रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया बैंकिंग सिस्टम में सुधार के लिए लगातार कड़े कदम उठा रहा है. इसी के तहत केंद्रीय बैंक ने बीते साल पंजाब एंड महाराष्ट्र को-ऑपरेटिव बैंक (पीएमसी) पर 6 महीने की पाबंदी लगाई थी.हालांकि आरबीआई के इस फैसले से पीएमसी बैंक के ग्राहकों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा है. अब आरबीआई ने एक और बैंक पर पाबंदी लगाई दी है. आइए जानते हैं इस बैंक और ग्राहकों को रही परेशानी के बारे में..
दरअसल, आरबीआई ने लेनदेन में कथित अनियमितताओं को लेकर बेंगलुरु स्थित श्री गुरु राघवेंद्र सहकारी बैंक पर तत्काल प्रभाव से बैन लगा दिया. यह कर्नाटक में अग्रणी सहकारी बैंक के तौर पर जाना जाता है. इस बैंक की स्थापना 1999 में हुई थी. इस बैंक के कर्नाटक में 6 ब्रांच हैं. बैंक की वेबसाइट के मुताबिक कुल नेटवर्थ 100 करोड़ से अधिक है. बैन के बाद क्या बदल गया?
श्री गुरु राघवेंद्र सहकारी बैंक पर आरबीआई की बैन के बाद अब ग्राहक खाते से सिर्फ 35 हजार रुपये निकाल सकेंगे. यह बैंक अगले छह महीने तक रिजर्व बैंक की अनुमति के बिना न तो कोई नया लोन दे सकता है. यानी ग्राहकों को नया कर्ज नहीं मिल सकता है. इसके साथ ही इस बैंक में नए निवेशों की इजाजत पर 6 महीने तक के लिए रोक लगा दी गई है. हालांकि यह भी नहीं कहा गया है कि बैंक का लाइसेंस रद्द कर दिया जाएगा. केवल बैंक पर प्रतिबंध लगाया गया है .
आरबीआई के इस फैसले की वजह से बैंक के ग्राहकों को काफी परेशानी हो रही है. एक ग्राहक ने न्यूज एजेंसी को बताया, ”मेरे पति के 15-20 लाख रुपये डिपॉजिट हैं. वह रिटायर हो चुके हैं. अब हम इसी रकम पर निर्भर हैं. हम खुश नहीं हैं. हालांकि बैंक के चेयरमैन ने कहा है कि ग्राहकों के पैसे 100 फीसदी सुरक्षित हैं.”आरबीआई ने यह एक्शन बैंकिंग रेगुलेशन एक्ट 1949 की धारा 35 के तहत लिया है. इस धारा के तहत आरबीआई को यह अधिकार है कि वह किसी भी बैंक के खिलाफ अनियमितता की शिकायत पर ऐसी कार्रवाई कर सकता है. यही वजह है कि आरबीआई ने लेनदेन में कथित अनियमितताओं को लेकर बैंक पर तत्काल प्रभाव से बैन लगा दिया. इससे पहले पीएमसी बैंक पर भी ये कार्रवाई हो चुकी है.