अरविन्द उत्तम की रिपोर्ट
ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी और यूपीएसआईडीसी (UPSIDC) के 8 अफसरों को जेवर विधायक की शिकायत पर किया गया सस्पेंड, इन अफसरों पर मोटी रकम लेकर भूखंडों को गलत तरीके से आवंटन और दस्तावेजों में हेरफेर करने का आरोप लगा है, एक उद्यमी ने इन अफसरों से परेशान होकर अधिकारियों की शिकायत जेवर विधायक से की थी, शिकायत मिलने के बाद जेवर विधायक ने इन अधिकारियों के कारनामों की मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से शिकायत की थी और भ्रष्टाचार के सबूत भी सौंपे थे।
मुख्यमंत्री के आदेश पर जिन 8 अधिकारियों को सस्पेंड किया गया है उनमें ग्रेटर नोएडा यूपीएसआईडीसी (UPSIDC) मे रीजनल मैनेजर रहें अजयदीप और सुदेश कनौजिया को सस्पेंड किया गया है और ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के उद्योग विभाग में तैनात मयंक श्रीवास्तव को सस्पेंड किया गया, मयंक श्रीवास्तव पूर्व UPSIDC में तैनात रह चुके हैं, और सुरेश कुमार, एमएस रावत, सीपी वर्मा, एस के गुप्ता और गोविंद दीक्षित को भी भ्रष्टाचार के आरोप में सस्पेंड किया गया है, जेवर विधायक धीरेन्द्र ठाकुर की शिकायत पर भ्रष्ट अधिकारियों पर मुख्यमंत्री ने बड़ी कार्रवाई की है। भ्रष्टाचार के आरोप ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी और यूपीएसआईडीसी (UPSIDC) पर पहले भी सरकारों में लग चुके हैं, लेकिन कार्रवाई के नाम पर खानापूर्ति की जाती थी, अब मुख्यमंत्री के आदेश पर ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी और यूपीएसआईडीसी (UPSIDC) में तैनात भ्रष्ट अधिकारियों पर गाज गिरी है, इन पर आरोप है कि यह लोग भूखंड को गलत तरीके से आवंटन करते थे और उसके बदले में मोटी रकम की मांग की जाती थी। एक उद्यमी ने इन अधिकारियों से परेशान होकर इसकी शिकायत जेवर विधायक धीरेंद्र ठाकुर से की थी और जो अथॉरिटी और यूपीएसआईडीसी (UPSIDC) के अंदर भ्रष्टाचार का खेल खेला जा रहा था। उसके सबूत भी विधायक को दिए हैं, जेवर विधायक ने फिर इसकी शिकायत मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से की और उनके सामने जो भ्रष्टाचार के दस्तावेज थे जिन अधिकारियों द्वारा भ्रष्टाचार किया गया था। सबूत मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के सामने रखे गए थे उसके बाद मुख्यमंत्री के आदेश पर 8 अधिकारियों को सस्पेंड कर दिया गया है।