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दिल्ली नई दिल्ली

दंगे में घायल सभी लोगों का फरिश्ते दिल्ली के योजना के तहत सरकारी व निजी अस्पतालों होगा मुफ्त इलाज: अरविंद केजरीवाल

अजीत सिन्हा की रिपोर्ट 
नई दिल्ली: दिल्ली में हुए दंगे की चपेट में आए लोगों को हर स्तर पर सहायता देने के लिए दिल्ली सरकार ने आज कई अहम फैसले किए गए हैं। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि दंगा प्रभावित सभी परिवारों को सरकार मदद देने का फैसला लिया है। दंगे में सभी घायलों के इलाज का फरिश्ते दिल्ली के योजना के तहत मुफ्त इलाज होगा। जो लोग प्राइवेट अस्पताल में इलाज करा रहे हैं,उनके इलाज का खर्च भी फरिश्ते योजना के तहत सरकार उठाएगी। सरकार ने दंगे में मारे गए लोगों के परिवार वालों के साथ घायलों को आर्थिक मदद देने का फैसला लिया है। जिनके घर, दुकानें और वाहन जला दिए गए हैं, उन्हें भी सरकार की तरफ से मुआवजा दिया जाएगा। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने राजस्व और वित विभाग को तेजी से काम कर पीड़ितों को शीघ्र राहत पहुंचाने का निर्देश दिया है।
 
मुख्यमंत्री  अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली सचिवालय में दंगा पीड़ितों को यथा शीघ्र राहत पहुंचाने के लिए संबंधित विभागों के अधिकारियों के साथ मैराथन बैठक की। इसके बाद दिल्ली सचिवालय में प्रेस वार्ता की। इस दौरान उपमुख्यमंत्री  मनीष सिसोदिया भी मौजूद रहे। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि पिछले कुछ दिनों में दिल्ली के कुछ इलाकों में हिंसा की घटनाएं हुई हैं, उसे लेकर हम सब चिंतित हैं और दिल्ली सरकार की तरफ से जो भी कदम उठाए जा सकते थे, वह उठाए गए। दंगे में सबका नुकसान हुआ है। हिन्दुओं का भी नुकसान हुआ है और मुसलमानों का भी नुकसान हुआ है। हमारे पुलिस के भी बहुत सारे कर्मचारी जख्मी हुए। एक पुलिस हेड कांस्टेबल रतन लाल जी की मौत हो गई और एक आईबी आफिसर की मौत हो गई। इस तरह की हिंसा से किसी का फायदा नहीं हुआ। कल से हिंसा की वारदातें कम हुई हैं। जिन इलाकों में हिंसा की सबसे ज्यादा घटनाएं हुई थीं, वहां पर कल शाम को मैंने दौरा भी किया था। वहां कफ्र्यू लगा हुआ है। आज हमने कई बैठकें कर के दंगे से प्रभावित लोगों के राहत और पुनर्वास के लिए कई कदम उठाने का फैसला लिया गया है।
 दंगे में सभी घायलों का इलाज का खर्च उठाएगी दिल्ली सरकार: अरविंद केजरीवाल
 मुख्यमंत्री  अरविंद केजरीवाल ने कहा कि दंगे में घायल लोग सरकारी अस्पताल में आते हैं, तो उनका इलाज सरकार करा रही है, लेकिन जो लोग निजी अस्पताल में अपना इलाज करा रहे है, उनका इलाज दिल्ली सरकार की फरिश्ते योजना के तहत किया जाएगा। यह स्कीम सड़क हादसों में घायल लोगों के लिए चलाई जा रही है। इसे दंगा पीड़ितों के लिए भी लागू कर दिया गया है। अब जो भी दंगा पीड़ित अपना प्राइवेट अस्पताल में इलाज कराता हं, उसके इलाज का खर्च दिल्ली सरकार उठाएगी। ऐसे पीड़ितों को इलाज का कोई खर्चा नहीं देना होगा। अभी जो लोग इलाज करा रहे हैं, उनको इसका फायदा मिलेगा।
 
कर्फ्यू वाले इलाकों में लोगों को खाना मुहैया करा रही सरकार: मुख्यमंत्री

मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि कर्फ्यू वाले क्षेत्रों में पता चला है कि कुछ लोगों को परेशानी है। कर्फ्यू की वजह से वो लोग बाहर निकल नहीं पा रहे हैं। वहां पर दिल्ली सरकार ने खाना पहुंचाने का इंतजाम आज से शुरू कर दिया है। हम एनजीओ,आरडब्ल्यूए,स्थानीय विधायक, जन प्रतिनिधियों की मदद से खाना पहुंचा रहे हैं। इसके साथ, राहत और पुनर्वास के लिए 24 घंटे हेल्प लाइन नंबर जारी किए जा रहे हैं। सभी हेल्प डेस्क के लिए एसडीएम को नोडल अधिकारी नियुक्त किया गया है। जो प्रभावित क्षेत्र हैं, वहां अभी 6 एसडीएम हैं। इसके अलावा वहां 12 और एसडीएम नियुक्त किए जा रहे हैं। इस तरह कुल 18 एसडीएम हो जाएंगे। ताकि गहन तरीके से राहत व पुनर्वास का कार्य किया जा सके। चार नाइट मजिस्ट्रेट की नियुक्ति की गई है। यदि किसी को रात को मदद की जरूरत पड़ेगी, तो वह मदद करेंगे।
 
दंगा पीड़ितों को सरकार देगी आर्थिक मदद: अरविंद केजरीवाल 

मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि दंगे में जिन लोगों की मौत हो गई है, उन सभी के परिवार वालों को 10-10 लाख रुपये मुआवजा दिया जाएगा। जिसमें एक लाख रुपये शुरू में दे दिया जाएगा और 9 लाख रुपये डाक्युमेंट का सत्यापन होने के बाद दिया जाएगा। डेथ आॅफ माइनर में 5 लाख का मुआवजा दिया जाएगा। दंगे में स्थाई दिव्यांगता पर 5 लाख, गंभीर चोट पर 2 लाख, मामूली चोट पर 20 हजार रुपये, अगर कोई अनाथ हो गया है, तो उसे 3 लाख रुपये मुआवजा दिया जाएगा। पशु हानि पर 5 हजार प्रति पशु, रिक्शा  जलने पर 25 हजार, ई-रिक्शा पर 50 हजार, घर पूरी तरह से जल गया है, तो 5 लाख, अगर उसमें कोई किरायेदार है, तो उसे उस मुआवजे में से 1 लाख दिया जाएगा और 4 लाख मकान मालिक को मिलेगा। अगर घर का अधिकांश  हिस्सा क्षतिग्रस्त है, तो 2.5 लाख रुपये, दुकान जल गई है, तो 5 लाख रुपये तक का मुआवजा दिया जाएगा, जिन दुकानों का इंश्योरेंस नहीं है, उन्हें मिलेगा। जिन लोगों के घर पूरी तरह से जल गए और तत्काल राहत की जरूरत है, उन्हें 25 हजार रुपये तुरंत दिए जाएंगे, ताकि उनकी जिंदगी सुचारू रूप से चल सके।
 
लोगों को शीघ्र मदद देने के लिए सरकार जारी करेगी एप: अरविंद केजरीवाल
 
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि हेल्प डेस्क के अलावा सरकार एक एप भी विकसित कर रही है,जिसे तीन-चार दिनों में जारी कर दिया जाएगा। जिसके जरिए लोग अपने क्लेम दाखिल कर सकते हैं और उन्हें बुला कर सारी कागजी कार्रवाई कर ली जाएगी। कई लोगों के घर पूरी तरह से जल गए है और उनके आईडी कार्ड, आधार कार्ड, इनकम सर्टिफिकेट, प्रापर्टी के कागजात आदि जल गए हैं, तो उनके लिए राजस्व विभाग अलग-अलग से कैंम्प लगाएगा, ताकि उन्हें दुबारा कागज बनाने के लिए दिक्कत न हो। ईस्ट दिल्ली म्युनिसिपल काॅरपोरेशन को अपने क्षेत्र में दंगे की वजह से फैली गंदगी को सफाई करने के लिए कहा गया है। मोहल्ला स्तर पर हर जगह पीस कमेटी बनाई जा रही हैं। इसमें बहुत सारे लोगों की दुकानें जल गईं, हो सकता है कि उनके पास इंश्योरेंस हो। बहुत सारे लोगों के वाहन जल गए, उनके पास भी हो सकता है कि इंश्योरेंस हो। इसलिए वित विभाग को कहा गया है कि इंश्योरेंस कंपनी के साथ मिल कर कैम्प लगाएं, ताकि क्लेम को जल्द दिया जा सके। दिल्ली फाइनेंस काॅरपोरेशन को कहा गया है कि जिन लोगों के दुकानें व रोजगार खत्म हो गए, उन्हें आसान किस्तों पर लोन दिए जा सके।
 दंगा प्रभावित छात्र दोबारा दे सकेंगे छूटी हुई परीक्षा: अरविंद केजरीवाल 
 
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि कई बच्चों की किताबें जल गई हैं। उनके स्कूलों को कहा जा रहा है कि उन बच्चों को किताबें और यूनिफार्म फ्री में दिए जाएंगे। प्राइवेट और सरकारी स्कूलों में पढ़ने वालों को लाभ मिलेगा। जो बच्चे सीबीएसई और आईसीएसई की परीक्षा देने वाले थे और दंगे की वजह से परीक्षा नहीं दे पाए हैं, उन बच्चों की सूची बना कर बोर्ड को भेज दिया जाएगा। बोर्ड ने कहा है कि उन बच्चों की परीक्षा का दोबारा इंतजाम करेंगे।
-दंगा पीड़ितों के लिए दिल्ली सरकार की तरफ से उठाए गए यह  कदम
– प्रभावित 2 जिलों में समन्वय बैठकें संबंधित डीसी के साथ अन्य विभागों व एजेंसियों जैसे एमसीडी, पुलिस, शिक्षा और एनजीओ के साथ प्रतिदिन सुबह आयोजित होंगी।
– शहादरा (नूर-ए-इलाही और कर्दमपुरी) और नॉर्थ-ईस्ट (ब्रह्मपुरी और मुस्तफाबाद) के लगभग 2000 लोगों को पका हुआ भोजन और लगभग 300 लीटर दूध दिया जा रहा है। लगभग 350 सिविल डिफेंस वालंटियर्स को सेवा में लगाया गया है।
– यह सेवा स्थानीय आरडब्ल्यूए, गैर सरकारी संगठनों, विधायकों, पार्षदों और अन्य जनप्रतिनिधियों के अनुरोध पर प्रभावित घरों तक पहुंचाई जा रही है। यह सेवा आकस्मिकता के आधार पर अन्य क्षेत्रों में विस्तारित की जाएगी।
– दो उपायुक्तों और 4 एसडीएम कार्यालयों में 24 घंटे हेल्प लाइन नंबर स्थापित किया गया है। यह हेल्प लाइन नंबर और हेल्प डेस्क का उपयोग आपात स्थिति में किसी भी व्यक्ति के बीमार, घायल, मृत या किसी भी व्यक्ति के फायर फ्रीडरों और एम्बुलेंस की आवाजाही आदि के लिए किया जाएगा।
– एसडीएम को हेल्प डेस्क का नोडल अधिकारी बनाया गया है।

———-हेल्पलाइन नंबर-

1077 – राज्य स्तरीय आपदा प्रबंधन का टोल फ्री नंबर
डीसी नार्थ ईस्ट डिस्ट्रिक्ट – 011-22115289
एसडीएम (यमुना विहार) – 011-22574468
एसडीएम (सीलमपुर) – 011-22827367
एसडीएम (करावल नगर) – 011-22574469
डीसी शाहदरा – 011 – 22111077
एसडीएम शाहदरा – 011-22110029,—

यह भी कदम उठाए गए– सभी सहायता, राहत और पुनर्वास गतिविधियों की देखरेख के लिए आज अतिरिक्त 12 एसडीएम (3 प्रति प्रभावित सब डिविजन) तैनात किए जा रहे हैं। संभागीय आयुक्त द्वारा आवश्यकता के आधार पर एसडीएम की संख्या को संशोधित किया जा सकता है। 2 एसडीएम भी रिजर्व में रहेंगे।
– 4 नाइट मजिस्ट्रेट (उपर्युक्त 12 एसडीएम के अलावा) राहत और पुनर्वास गतिविधियों के समन्वय और किसी भी आकस्मिक स्थिति में मदद देने के लिए आज से ही तैनात किए जाएंगे। वे रात के दौरान पुलिस अधिकारियों के साथ अपने संबंधित क्षेत्र में भी गश्त करेंगे।
-सब डिविजन प्रति दो एंबुलेंस आज से चैबीसों घंटे तैनात रहेंगी।
———
दंगा पीड़ितों को दी जाएगी आर्थिक मदद-

                                               
श्रेणी               राशि
मृतक को – 10 लाख, (1 लाख रुपये परिवार को शीघ्र दी जाएगी, 9 लाख रुपये डाॅक्युमेंट की प्रक्रिया संपन्न होने के बाद मिलेंगे)
डेथ आॅफ माइनर -5 लाख रुपये
स्थाई अपंगता -5 लाख
गंभीर चोट –  2 लाख
मामूली चोट – 20,000 रुपये
अनाथ –      3 लाख
पशु हानि –    5000
समान्य रिक्शा -25,000
ई-रिक्शा –    50,000
आवासीय ईकाइयों का नुकसान
पूरा घर क्षतिग्रस्त होने पर -5 लाख (1 लाख रुपये किराएदार है, तो उसे और शेष मकान मालिक को)
घर का अधिकांश हिस्सा क्षतिग्रस्त -2.5 लाख, (50 हजार किराएदार और 2 लाख मकान मालिक को)
घर के मामूली क्षतिग्रस्त होने पर -15,000
बिना इंश्योरेंस वाले व्यवसायिक ईकाइयों के क्षतिग्रस्त होने पर अधिकतम 5 लाख रुपये
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