अजीत सिन्हा की रिपोर्ट
गुरुग्राम: केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत सिंह ने आज जल संचयन की आवश्यकता पर बल देते हुए कहा कि यह विषय उनके हृदय के करीब है और वे पहले भी जल संरक्षण करने पर जोर देते रहे हैं। यदि उनकी बात पर ध्यान दिया जाता और यहां जल संरक्षण के उपाय किए जाते तो गुरुग्राम का चयन देश में पहली बार में ही 100 स्मार्ट सिटी शहरों की सूची में आ गया होता क्योंकि जल संरक्षण के लिए सबसे ज्यादा 20 नंबर निर्धारित किए गए थे। उस समय यह मंत्रालय उन्हीं के पास था। राव इंद्रजीत सिंह आज गुरुग्राम में आयोजित नेशनल अर्बन डेवलपमेंट सम्मिट के उद्घाटन सत्र में बतौर मुख्य अतिथि बोल रहे थे। इस सत्र में फिनलैंड एंबेसी के चार्ज डी अफेयर्स आर्टो हापिया के अलावा जल गुरु के नाम से विख्यात उत्तर प्रदेश काडर के 1986 बैच के आईपीएस अधिकारी डीजीपी स्पेशल इन्क्वारीज महेंद्र मोदी तथा हरियाणा के हाउसिंग बोर्ड के अतिरिक्त मुख्य सचिव धनपत सिंह भी उपस्थित थे।
अपने संबोधन में राव इंद्रजीत सिंह ने कहा कि देश आज समृद्ध बनने की राह पर चल रहा है और लगभग 32 प्रतिशत आबादी शहरों में रहती है। एक अनुमान के अनुसार अगले 20 वर्षों में देश की 50 से 55 प्रतिशत आबादी शहरी क्षेत्रों में रहने लगेगी और जब आधी आबादी शहरों में आ जाएगी तो शहरों की व्यवस्था किस प्रकार चरमरा जाएगी, उस पर विचार करने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि गुरुग्राम का नाम देश के गिने-चुने शहरों में लिया जाता है। हरियाणा प्रदेश के खजाने में लगभग 60 से 65 प्रतिशत राजस्व देने वाले इस शहर का समुचित विकास होना चाहिए। पुराने गुरुग्राम मे भी नए गुरुग्राम की तरह विकास हो। साथ ही उन्होंने कहा कि गुरुग्राम में भविष्य में सबसे बड़ी समस्या स्वच्छ पेयजल की उपलब्धता की होगी इसलिए पानी का संचयन करना जरूरी है। राव इंद्रजीत सिंह ने कहा कि सेंट्रल ग्राउंड वॉटर अथॉरिटी का अनुमान है कि वर्ष 2020 तक दिल्ली में भूजल के स्रोत सूख जाएंगे। ऐसे में गुरुग्राम शहर कहां अछूता रहेगा। उन्होंने स्मरण करवाया कि पहले हरियाणा में साहिबी, कृष्णावती और दोहान नदियां बहती थी जो अब विलुप्त हो गई है, इसलिए भूजल को रिचार्ज करने का बरसात के अलावा कोई दूसरा साधन नहीं है। उन्होंने कहा कि भूजल का अत्यधिक दोहन करने से हमारी एग्रीकल्चर इकोनामी प्रभावित हुई है तथा शहर भी प्रभावित होगे। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि यदि पानी के सदुपयोग और बचत के प्रति अभी सतर्क नहीं हुए तो गुरुग्राम का भी तुगलकाबाद जैसा भविष्य हो सकता है।
केंद्रीय मंत्री ने आम जनता में जल संचयन की अलख जगाने और पानी की बचत को एक जन आंदोलन बनाने के लिए चलाए जा रहे गुरुजल प्रोजेक्ट की सराहना की और कहा कि वाटर बॉडीज अर्थात जलाशयों को पुनर्जीवित करने की जरूरत है। उन्होंने यह भी कहा कि फिनलैंड की राजधानी हेलसिंकी, जो विश्व में स्मार्ट सिटी डेवलपमेंट में पांचवें स्थान पर है, का सिस्टम गुरुग्राम में अपनाया जाना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि गुरुग्राम को श्रेष्ठ रहने लायक शहर ( बेस्ट लिवेबल सिटी) बनाने के सुझावो का स्वागत है। उन्होंने इस मौके पर गुरुजल प्रोजेक्ट के अंतर्गत ‘सपोर्ट ए पॉन्ड कैंपेन’ लांच किया, जिसके तहत अभी 30 चिन्हित तालाबों का जीर्णोद्धार किया जाएगा। गुरु जल प्रोजेक्ट की सुश्री शुभी ने कार्यक्रम में प्रेजेंटेशन के माध्यम से बताया था कि इस प्रोजेक्ट का लक्ष्य अगले 2 वर्षों में 250 वाटर बॉडीज को पुनर्जीवित करना है। राव इंद्रजीत सिंह ने ई-लेटस मैगजीन के गुरुग्राम पर आधारित विशेष संस्करण का विमोचन किया तथा जोधपुर में शहरी विकास पर आयोजित होने वाली समिट का पोस्टर भी जारी किया।
इससे पहले समिट को संबोधित करते हुए हरियाणा हाउसिंग बोर्ड के अतिरिक्त मुख्य सचिव धनपत सिंह ने शहरी लोगों के जीवन को आरामदायक बनाने में सहयोग देने वाले समाज के तबके विशेषकर खाना पकाने वाली मेड, रेहड़ी- खोमचे लगाने वाले, कपड़ो को प्रेस करने वाले तथा अन्य लोगो को सम्मानजनक तरीके से जीवन जीने के लिए सस्ती दरों पर घर उपलब्ध करवाने पर बल दिया और कहा कि हरियाणा हाउसिंग बोर्ड द्वारा ईडब्ल्यूएस, एलआईजी तथा बीपीएल परिवारों के अलावा सिपाही से जेसीओ रैंक तक के सर्विग और एक्स सर्विसमैन को आवासीय सुविधा मुहैया करवाने के प्रयास किए जा रहे हैं। फिनलैंड के चार्ज डी अफेयर्स आर्टो हापिया ने भी संबोधित किया और कहा कि गुरुग्राम को स्मार्ट सिटी के रूप में विकसित करने के लिए फिनलैंड की कंपनियां सहयोग देने को तैयार है। उन्होंने विकास के साथ-साथ सस्टेनेबल डेवलपमेंट पर जोर दिया। गुरुग्राम के उपायुक्त तथा नगर निगम आयुक्त अमित खत्री ने सभी अतिथियों का स्वागत किया और आशा जताई कि आज कि इस समिट में पूरे दिन मंथन से गुरुग्राम के विकास को नई दिशा मिलेगी।समिट में ई लेटस मैगजीन के संस्थापक संपादक डॉ रवि गुप्ता ने भी अपने विचार रखे। इस अवसर पर विभिन्न प्रदेशों के जल संरक्षण, पर्यावरण तथा अन्य क्षेत्रों में सराहनीय कार्य करने वाले 8 व्यक्तियों को सम्मानित भी किया गया।
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