अजीत सिन्हा की रिपोर्ट
फरीदाबाद: नीलम-बाटा रोड स्थित होटल डिलाइट में डॉ. प्रतिभा चौहान के संयोजन में महिला काव्य गोष्ठी में कवयित्रियों ने देशभक्ति, प्रेम,ममता, नारी महिमा में सुंदर शब्द चित्र बिखेरे। काव्य गोष्ठी में ऐसा लग रहा था जैसे मनीषियों,विदुषियों व कवयित्रियों का कुम्भ लगा। महिला काव्य मंच द्वारा आयोजित इस काव्य गोष्ठी में फरीदाबाद की मेयर सुमन बाला बतौर मुख्यअतिथि मौजूद थीं जबकि नेहरू कॉलेज की प्राचार्या डॉ. प्रीता कौशिक अति-विशिष्ट अतिथि रहीं और कार्यक्रम की अध्यक्षता महिला काव्य मंच की डॉ.वीणा अग्रवाल ने की जबकि महासचिव नीतू सिंह रॉय और अन्तर्राष्ट्रीय सचिव दुर्गा सिन्हा का विशेष सानिध्य रहा। इस काव्य गोष्ठी में प्रसिद्ध कवि डॉ. प्रतिभा चौहान ने काव्य गोष्ठी की शुरूआत करते हुए हास्य कविता पढकर सभी को लोटपापोट कर दिया।
उन्होंने पत्नी छोड़ भगे जो-जो, वही बने विद्वान महान, पत्नी छोड़ जो भागे मोदी-बने हुए हैं देश प्रधान.. कविता पढ़ी तो पंडाल ठहाकों से गूंज उठा वहीं प्रतिभा चौहान ने अपनी काव्य रचना मेरे साथ हंसता-मेरे साथ रोता, मुझे मुझ से जोड़ता मेरा अकेलापन.. आदि काव्य पंक्तियों से सबका मन मोह लिया। वहीं कवियत्री नीतू सिंह ने कविता के वजूद को स्वीकारती कविता पढ़ते हुए जब मेरी आत्मा मरने लगी,तब चुपचाप कविता बोलने लगी. तो नीतू सिंह रॉय ने अपनी काव्य पंक्तियों में वो लडक़ी कविता में बोली से नारी के दबे एहसासों को जागृत किया। वीणा, दुर्गा सिन्हा, डॉ. प्रीता कौशिक, विनीता मेहता, रोली,अर्चना भाटिया, शिखा सिंद्वानी, आशिमा कौल, रुचिरा खुलर,पूनम, सरोज केंन ,पूजा ,भैरवी आदि कवयित्रियों ने सुंदर काव्य चित्र उकेरे। काव्य गोष्ठी में हास्य ,प्रेम ,देशभक्ति,राजनीति के सभी रंग खूब जमे। प्रीता कौशिक ने अपनी कविता में जीवन संघर्षों में आज के दुर्योधन से न्याय के लिए लडऩे का संदेश दिया