अजीत सिन्हा की रिपोर्ट
चंडीगढ़: मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने प्रदेश के युवाओं और खिलाडिय़ों से आह्वान किया कि कोरोना वायरस से उत्पन्न इस संकट की घड़ी में वे आगे आएं और बाबा साहेब डॉ. भीम राव अंबेडकर के आदर्शों का अनुसरण करते हुए समाज सेवा के भाव के साथ कार्य करें और इस समाज सेवा के भाव को अपना आदर्श बनाएं।मुख्यमंत्री आज ‘हरियाणा आज’ कार्यक्रम के माध्यम से जनता को संबोधित कर रहे थे। सर्वप्रथम उन्होंने बाबा साहेब डॉ. भीम राव अंबेडकर को श्रद्धांजलि अर्पित की। उन्होंने कहा कि जिस प्रकार डॉ. अंबेडकर ने सामाजिक समरसता के लिए मजबूत भावना से लड़ाई लड़ी है, उसी प्रकार आज कोरोना के संकट के समय में हम सबको मजबूत भावना से लड़ाई लडऩी होगी और हमारी विजय निश्चित होगी।उन्होंने कहा कि संविधान के माध्यम से बाबा साहेब ने भारतीय समाज की एकता को पिरोया था। उन्होंने कहा कि भारत के तिरंगे में शांति का प्रतीक अशोक चक्र का होना भी बाबा साहेब की ही देन है। मुख्यमंत्री ने लौहपुरुष सरदार वल्लभ भाई पटेल को भी नमन करते हुए कहा कि सरदार वल्लभ भाई पटेल ने 550 से अधिक रियासतों को एकत्रित कर राजनीतिक एकता को सुनिश्चित किया था।
उन्होंने कहा कि संकट की इस घड़ी में समाज हमारा परिवार है और हम इसका अभिन्न अंग हैं, इसकी सेवा करना हमारा कर्तव्य है, के आदर्श के साथ समाज की सेवा के लिए सभी को आगे आना चाहिए।उन्होंने कहा कि डॉ. बाबा साहेब अम्बेडकर ने अपना जीवन वंचितों और मजदूरों के उत्थान के लिए समर्पित कर दिया। उन्होंने सामाजिक भेदभाव के खिलाफ भी अभियान चलाया। वह हमेशा सद्भाव, सेवा और समर्पण के रास्ते पर चलें। उन्होंने कहा कि बाबा साहेब के सामाजिक समरसता के दो सिद्धांत थे। ऊँच-नीच, अगड़ा-पीछड़ा के भेदभाव को खत्म करना और सामाजिक जागरूकता लाना। इसी सिद्धांत पर चलते हुए आज समाज में कोरोना वायरस से लडऩे के लिए सामाजिक जागरूकता लाना आवश्यक है। उन्होंने कहा कि कोरोना वायरस से बचाव का मूल मंत्र सोशल डिस्टेंसिंग व लॉकडाउन है।मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज 21 दिन की लॉकडाउन की अवधि को 3 मई तक बढ़ाने की घोषणा की है। उन्होंने कहा कि आज से 20 अप्रैल तक सभी राज्यों में कोरोना की वर्तमान स्थिति का आंकलन किया जाएगा और जहां-जहां कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या का ग्राफ स्थिर होगा यानी नए मामले नहीं आएंगे, वहां कुछ शर्तों के साथ औद्योगिक व आर्थिक गतिविधियां आरंभ हो सकेंगी। इसलिए प्रदेश सरकार द्वारा हरियाणा में कोरोना ग्राफ को स्थिर रखने के लिए हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि 20 अप्रैल के बाद राज्य में चरणबद्ध तरीके से आर्थिक और औद्योगिक गतिविधियां शुरू कर सकेंगे।उन्होंने कहा कि लॉकडाउन की इस अवधि को भी संकल्प व धैर्य के साथ पूरा करना है और अंत में जीत हमारी ही होगी।
उन्होंने कहा कि दिन-रात इस महामारी से निपटने में लगे हुए हैं।मुख्यमंत्री ने कहा कि जो 7 सूत्र कोरोना वायरस के खिलाफ आज प्रधानमंत्री ने देश की जनता को दिए हैं, हमें उनकी पालना करनी चाहिए, जिनमें अपने घऱ के बुजुर्गों का विशेष ध्यान रखना है। विशेषकर ऐसे व्यक्ति जिन्हें पहले से कोई बीमारी हो, उनकी हमें ज्यादा देखभाल करनी है और उन्हें कोरोना से बचाकर रखना है। दूसरा- लॉकडाउन और सोशल डिस्टेंसिंग की लक्ष्मण रेखा का पूरी तरह पालन करना है और घर में बने मास्क का अनिवार्य रूप से उपयोग करना है। तीसरा आयुष मंत्रालय द्वारा अपनी इम्यूनिटी बढ़ाने के दिए गए निर्देशों की पालना करनी है, जिसमें गर्म पानी व काढ़े का सेवन करना है। चौथा- कोरोना संक्रमण के फैलाव को रोकने में मदद के लिए आरोग्य सेतु मोबाइल ऐप को डाउनलोड करना है और दूसरों को भी इस ऐप को डाउनलोड करने के लिए प्रेरित करना है। पांचवां- जितना हो सके, उतना गरीब परिवार की देखरेख करना और उनके भोजन की जरूरत पूरी करना है। छठा- व्यवसाय, उद्योगों में काम करने वाले लोगों के प्रति संवेदना रखनी है और उनका वेतन देते रहें तथा किसी को नौकरी से भी न निकाला जाए। इसके अलावा, जो श्रमिक किराए के मकान में रहते हैं, वे मकान मालिक वर्तमान परिस्थिति को देखते हुए उनसे किराया न लें। सातवां- कोरोना युद्ध के वास्तविक हीरो जैसे डॉक्टर, नर्सें, पैरा-मेडिकल व अन्य स्टाफ, सफाईकर्मी ,पुलिसकर्मी सभी का सम्मान करना चाहिए।मुख्यमंत्री ने कहा कि लॉकडाउन की अवधि में हमें अनुशासन में रहकर कोरोना से लडऩे की एकजुटता दिखानी है। उन्होंने आशा व्यक्त करते हुए कहा कि कष्ट के अब कम दिन हैं, सवेरा होने वाला है और कोरोना हरियाणा से हारेगा, भारत से भागेगा।