अजीत सिन्हा की रिपोर्ट
फरीदाबाद:शहर का नाम पूरे विश्व पटल पर दूसरा सबसे प्रदूषित शहर की गिनती में आने के बाद से पूरा फरीदाबाद शहर सक्ते में है,जिसमें अहम भागेदारी छोटी -छोटी अवैध रूप से जहरीला प्रदूषण हवा में घोलती फैक्टरियों का भी है। इन फैक्टरियों के मालिक अब गाँवो की तरफ कूच करने लगे हैं। ये लोग बिना किसी परमिशन के इनको चलाने का काम करते है,साथ ही सरकार व अधिकारियों की आंखों में धूल झोंकने का भी काम करते हैं। किन्तु प्रदूषित शहरों में विश्वपटल पर दूसरा स्थान प्राप्त फरीदाबाद के प्रदूषण बोर्ड के अधीकारी अब सख्ती से निपटते हुए दिखाई दिए।
जिसका उदाहरण गांव सागरपुर में देखने को मिला। आपको ज्ञात हो कि सागरपुर से मलेरना को जाने वाली सड़क पर *गोसाईं पैकिंग* नामक एक फैक्ट्री अवैध रूप से चलती हुई अधिकारियों को पाई गई ,जिसको पॉल्युशन बोर्ड फरीदाबाद के अधिकारियों द्वारा तुरन्त प्रभाव से सख्ती दिखाते हुए बुधवार को सील कर दिया। ये कार्यवाही लगातार जहरीले प्रदूषण को झेल रहे आस पास के गांव सागरपुर के ग्रामीणों की लगातार शिकायत पर की गई हैं । प्रदूषण इतना बढ़ रहा था, कि आस पास के लगते गाँव जैसे सागरपुर,सुनपेड़,मलेरना,साहूपुरा,जैसे शुद्व वायु वाले गाँवो को बिल्कुल ही जहरीला बनाने में ज्यादा दिन बाकी नहीं थे।ग्रामीणों की शिकायत पर प्रदूषण बोर्ड के अधिकारी आकांक्षा तंवर की अध्यक्षता में एक टीम ने इस अवैध फैक्ट्री को बंद करके एक बड़ी कार्यवाही की। एक युवा ग्रामीण शिकायतकर्ता उदय सोरौत से बात करने पर पता चला कि इस फैक्ट्री से इतना जहरीला धुआं निकलता था कि ग्रामीणों व आस पास के लोगो को सांस लेने में खासी दिक्कत आ रही थी।आपको बतादें कि ये अवैध फैक्ट्री थर्मिकोल जैसी कुछ वस्तु बनाती थी जिससे बेहद ही गन्दा व जहरीला धुंआ निकलता था।
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