संवाददाता, नयी दिल्ली : अन्नाद्रमुक की प्रमुख वी के शशिकला की तमिलनाडु की मुख्यमंत्री बनने की उम्मीद धाराशाई हो गई है क्योंकि उच्चतम न्यायालय ने भ्रष्टाचार के एक मामले में उनकी दोषसिद्धि को बरकरार रखा है। इस फैसले के चलते अब वह लगभग 10 साल तक चुनाव नहीं लड़ सकेंगी। दिवंगत मुख्यमंत्री जे जयललिता की करीबी सहयोगी 60 वर्षीय शशिकला और मुख्यमंत्री ओ पनीरसेल्वम के बीच सत्ता को लेकर संघर्ष छिड़ा हुआ था। उच्चतम न्यायालय ने शशिकला को तत्काल आत्मसमर्पण करने का और चार साल की कैद की बची हुई सजा पूरी करने का आदेश सुनाया। अन्नाद्रमुक की महासचिव पहले ही लगभग छह माह जेल में बिता चुकी हैं।
जयललिता की संलिप्तता वाले आय से अधिक संपत्ति के इस 19 साल पुराने मामले में फैसले का इंतजार बेसब्री के साथ हो रहा था। राज्य में पिछले 10 दिनों से चल रही राजनीतिक अनिश्चितता पर इस फैसले का प्रभाव पड़ना तय था। अदालत ने बेंगलूरू की निचली अदालत के निष्कषरें और फैसले को बरकरार रखा, जिसमें शशिकला के दो संबंधियों वी एन सुधाकरन और एलावरासी समेत सभी आरोपियों को दोषी करार दिया गया था।
न्यायमूर्ति पी सी घोष और न्यायमूर्ति अमिताव रॉय वाली दो न्यायाधीशों की पीठ ने शशिकला और उनके दो संबंधियों को तत्काल बेंगलूरू की निचली अदालत के समक्ष आत्मसमर्पण करने और चार साल की सजा की बची हुई अवधि की कैद काटने का निर्देश दिया। इस फैसले ने शशिकला को रिहाई के दिन से छह साल तक विधायक बनने और फिर मुख्यमंत्री बनने के लिए अयोग्य करार दिया है। जन प्रतिनिधि कानून के प्रावधान के तहत ऐसी व्यवस्था है।