अजीत सिन्हा की रिपोर्ट
फरीदाबाद : हार्ड वेयर चौक के पास जिन दुकानों को करीब 3 -4 महीने पहले एनआईटी नगर निगम ने ध्वस्त कर दिया,उनमें से दो दुकानें कैसे बन कर तैयार हो गई । यह दोनों दुकानें को बनवाने के एवज में तक़रीबन 5 लाख रूपए नगर निगम के एक अधिकारी के लेने की खबर हैं। यह कहना हैं नगर निगम के डिप्टी मेयर मनमोहन गर्ग का। लिखे गए पत्र को आप लोग स्वंय पढ़ सकते हैं।
डिप्टी मेयर मन मोहन गर्ग का कहना हैं कि कुछ दिन पहले वह हार्ड वेयर चौक के रास्ते सेक्टर -24 स्थित अपने कंपनी की तरफ जा रहे थे, तो उस दौरान उनकी नजर उन 4 दुकानों के ऊपर पड़ी, जिसे 3 -4 महीने पहले बुल्डोजर की सहायता से नगर निगम ने तोड़ दिया था। उन्होनें देखा कि उनमें से दो दुकानें बन कर बिल्कुल तैयार हैं और उसमें दुकाने धड़ल्ले से चल रहीं हैं। इसके बाद उन्होनें तोड़फोड़ विभाग के कार्यकारी अभियंता दीपक किंगर को फोन किया और उनसे पूछा कि हार्डवेयर चौक पर जिन 4 दुकानों को तोड़ दिए गए थे,उनमें से दो दुकानें कैसे बन कर तैयार हो गई। इसके जवाव में कार्यकारी अभियंता दीपक किंगर ने उन्हें जवाव दिया कि निर्माणकर्ता ने एक आवेदन पत्र निगमायुक्त को दिया था जिसको निगमायुक्त ने उसके आवेदन पत्र को नगर निगम के एसटीपी के पास भेज दी हैं,जोकि अभी उनके पास विचाराधीन हैं।
उनका कहना हैं कि जब वह उनसे सवाल किया की,जो निर्माणकर्ता आवेदन करता हैं क्या उसका निर्माण पहले ही बन कर तैयार कर दिया जाता हैं। इसके बाद उन्हें खबर मिली की, इस अवैध दुकानों को बनवाने के एवज में निर्माण कर्ता से तक़रीबन 5 लाख रूपए की लेनदेन की गई हैं। उनका कहना हैं कि इस संबंध में उन्होनें एक पत्र नगर निगम के कमिश्नर मोहम्मद साइन को लिख कर कहा कि इस प्रकरण में सख्त कार्रवाई करें ,क्यूंकि इससे नगर निगम की छवि पर उसका काफी बुरा असर पड़ रहा हैं, इस अवैध निर्माण में निर्माणकर्ता से किसी प्रकार की लेन देन की गई हैं तो उस अधिकारी के खिलाफ सख्त कार्रवाई करें,अवैध रूप से बने दोनों दुकानों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करे ।
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