अजीत सिन्हा की रिपोर्ट
फरीदाबाद : डीएलएफ क्राइम ब्रांच ने आज हत्या के एक ऐसे मामले का खुलासा किया हैं, जिसमें कातिल कोई और था और फंसाया किसी और को गया था। वह भी एक -दो लोगों को नहीं बल्कि सात लोगों के खिलाफ साजिश के तहत हत्या करने का मुकदमा शहर बल्लभगढ़ थाना में दर्ज कराया गया था। दोनों दोस्तों ने ही अपने दोस्त सुखबीर सिंह की पैसों के लालच में हत्या की थी।
डीसीपी क्राइम लोकेंद्र सिंह का कहना हैं कि बल्लभगढ़ स्थित रेलवे लाइन के पास एक शख्स की लाश मिली थी और मृतक की पहचान सुखबीर सिंह के रूप में की गई थी। इस मामले में मृतक के भाई रमेश पाल सिंह निवासी डी -2 ,गली न.12, प्रेम विहार,करावल नगर,दिल्ली निवासी ने शहर बल्लभगढ़ थाने में विक्रम, बबलू, सोनू, मोनू, मतरु, गुलाब सिंह, राहुल निवासी हसनपुर,जिला बुलंदशहर,उत्तरप्रदेश के खिलाफ साजिश के तहत हत्या का मुकदमा दर्ज करवा दी । उनका कहना हैं कि डीएलएफ, क्राइम ब्रांच प्रभारी नवीन कुमार की टीम ने जब मामले की छानबीन शुरू की, तो उन्हें घटना स्थल के पास लगे एक सीसीटीवी कैमरे में दो लोग दिखाई दिए। जब उस फुटेज को मृतक सुखबीर के परिजनों को दिखाया गया तो उन लोगों को मृतक सुखबीर सिंह के दोस्त अंकुर व मोनू के रूप में की गई, जोकि उसी के गांव के रहने वाले थे।
पुलिस ने जब अंकुर व मोनू को हिरासत में लेकर जब गहनता से पूछताछ की,तो दोनों ने अपना गुनाह कबूल कर लिया। पूछताछ में आरोपी अंकुर व मोनू ने पुलिस को बताया कि वह लोग पैसों के लालच में उसकी हत्या की साजिश रची थी और उसकी शादी कराने का झांसा देकर, उसे साथ लेकर चला था। रास्ते में रची साजिश के तहत आरोपी अंकुर व मोनू ने पहले तो गला घोंट कर हत्या कर दी,फिर उसके सिर को पत्थरों से चोट मार मार कर,उसके चेहरे को बिगाड़ दिया। इसके बाद आरोपी अंकुर व मोनू ने उसकी जेब से तक़रीबन 38000 रूपए निकाल लिए और उसके बाद उसकी डेड बॉडी को बल्लभगढ़ स्थित रेलवे लाइन के पास फेंक दिया। सवाल के जवाव उनका कहना हैं कि मृतक सुखबीर सिंह की पत्नी इस दुनिया में नहीं हैं और उसके तीन बच्चे हैं और बच्चे का पालन -पोषण कैसे हो, इसके लिए वह काफी चिंतित रहता था और उसकी उम्र करीब 46 साल हैं। उसके पास पैसों की कोई कमी नहीं थी। इस लिए वह शादी करने का इच्छुक रहता था और इस लिए दोनों ने शादी कराने का झांसा देकर उसकी हत्या कर दी। क्राइम ब्रांच ,डीएलएफ प्रभारी नवीन कुमार की सही जांच ने मुकदमे में नामजद सात निर्दोष लोगों को बचा लिया गया।