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विशेष हरियाणा

लम्बित केसों को कम से कम समय में करें निस्तारण,128.64 करोड रू के राजस्व की वसूली की गई हैं :कुलदीप सिहाग

अजीत सिन्हा की रिपोर्ट 
चंडीगढ़: निदेशक सतर्कता एच पी यू एस एवं अतिरिक्त पुलिस निदेशक कुलदीप सिहाग ने कहा कि सभी बिजली, पानी थाना में तैनात जांच अधिकारी शीघ्रता के साथ केसों के निस्तारण करें। उन्होंने कहा जो भी बिजली का अवैध तरीके से दोहन कर रहा है, उनको चिन्हित किए जाने के बाद यह समझाने का भी प्रयास करें कि बिजली का उत्पादन प्राकृतिक संसाधनों पर निर्भर है। ऐसे में बिजली समाज की संपति है । इसका समेकेतिक उपयोग प्रकृति संरक्षण का व्यवहार है। उन्होंने कहा कि कोई भी इंक्वायरी तीन महीने से ज्यादा लम्बित नहीं होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि आपका किया गया कार्य ही हमारे लिए फीडबैक है। बिना कारण कोई केस पेंडिंग नहीं होना चाहिए । अतिरिक्त निदेशक एस के छिल्लर ने कहा कि थाना प्रभारी बिजली चोरी करने वालों का एस डी ओ से समन्वय स्थापित कर मुख्यालय को सोर्स रिपोर्ट भेजें।

पुलिस अधीक्षक बलवान सिंह राणा ने बताया कि सभी जिलों में निरीक्षक की तैनाती करने का प्रस्ताव है, जिससे बिजली संरक्षण की दिशा में बिजली विभाग के अधिकारियो से समन्वय स्थापित कर जिला पुलिस के साथ तालमेल बनाते हुए हमें बडी सफलता हासिल होगी । निदेशक कुलदीप सिहाग ने सिंचाई विभाग के साथ पुलिस पदो ंके सृजन के लिए एवं आधारभूत संरचना के विकास के लिए पुलिस अधीक्षक बलवान सिंह राणा को बैठक व समीक्षा के लिए प्रेरित किया। एस.ई. विजिलैंस मोहम्मद इकबाल ने बताया कि बिजली-पानी चोरी की टोल फ्री नंबर-18001802124 पर सुबह 9 बजे से शाम 5 बजे तक कर सकेंगे शिकायत। उन्होंने कहा कि बिजली चोरी रोकने के लिए कोई भी नागरिक टोल फ्री नंबर – 18001802124 पर सुबह 9 बजे से शाम 5 बजे तक शिकायत कर सकते हैं।



इस टोल फ्री नंबर का प्रचार प्रसार किया जाए। उन्होंने कहा कि मेल आई डी powertheftcomplainthpus@gmail.com पर आई शिकायतों को गंभीरता से लिया जाए तथा पूरे राज्य में सभी उप-पुलिस अधीक्षक और थाना प्रबंधक बिजली-पानी चोरी के खिलाफ सघन अभियान चलाएं।    निदेशक ने कहा कि बिजली चोरी को सिर्फ कानून से नहीं रोका जा सकता, इसके लिए हमें बिजली विभाग के इंजिनियर के साथ मिलकर विद्यार्थियों एवं समाज के सभी वर्गों को प्रेरित करना होगा। उन्होंने कहा कि समाज के सभी वर्गों को विद्युत प्रहरी की भ्ूामिका निभानी होगी। विद्युत उत्पादन का मुख्य स्त्रोत प्रकृति है। अतः बिजली संरक्षण का अभिप्राय प्रकृति संरक्षण है।

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