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गुडगाँव

जिला विधिक सेवाएं प्राधिकरण द्वारा लीगल लिटरेसी क्लबों के टीचर इंचार्जिज की एक कन्सलटेटिव बैठक आयोजित की गई

अजीत सिन्हा की रिपोर्ट
गुरूग्राम: रोजमर्रा के जीवन में काम आने वाले कानूनी प्रावधानों के बारे में समाज में जागृति लाने के लिए जिला विधिक सेवाएं प्राधिकरण गुरूग्राम द्वारा आज लीगल लिटरेसी क्लबों के टीचर इंचार्जिज की एक कन्सलटेटिव बैठक आयोजित की गई जिसमें उन्हें विद्यार्थियों के माध्यम से समाज को जागरूक करने के लिए आवश्यक कानूनी प्रावधानों की जानकारी दी गई। यह बैठक गुरूग्राम के न्यायिक परिसर के प्रथम तल पर स्थित मीडिएशन सैंटर में आयोजित की गई थी। बैठक की अध्यक्षता करते हुए जिला विधिक सेवाएं प्राधिकरण के सदस्य सचिव एवं चीफ जुडिशियल मैजिस्ट्रेट नरेंद्र सिंह ने बताया कि आज की बैठक में गुरूग्राम ब्लॉक के उन 52 स्कूलों के अध्यापक प्रभारियों ने भाग लिया जहां पर लीगल लिटरेसी क्लब चलाए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि अब इन क्लबों को सक्रिय करते हुए जरूरी कानूनी प्रावधानां के बारे में जानकारियां दी जाएंगी ताकि इन क्लबों के सदस्य विद्यार्थी उस जानकारी को अपने परिजनों तथा दोस्तों व परिचितों के साथ सांझा कर सकें।

नरेंद्र सिंह ने इन अध्यापक प्रभारियों को अगले चार महीने के लिए चार विषय दिए हैं जिन पर आधारित गतिविधियां लीगल लिटरेसी क्लबों में चलाई जाएगी। ये विषय हैं-(1) वरिष्ठ नागरिकों तथा अभिभावकों के कल्याण व रखरखाव, (2) मानव तस्करी, (3) मौलिक कर्तव्य जैसे बड़ो का आदर करना, अपने आस-पास साफ-सफाई रखना आदि तथा (4) बच्चों से संबंधित कानून जैसे पोक्सो एक्ट, गुड टच व बैड टच आदि। उन्होंने इस बैठक में कहा कि तीन महीने के बाद चौथे महीने में फिर से इसी प्रकार की बैठक बुलाई जाएगी जिसमें इन तीन महीनों की गतिविधियों की रिपोर्ट लेकर आएं तथा उससे अगले चार महीने के विषयों पर चर्चा की जाएगी। नरेंद्र सिंह ने कहा कि वे बीच-बीच में भी आकस्मिक तौर पर इन स्कूलों के अध्यापक प्रभारियों को कॉल करके गतिविधियों के बारे में जानकारी लेते रहेंगे। साथ ही उन्होंने कहा कि यदि किसी अध्यापक प्रभारी को अपने विद्यालय में कानूनी विशेषज्ञ का कोई कार्यक्रम या टॉक करवानी हो तो उन्हें बताएं। यही नहीं, यदि इन विषयों पर गतिविधियां आयोजित करने में किसी प्रकार की कठिनाई आए तो उसके बारे में भी उन्हें सूचित करें, अध्यापकों की मदद की जाएगी। उन्होंने क्लब की गतिविधियों का रिकॉर्ड रखने के लिए रजिस्टर लगाने के भी निर्देश दिए और कहा कि तीन महीने बाद विशलेषण में जो अध्यापक प्रभारी लीगल लिटरेसी क्लब की गतिविधियों में रूचि नहीं लेता पाया जाएगा उसके खिलाफ विद्यालय शिक्षा विभाग के निदेशक को लिख दिया जाएगा।



उन्होंने कहा कि आज गुरूग्राम ब्लॉक के 52 सरकारी स्कूलों के लीगल लिटरेसी क्लबों के संचालकों की बैठक आयोजित की गई है। इसी प्रकार इस ब्लॉक के प्राईवेट स्कूलों के लीगल लिटरेसी क्लबों के प्रभारियों की बैठक अलग से बुलाई जाएगी। श्री नरेंद्र सिंह ने सभी अध्यापकों से कहा कि वे महत्वपूर्ण कानूनी प्रावधानों को आम जनता तक पहुंचाने का जरिया बने और संपर्क का केंद्र बने। आज की बैठक से गुरूग्राम ब्लॉक के लिटरेसी क्लबों के लगभग 26 हजार विद्यार्थियों तक चर्चा की गई विषयों की जानकारी पहुंच जाएगी और वे विद्यार्थी इस जानकारी को जब आगे अपने मित्रों तथा परिजनों के साथ सांझा करेंगे तो इसे 26 लाख व्यक्तियों तक पहुंचने में देर नही लगेगी। आज चर्चा में नरेंद्र सिंह ने बताया कि अब कानून ऐसा आ गया है कि सड़क दुर्घटना के घायल व्यक्ति को अस्पताल ले जाने वाले व्यक्ति से पुलिस पूछताछ नहीं कर सकती और अस्पताल भी उसका तुरंत ईलाज शुरू करने के लिए बाध्य है, इसलिए सड़क पर चलते समय संवेदनशील बने तथा जितना जल्दी हो सके दुर्घटना के घायल व्यक्ति को अस्पताल पहुंचाएं। सीजेएम ने कहा कि गुरूग्राम जिला में यदि कोई पुलिस अधिकारी अथवा अस्पताल इस नियम की उल्लंघना करता है तो उसकी सूचना उन्हें दें, उस पर कार्यवाही अवश्य होगी। इसके साथ उन्होंने यह भी बताया कि वरिष्ठ नागरिक ने यदि अपनी संपत्ति अपने बच्चों या अन्य किसी संबंधी के नाम ट्रांसफर कर दी है और वह उनकी देखभाल नहीं करता तो अब आए नए कानून के अनुसार वो बुजुर्ग अपनी संपत्ति वापिस ले सकते हैं। इसके लिए एसडीएम को साधारण कागज पर दरखास्त देनी होगी और एसडीएम के लिए भी कानून में 60 दिन में फैसला देना जरूरी किया गया है। इसके अलावा, आज की बैठक में डा. पिंकी गोस्वामी द्वारा चाईल्ड साईक्लॉजी तथा अधिवक्ता मुनमुन गोयल द्वारा बच्चों के विरूद्ध अपराधों पर चर्चा की गई।

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