्रा योजना तहत 73वीं यात्रा ट्रेन रवाना होने के अवसर पर त्यागराज स्टेडियम में भजन संध्या का आयोजन किया गया। यह भजन संध्या तीर्थयात्रियों को अंतरमन की शांति पाने और आध्यात्मिक यात्रा पर साथी यात्रियों के साथ जुड़ने का अवसर प्रदान करती है। इसका उद्देश्य परमात्मा के साथ गहरा संबंध स्थापित करना भी था, जिससे तीर्थ यात्रियों को उनकी पवित्र यात्रा के लिए शक्ति, शांति और भावनात्मक शक्ति मिल सके। भजन संध्या में मुख्यमंत्री तीर्थ-यात्रा योजना का सारा सार समाहित है। यह उस एकता, करुणा और देखभाल का प्रतीक है जो केजरीवाल सरकार दिल्लीवालों, खासकर अपने बुजुर्गों को प्रदान करती है।दिल्ली सरकार रामेश्वरम्, द्वारकाधीश, सोमनाथ, नागेश्वरम्, जगन्नाथपुरी, बाबा महाकाल, शिरडी में तमकेश्वरम्, तिरुपति बालाजी, अयोध्या, माता वैष्णोदेवी, पुष्कर, फतेहपुर सिकरी, अमृतसर में स्वर्ण मंदिर, करतारपुर साहिब, मथुरा-वृंदावन और हरिद्वार के दर्शन अपने खर्चे पर करवाती है। पात्र यात्री अपनी मन पसंद यात्रा को चुन सकते हैं।इन यात्राओं में भाग लेने के लिए सभी तीर्थ यात्रियों को ऑनलाइन पोर्टल के जरिए आवेदन करना होता है। आवेदनों की जांच पड़ताल के बाद दिल्ली सरकार इच्छित तीर्थ स्थलों तक उनकी यात्रा को सुविधाजनक बनाने के लिए वातानुकूलित ट्रेनों की व्यवस्था करती है। दिल्ली सरकार तीर्थ यात्रियों के उनके घर से रेलवे स्टेशन तक और वापस घर पहुंचाने तक के लिए परिवहन की जिम्मेदारी लेती है। साथ ही, उनके होटल पहुंचने के बाद तीर्थ स्थलों तक और वहां से स्थानीय यात्रा की व्यवस्था भी करती है। यात्रा के दौरान सभी तीर्थयात्रियों को अच्छे होटलों में रहने के साथ भोजन और नाश्ते की व्यवस्था करती है। इसके अलावा, हर तीर्थयात्री को एक किट दी जाती है, जिसमें बेडशीट, छाता, कंबल, तौलिया और स्नान किट समेत अन्य जरूरी वस्तुएं होती हैं, ताकि उनको यात्रा के दौरान किसी प्रकार की असुविधा न हो। 
मुख्यमंत्री तीर्थ-यात्रा योजना (एमएमटीवाईवाई) इस बात का ज्वलंत उदाहरण है कि कैसे दिल्ली सरकार लोगों के सपनों को साकार करने में मदद कर रही है। इस विशेष कार्यक्रम ने कई गरीब व्यक्तियों के लिए तीर्थयात्राओं पर जाना संभव बना दिया है जो ऐसी यात्राओं का खर्च वहन नहीं कर सकते थे। उन लोगों के लिए जिनके पास बहुत कुछ नहीं है, एमएमटीवाईवाई ने उन स्थानों के दरवाजे खोल दिए हैं, जिनके बारे में उन्होंने कभी नहीं सोचा था कि वे वहां जा सकते हैं। दिल्ली सरकार की यह पहल लोगों के लिए अपने आध्यात्म से जुड़ने और खुद को महसूस करने का एक तरीका बन गई है। इन सपनों को साकार करना, खासकर उन लोगों के लिए जो इसे अपने दम पर प्रबंधित नहीं कर सकते, ये दिखाता है कि कैसे देखभाल करने वाला नेतृत्व समाज में बदलाव ला सकता है।

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