अजीत सिन्हा की रिपोर्ट
चंडीगढ़:हरियाणा में आगामी 21 अक्टूबर को होने वाले विधानसभा चुनावों के लिए नागरिक और पुलिस प्रशासन ने विस्तृत संयुक्त कार्रवाई के बाद 60 स्थानों पर 83 मतदान केंद्रों की पहचान ‘क्रिटिकल’ और 1,419 स्थानों पर 2,923 मतदान केंद्रों की पहचान ‘वल्नरेबल’ के रूप में की है। अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (कानून एवं व्यवस्था) नवदीप सिंह विर्क ने आज यहां यह जानकारी देते हुए बताया कि प्रदेश में क्रिटिकल और वल्नरेबल मतदान केंद्रों की पहचान करने के साथ-साथ शांतिपूर्ण और घटना मुक्त मतदान के लिए सुरक्षा के पुख्ता इंतज़ाम किये जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि ऐसे सभी मतदान केंद्रों पर केंद्रीय अर्धसैनिक बलों की तैनाती होगी और निगरानी के लिए माइक्रो ऑब्जर्वर की नियुक्ति व वेबकास्टिंग की जाएगी जिससे सकुशल चुनाव सम्पन्न हो सकें।
क्रिटिकल मतदान केंद्रों के आंकड़ों को साझा करते हुए विर्क ने कहा कि जिला कुरुक्षेत्र में अधिकतम 14 पोलिंग बूथ की पहचान क्रिटिकल श्रेणी के तहत की गई है। जिसके बाद हिसार और पलवल में 10-10, मेवात, हांसी, सिरसा और पानीपत में 7-7, जींद और भिवानी में 5-5,यमुनानगर और दादरी में 3-3, महेंद्रगढ़ में 2 और गुरुग्राम और कैथल में एक-एक पोलिंग बूथ क्रिटीकल पाए गए हैं। इसी प्रकार, जिला मेवात में अधिकतम 342 वल्नरेबल मतदान केंद्रों की पहचान की गई है, जिसके बाद गुरुग्राम, सिरसा और झज्जर में इनकी संख्या क्रमशः 308, 292 और 254 है। अन्य वल्नरेबल मतदान केंद्रों में फरीदाबाद में 199, पानीपत में 143, अंबाला में 142, रोहतक और फतेहाबाद में 141, कुरुक्षेत्र में 119, पंचकुला में 98, यमुनानगर में 78, कैथल में 29, करनाल में 24, सोनीपत में 64, जींद में 29, हिसार में 49, हांसी में 46, भिवानी में 85, दादरी में 91, महेंद्रगढ़ में 107, रेवाड़ी में 60 और पलवल में 82 मतदान केंद्र शामिल हैं। राज्य में 10,309 स्थानों पर कुल 19,500 मतदान केंद्र हैं।
विर्क ने बताया कि भारत निर्वाचन आयोग के दिशानिर्देशों के तहत, ऐसा बूथ जहाँ पिछले आम चुनाव में 90 प्रतिशत मतदान हुआ है और किसी एक उम्मीदवार के पक्ष में 75 प्रतिशत से अधिक मतदान दर्ज किया गया है, ऐसा मतदान केंद्र को क्रिटिकल मतदान केंद्रों की श्रेणी में रखा गया है। एक वल्नरेबल मतदान केंद्र या क्षेत्र वह है जहां मतदाताओं को पिछले चुनावों में गैरकानूनी साधनों का उपयोग करके वोट देने के लिए डराया या प्रभावित किया गया था तथा आगामी चुनाव में इसकी संभावना है। इस मैपिंग के बाद जिला अधिकारियों को मतदान से पहले और यहां तक कि मतदान के दिन तक कार्रवाई करने की आवश्यकता होती है, ताकि वल्नरेबल्स क्षेत्रों या मतदान केंद्रों में स्वतंत्र और निष्पक्ष मतदान सुनिश्चित हो सके।