अजीत सिन्हा की रिपोर्ट
फरीदाबाद : ओल्ड फरीदाबाद नगर निगम अधिकारीयों की मिलीभगत से नहरपार के वजीरपुर रोड और उसके आस पास में अवैध रूप से कई शॉपिंग काम्प्लेक्स एंव दुकानें बनाए जा रहे हैं, अगर ऐसा नहीं हैं तो बन रहे अवैध दुकानों पर नगर निगम ने अभी तक कोई कार्रवाई क्यूंकि नहीं की इस मामले में ओल्ड फरीदाबाद नगर निगम के एसडीओ ओ. पी. मोर का कहना हैं कि उन सभी निर्माणकर्ताओं को नोटिस दे दी गई और आगामी14 -15 जनवरी को पुलिस फाॅर्स मांगी हुई हैं और बन रहे सभी अवैध दुकानों पर जल्द ही बुल्डोजर से ध्वस्त कर दिया जाएगा।
खबर हैं कि ओल्ड फरीदाबाद नहरपार की वजीरपुर रोड व उसके आसपास में पिछले एक महीने भर के अधिक समय से अवैध रूप से बड़े -बड़े शो रूम व दुकानें बनाई जा रहीं हैं जोकि नगर निगम के अधिकारीयों की लापरवाही बरतने की वजह से करीब 50 से 60 प्रतिशत दुकानें बन कर तैयार हो चुकी हैं, यहां तक की एक -दो दुकानें ऐसी भी हैं जोकि दो -दो मंजिलें बन कर तैयार हो चुकी हैं, हालांकि इस अवैध निर्माणों के बारे में नगर निगम के संबंधित विभाग के अधिकारीयों को भलि भांति मालूम हैं ,वावजूद इसके नगर निगम के अधिकारियों ने अभी तक बन रहे अवैध निर्माणों के खिलाफ कोई सख्त कार्रवाई नहीं की। इस मामले में ओल्ड फरीदाबाद नगर निगम के सम्बंधित विभाग के एसडीओ ओ.पी. मोर का कहना हैं कि नहरपार इलाके में जितने भी अवैध निर्माण बन रहे हैं उनके निर्माणकर्ताओं को नोटिस दे चुके हैं और आगामी 14 -15 जनवरी को पुलिस फाॅर्स मांगी हुई हैं इन निर्माणों को तोड़ने के लिए।
उनका कहना हैं कि बड़े अधिकारीयों के सख्त आदेश हैं कि इन निर्माणों को जल्द ही ध्वस्त कर दिए जाए। आपको बतातें दे कि जब से नगर निगम के तत्कालीन नगर निगम कमिश्नर मोहम्मद शाइन ने तोड़फोड़ विभाग की जिम्मेदारी दीपक किंगर को सौपी हैं ,उसके बाद से ही अवैध निर्माणों की बाढ़ सी आ गई हैं, इसका क्या कारण हो सकता हैं, यह सब शहर के लोग भली भांति जानते हैं। लोगों की माने तो यह अवैध निर्माण स्मार्ट सिटी को ग्रहण लगा रहा हैं। मुख्यमंत्री मनोहर लाल ग्रेटर फरीदाबाद का सौन्द्रीय करण करने के लिए बड़ी बड़ी बातें करते हैं पर इलाके के नगर निगम के अधिकारीगण उसमें ग्रहण लगाने का काम कर रहे हैं। ऐसे में भारतीय जनता पार्टी की सरकार और नगर निगम प्रशासन सिर्फ अपनी जेब भरने के लिए कार्य कर रहीं हैं, लोगों की माने तो इस चुनावी दौड़ में शासन -निगम प्रशासन अपनी जेब भरने के लिए अवैध निर्माणों को बढ़ावा दे रहे हैं।