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दिल्ली में 5-टी प्लान को अमल में लाकर जीतेंगे कोरोना से जंग: अरविंद केजरीवाल

अजीत सिन्हा की रिपोर्ट 
नई दिल्ली: दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि हमें कोरोना को मात देने के लिए हमेशा उससे तीन कदम आगे चलना पड़ेगा। आज पूरी दुनिया कोरोना से परेशान है और उसे फैलने से रोकने के लिए रणनीति बना कर काम कर रही है। मुख्यमंत्री ने कहा कि अगर हम सोते रहे और कोरोना फैल गया, तब उसे निंयतित्र नहीं कर पाएंगे। लिहाजा, मैंने दुनिया के देशों से अनुभव लेते हुए विशेषज्ञों और डाॅक्टरों के साथ विचार-विमर्श किया। जिस के बाद हमने दिल्ली में कोरोना को जड़ से खत्म करने के लिए 5 बिंदुओं पर सख्ती के साथ काम करने की योजना बनाई है। यह 5-टी प्लान ( टेस्टिंग ट्रेसिंग , ट्रीटमेंट, टीम वर्क और ट्रैकिंग एंड माॅनिटरिंग) है, जिसका पालन करते हैं, तो कोरोना को पराजीत कर देंगे। हम दिल्ली में रैपिड टेस्ट शुरू करने जा रहे हैं, ताकि कोरोना मरीज को चिंहित कर उसे क्वारेंटाइन किया जा सके और इसे आगे बढ़ने से रोका जा सके। साथ ही दिल्ली सरकार ने भविष्य में यदि कोरोना के मरीज बढ़ते हैं, तो उसके लिए चरणबद्ध तरीके से 30 हजार एक्टिव मरीजों का इंतजाम करने का खाका तैयार किया है।

मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने डिजिटल प्रेस कांफ्रेंस कर कोरोना से लड़ने के लिए तैयार की गई भविष्य की योजनाओं के बारे में विस्तार से जानकारी दी। मुख्यमंत्री ने कहा कि पहला टी है, टेस्टिंग। हमने देखा कि जिन देशों ने कोरोनों की जांच नहीं की, वहां जब कोरोना फैल गया तो वे लोग कोरोना को नियंत्रित नहीं कर पाए। अगर जांच ही नहीं करेंगे और आप को पता ही नहीं चलेगा कि कहां-कहां और किस -किस घर में कोरोना फैला हुआ है? आप जांच नहीं किए और कोरोना फैलता गया, एक आदमी से दूसरा और दूसरे से तीसरा, इस तरह से चारों तरफ फैलता जाएगा।मुख्यमंत्री ने कहा कि हम साउथ कोरिया का उदाहरण ले सकते हैं। साउथ कोरिया ने बहुत बड़े स्तर पर जांच कर एक-एक आदमी को चिंहित किया कि इसको कोरोना है। उसका क्वारेंटाइन और इलाज किया गया। उन्होंने एक-एक आदमी को चिंहित किया, ताकि कोरोना दूसरे आदमी तक न पहुंच सके। अगर हम जांच ही नहीं करेंगे, तो हमें पता ही नहीं चलेगा कि कौन प्रभावित और संक्रमित हो गया। अब इसको हम बहुत बड़े स्तर पर साउथ कोरिया की तरह जांच करने जा रहे हैं। अभी तक टेस्टिंग किट की बहुत बड़ी समस्या थी। अब समस्या थोड़ी सुधरी है। हमने पहले ही 50 हजार लोगों की जांच के लिए आँर्डर किया हुआ है और वह आँर्डर आने शुरू हो गए हैं। एक लाख लोगों के रैपिड टेस्ट के लिए हमने आँर्डर कर दिया है और शुक्रवार से वह टेस्टिंग किट आ जाएंगी। रैपिट टेस्ट के बाद हमारे जो भी हाॅट स्पाॅट हैं, जहां हमें लगता है कि कोरोना के मरीज ज्यादा निकले। मसलन, मरकज के ज्यादा निकले। मरकज के आसपास का जो निजामुद्दीन का एरिया है, उसी तरह दिल्ली के दिलशाद गार्डर में थोड़ा ज्यादा मरीज निकले थे। हमारे ऐसे जो एरिया हैं, उनमें हम रेपिड टेस्ट को ज्यादा इस्तेमाल करेंगे और रैंडम टेस्ट भी कराएंगे, ताकि पता चल सके कि वहां पर कोरोना फैल तो नहीं रहा है। इन स्थानों पर रैपिड टेस्ट के साथ डिटेल टेस्ट का भी इस्तेमाल किया जाएगा।
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि दूसरा टी है, ट्रेसिंग। हमने जांच में पता कर लिया गया कि यह आदमी कोरोना पाॅजिटिव है। वह व्यक्ति 14 दिन में किस-किस से मिला, उन सभी को चिंहित किया। हमारे डाॅक्टरों और अधिकारियों की विशेष टीम उन्हें चिंहित करती है। उन सभी लोगों को सेल्फ क्वारेंटाइन में डाल दिया जाता है। उनको कहा जाता है कि आप घर से बाहर नहीं निकलेंगे। यह ट्रेसिंग दिल्ली के अंदर बहुत ही अच्छे स्तर पर चल रही है। अब हमने पुलिस की भी मदद लेनी शुरू कर दी है। एक आदमी पाॅजिटिव निकला। उसने बताया कि वह 14 दिनों के अंदर इन 100 लोगों से मिला है। हमने उन 100 लोगों को सेल्फ क्वारेंटाइन के लिए घर में 14 दिन तक रहने के लिए कहेंगे। अब वह 14 दिनों तक घर में रह रहे हैं या नहीं रह रहे हैं। इसके लिए हम पुलिस की मदद ले रहे हैं। अभी तक हम लोगों ने पुलिस को ऐसे 27702 लोगों के फोन नंबर दिए हैं। यह पता करने के लिए कि जिन्हें सेल्फ क्वारेंटाइन के लिए कहा गया है, वे घर में रह रहे हैं या नहीं। उनके फोन से पता चल जाता है कि उनके मोबाइल का लोकेशन बदल तो नहीं रहा है। उनकी हम निगरानी कर रहे हैं।इसके साथ-साथ हम यह भी पता कर रहे हैं, मकरज के जो लोग निकाले गए थे, ऐसे 2 हजार फोन नंबर आज हम पुलिस को देने जा रहे हैं कि मरकज के अंदर जितने लोग थे, कहीं वे बाहर के एरिया में घूमे तो नहीं थे। अगर वे बाहर के एरिया में घूमे थे, तो कहां-कहां गए थे, वह पता चलेगा, तो उन एरिया को सील कर दिया जाएगा। ट्रेसिंग के आधार पर हम उन्हें सेल्फ क्वारेंटाइन करेंगे, सीलिंग करेंगे और माॅनिटरिंग करेंगे कि लोग सेल्फ क्वारेंटाइन कर रहे हैं या नहीं।

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