अजीत सिन्हा की रिपोर्ट
फरीदाबाद :ग्रीन फिल्ड कालोनी में बीते 25 अक्टूबर दोपहर के वक़्त कूड़े उठाने वाले ठेकेदारों को किडनेप करने की कोशिश और मारपीट करने वाले इको ग्रीन कंपनी के गुंडों के खिलाफ ग्रीन फिल्ड कालोनी पुलिस के द्वारा कार्रवाई नहीं किए जाने के मामले में कूड़े उठाने वाले पीड़ित ठेकेदार और उनके दो दर्जन से अधिक कर्मचारीगण काफी डरे हुए हैं और अपने ऊपर जान का खतरा बताया हैं। इस प्रकरण में ग्रीन फिल्ड कालोनी चौकी इंचार्ज जगजीत सिंह का कहना हैं कि दोनों पार्टी को शनिवार सुबह का वक़्त दिया गया हैं, कार्रवाई में देरी होने का कारण दीपावली त्यौहार बताया हैं। उनका यह भी कहना हैं कि कूड़े उठाने को लेकर पहले भी इन दोनों के बीच आपस में कोई बातचीत हुई थी पर किसी कारणवश दोनों के बीच हुई बातचीत बिगड़ गई और झगड़े का कारण बन गया।
पीड़ित ठेकेदार मोनी मंडल और सुखदेव ने आज दोपहर में बातचीत करते हुए कहा कि ग्रीन फिल्ड कालोनी एक निजी कालोनी हैं,इस कालोनी में वह लोग उस वक़्त से कूड़ा उठाने का कार्य करते हुए आ रहे हैं, जब ये कालोनी ठीक तरीके से बसा भी नहीं था। उनका यह भी कहना हैं कि वह लोग तक़रीबन 18 सालों से कूड़ा उठाने का कार्य ग्रीन फिल्ड कालोनी में कर रहे हैं और यह कालोनी नगर निगम प्रशासन के अंदर नहीं आता हैं। पिछले दिनों नगर निगम की तत्कालीन कमिश्नर अनीता यादव ने आरडब्लूए ग्रीन फिल्ड कालोनी के पदाधिकारियों को साफ़ तौर पर मना कर दिया था कि इको ग्रीन कंपनी ग्रीन फिल्ड कालोनी के घरों से कूड़ा नहीं उठाएगा। वावजूद इसके इको ग्रीन कंपनी ग्रीन फिल्ड कालोनी में जबरन घुस कर कूड़े उठाने का कार्य कर रही हैं, जबकि वह लोग रूटीन में कई सालों से इस कार्य को करते हुए आ रहे हैं। बीते 25 अक्टूबर को दोपहर के वक़्त उसके कर्मचारियों के साथ इको ग्रीन कंपनी के गुंडों ने उसे उठा कर सेक्टर -31 स्थित एक गोदाम में उठा कर ले गया और उसके साथ मारपीट की और जान से मारने की कोशिश,के अतिरिक्त उसके कई कर्मचारियों के साथ मारपीट की। इस प्रकरण में उन्होनें ग्रीन फिल्ड कालोनी पुलिस चौकी में एक नहीं बल्कि दो शिकायत इको ग्रीन कंपनी के गुंडों के खिलाफ शिकायत दी पर इस बात को एक हफ्ते से ज्यादा बीत चुके हैं पर पुलिस ने इको ग्रीन कंपनी के गुंडों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की।
उनका कहना हैं कि पुलिस की इस ढीलाढाला रवैया से उनके कर्मचारी काफी डरे और सहमे हुए हैं, वह लोग कभी भी उन पर फिर से कातिलाना हमला कर सकते हैं।
सवाल के जबाव में उनका साफ़ कहना हैं कि इको ग्रीन कंपनी के नुमाइंदे में उनसे एक लाख रूपए प्रति माह देने की मांग की, सवाल हैं कि वह लोग उसे एक लाख रूपए प्रति माह क्यों दे, वह लोग सिर्फ नगर निगम के दायरे में कूड़ा उठा सकते हैं और ग्रीन फिल्ड कालोनी नगर निगम के दायरे से बाहर हैं, के बाद एक पूर्व पार्षद ने उसे अपने कार्यालय में बुलाया था वहां पर दो लोग और भी थे जोकि एक संस्था जुड़े थे, ने कहा कि इको ग्रीन कंपनी से उसका समझौता करवा देंगें उसे प्रति माह कितना पैसा देगा तो मैंने कहा कि 30 से 40 चालीस हजार रूपए प्रति महीने का दे सकते हैं,के पूर्व पार्षद और साथ बैठे लोगों ने कहा कि 60 -70 हजार रूपए में उसका समझौता करवा सकता हैं, उसके बाद वह वहां से उठ कर चला आया। फिर उसने कहा कि कूड़ा का जो भी पैसा आता हैं, उसमें 30 अधिक कर्मचारियों का वेतन और आदि खर्चे होते हैं, उनको क्यों दे पैसे। इसके बाद से इको ग्रीन कंपनी ने ग्रीन फिल्ड कालोनी में जबरन कालोनी में घुस कर कूड़ा उठाने लगे और उनके कर्मचारियों के साथ मारपीट करने लगे। उनका कहना हैं कि इको ग्रीन कंपनी के गुंडागर्दी नगर निगम और पुलिस प्रशासन खामोश क्यों हैं, उनके गुंडों के खिलाफ कार्रवाई में पुलिस देरी क्यों कर रहीं हैं। क्या उनके किसी कर्मचारी पर हत्या होगी तो जागेंगी पुलिस। उनकी पुलिस प्रशासन से मांग हैं कि इको ग्रीन कंपनी के गुंडों के खिलाफ जल्द सख्त कार्रवाई करें।