अजीत सिन्हा की रिपोर्ट
गुरूग्राम: जिला में 29 पशु स्वास्थ्य कल्याण समितियां गठित की गई हैं तथा प्रत्येक समिति को पशु अस्पताल के रख-रखाव, आपात स्थिति में दवाईयां आदि खरीदने के लिए 25 हजार रूपए का अनुदान दिया गया है ताकि किसी भी पशु की दवा आदि की कमी की वजह से मृत्यु ना हो। इस संबंध में जानकारी आज उपायुक्त अमित खत्री की अध्यक्षता में आयोजित पशु क्रुरता निवारण समिति की बैठक में दी गई। इस बैठक में पशुपालन विभाग की उपनिदेशक डा. पुनिता, पटौदी के एसडीएम राजेश, सोहना की एसडीएम डा. चिनार तथा जिला की गऊशालाओं की प्रबंधन समिति के प्रतिनिधि भी उपस्थित थे।आज की बैठक में बताया गया कि पशु का हर्बल जड़ी बुटियों से ईलाज करने के लिए किसानों व पशुपालकों के अलावा पशु चिकित्सकों, पशु अस्पताल के कंपाउंडरों तथा पशु अटेंडेंट को तीन दिन का प्रशिक्षण दिया जा रहा है।
यह प्रशिक्षण पशु पालन विभाग के उपनिदेशक कार्यालय परिसर में दिया जाता है। महिला पशु पालकों के लिए इस प्रकार का प्रशिक्षण 1 से 3 अगस्त तक मानेसर के राजकीय पशु अस्पताल में दिया जाएगा। इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में पहले दिन बताया जाता है कि कौन सी हर्बल दवा से पशु की कौन सी बिमारियों का ईलाज हो सकता है। दूसरे दिन प्रशिक्षणार्थियों को फील्ड विजिट करवाई जाती है तथा तीसरे दिन गऊशाला में ले जाकर वहां पर बीमार पशुओं के हर्बल दवा लगाकर दिखाई जाती है कि किस प्रकार से उन्हें अपने पशु के दवा लगानी है। बैठक में रामपुरा गऊशाला में चारा स्टोर तथा शैड की मरम्मत के लिए 4 लाख रूपए अनुदान देने को मंजूरी दी गई। यह गऊशाला काफी निचाई में है जिसकी वजह से बरसात में इसमें पानी भर जाता है,
इसलिए समिति ने इसमें मनरेगा के तहत लैवल ठीक करके पक्का करवाने के प्रस्ताव को भी मंजूरी दी गई। इस गऊशाला का चारा स्टोर पिछली 30 मार्च को आई आंधी-तुफान में गिर गया था। इसी प्रकार सिलानी गऊशाला में भी बीमार गौवंश को अलग रखने के लिए अलग टिन शैड बनाने के लिए 591000 रूपए की ग्रांट देने को स्वीकृति प्रदान की गई। यही नहीं, सिलानी गऊशाला को स्वावलंबी बनाने के लिए वहां पर पंचगव्य बनाने के उपकरण खरीदने के लिए 2 लाख रूपए का अनुदान देने का निर्णय लिया गया। इसके अलावा, आज की बैठक में मृत पशुओं का दाह संस्कार करने के लिए आबादी से दूर जगह तलाशने तथा वहां पर दाह संस्कार की व्यवस्था करवाना की जिम्मेदारी नगर निगम गुरूग्राम को सौंपी गई है।