अजीत सिन्हा की रिपोर्ट
नई दिल्ली: दिल्ली हिंसा से प्रभावित लोगों को जल्द राहत देने के लिए सरकार ने तेजी से काम शुरू कर दिया है। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि हिंसा में जो लोग बेघर हो गए हैं, उन्हें तत्काल पैसे की जरूरत होगी। इसलिए दिल्ली सरकार तत्काल राहत के तौर पर उन्हें 25-25 हजार रुपये नकद की आर्थिक मदद देगी। इसके लिए शनिवार से प्रभावित लोगों से फार्म लिए जाएंगे और शीघ्र सत्यापन करके मुआवजा प्राप्त करने के लिए उसे फोन कर सूचना दी जाएगी। सरकारी अस्पतालों में भीड़ की वजह से गंभीर रूप से घायल जिन लोगों को सही से मेडिकल सुविधा नहीं मिल पा रही है, उन्हें जरूरत पड़ने पर प्राइवेट अस्पताल में भी शिफ्ट किया जाएगा। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने मीडिया व एनजीओ के साथ लोगों से अपील की है कि कहीं पर भी किसी को यदि मदद की जरूरत है, तो उसकी जानकारी दें, ताकि उसे तत्काल मदद दी जा सके।
दिल्ली सचिवाल में प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि दिल्ली सरकार ने दंगा पीड़ितों को मदद पहुंचाने के लिए कई फैसले लिए हैं। लोगों को तत्काल राहत पहुंचाने के लिए उन फैसलों पर तेजी से काम शुरू हो गया है। प्रभावित क्षेत्र में चार सब डिविजन हैं। समान्य परिस्थिति में चार सब डिविजन में चार एसडीएम होते हैं, लेकिन उन सभी सब डिविजन में हमने दिन के समय के लिए 18 एसडीएम तैनात किए हैं। एक-एक एसडीएम के अंडर में एक से दो मोहल्ले ही आ रहे हैं। प्रशासनिक व्यवस्था को काफी मजबूत कर दिया गया है। एसडीएम लोगों के बीच जाकर उनसे बात कर रहे हैं और लोगों को मदद पहुंचा रहे हैं। रात के लिए हमने नाइट मजिस्ट्रेट तैनात किए हैं। ताकि कहीं स्ट्रीट लाइट काम नहीं कर रही है, अंधेरा है या रात में किसी को राहत की जरूरत है, तो वो मदद कर सकें। इसके अलावा, सरकार की तरफ से बड़े स्तर पर पीड़ित लोगों में खाना बांटा जा रहा है। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने मीडिया से भी मदद की अपील करते हुए कहा कि किसी को कहीं पर भी खाने की जरूरत है, तो हमें बताएं। खाना बांटने की कार्रवाई शुरू कर दी गई है। आज भी कई ट्रक प्रभावित क्षेत्रों में खाना देने गए थे। एनजीओ और आरडब्ल्यूए से भी बड़े स्तर पर मदद मिल रही है। हम विधायकों से भी लगातार जानकारी ले रहे हैं। विधायक, एनजीओ और आरडब्ल्यूए जहां भी बता रहे हैं, उन इलाकों में हम खाना पहुंचा रहे हैं।
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि इसके साथ जिनके घर पूरी तरह से जल गए हैं या जो लोग घर नहीं जा पा रहे हैं, उनके रहने की अस्थाई व्यवस्था रैन बसेरों में की गई है। दिल्ली के 9 रैन बसेरों में लोगों के रहने की व्यवस्था की गई है। इसके अलावा स्थानीय सामुदायिक केंद्रों में भी दंगा पीड़ितों के रहने की व्यवस्था की है। कहीं से फोन आया था कि कुछ लोगों को मदद की जरूरत है। ऐसे लोगों के लिए हम अस्थाई टेंट की भी व्यवस्था कर रहे हैं। जिन लोगों के घर पूरी तरह से जल गए हैं या अधिकांश हिस्सा जल गए हैं, उन लोगों को तुरंत पैसे की जरूरत होगी। इसलिए शनिवार दोपहर से 25-25 हजार रुपये नकद उन्हें राहत के तौर पर तत्काल देना शुरू कर देंगे, ताकि वे लोग अपनी जिंदगी गुजर-बसर करना शुरू कर दें। पीडब्ल्यूडी विभाग उनके नुकसान का आंकलन करेगा। हमारी कोशिश है कि दो से तीन दिन में नुकसान का आंकलन करा लें, ताकि उन्हें शेष पैसा जल्द से जल्द दे सकें। इसमें बहुत सी एनजीओ मदद करने के लिए सामने आ रही हैं। इसके अलावा भी कोई एनजीओ या लोग मदद करना चाहें, तो वो डीएम नार्थ-ईस्ट से संपर्क कर सकते हैं। डीएम नार्थ-ईस्ट के यहां राहत व पुनर्वास कार्य के लिए मुख्यालय बनाया गया है। जो लोग राहत सामग्री या मदद करना चाहते हैं, वे लोग डीएम नार्थ ईस्ट से संपर्क कर सकते हैं। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि कुछ लोगों के फोन आए थे कि दंगे में घायल उनके रिश्तेदार या परिचित हैं, जो सरकारी अस्पतालों में इलाज करा रहे हैं। सरकारी अस्पताल में काफी भीड़ है, जिससे उन्हें परेशानी हो रही है। हम इसका भी आंकलन करा रहे हैं। यदि सरकारी अस्पतालों में भीड़ की वजह से किसी गंभीर मरीज को पूरी मेडिकल सुविधा नहीं मिल पा रही है, तो सरकार उनको प्राइवेट अस्पताल में भी शिफ्ट कर सकती है। इसके अलावा, किसी को राहत और पुनर्वास को लेकर कोई सुझाव है, तो सरकार उसका भी स्वागत करती है।