सवांददाता, नयी दिल्ली: उच्चतम न्यायालय ने अन्नाद्रमुक प्रमुख वी के शशिकला को तमिलनाडु मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने से रोकने की मांग करने वाली जनहित याचिका पर तत्काल सुनवाई से इनकार कर दिया।
याचिका में मांग की गई थी कि शशिकला के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति मामले में शीर्ष अदालत का फैसला आने तक उन्हें मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने से रोका जाए।
अधिवक्ता ने मामले को सूचीबद्ध कर इस पर तत्काल सुनवाई का अनुरोध किया तो प्रधान न्यायाधीश जे एस खेहर और न्यायमूर्ति एन वी रमण तथा न्यायमूर्ति डी वाई चंद्रचूड़ की पीठ ने कहा, ‘‘माफ कीजिए, अनुरोध अस्वीकार किया जाता है।’’ गैरसरकारी संगठन सत्ता पंचायत आयक्कम के महासचिव चेन्नई निवासी सेंथिल कुमार की ओर से पेश अधिवक्ता जीएस मणि ने मामले पर अविलंब सुनवाई का अनुरोध किया था।
यह जनहित याचिका छह फरवरी को दायर की गई थी और इसमें शशिकला के तमिलनाडु के मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने पर रोक लगाने की मांग की गई थी क्योंकि ऐसी अटकलें थी कि वह अगले दिन पद की शपथ ले सकती हैं।
याचिकाकर्ता ने उनके शपथग्रहण पर रोक लगाने की मांग इसलिए की थी क्योंकि शीर्ष अदालत ने छह फरवरी को कहा था कि वह शशिकला और दिवंगत मुख्यमंत्री जे जयललिता के खिलाफ 19 वर्ष पुराने आय से अधिक संपत्ति के मामले में हफ्तेभर के भीतर फैसला सुना सकती है।
कुमार ने कहा था कि अगर शशिकला पर दोषसिद्धि होती है तो उन्हें पद से इस्तीफा देना पड़ा तो पूरे तमिलनाडु में दंगे के हालात पैदा हो सकते हैं।