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कोरोना पीड़ित की सेवा के दौरान किसी कर्मचारी की कोरोना से मौत पर एक करोड़ दिल्ली सरकार: अरविंद केजरीवाल

अजीत सिन्हा की रिपोर्ट 
नई दिल्ली: मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की दिल्ली सरकार अब कोरोना की वजह से किसी भी कोरोना योद्धा की मौत पर उनके परिवार को एक करोड़ रुपये की सम्मान राशि देगी। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने इसकी घोषणा करते हुए कहा कि अभी इस योजना के तहत अस्पतालों के डाॅक्टर, नर्स, सफाई कर्मचारी व लैब टैक्निशियन समेत अन्य कर्मचारियों को लाभ देने का प्रावधान था, जिसे संशोधित किया गया है। अब यदि ड्यूटी करते हुए किसी पुलिसकर्मी, सिविल डिफेंस, प्रिंसिपल या शिक्षक आदि की भी कोरोना की वजह से मौत होती है,तो उनके परिवार को एक करोड़ रुपये की सम्मान राशि दी जाएगी। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने बताया कि जिनके पास राशन कार्ड नहीं है, ऐसे करीब 31 लाख गरीब लोगों ने मुफ्त राशन प्राप्त करने के लिए आवेदन किया है। दिल्ली सरकार सभी को राशन मुहैया कराएगी। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि लाॅक डाउन की वजह से आर्थिक तंगी से जूझ रहे पब्लिक सर्विस व्हीकल (पीएसवी) चालकों के अभी तक करीब 1 लाख आवेदन आए हैं और इनके खाते में 5-5 हजार रुपये की राहत राशि भेजी जा रही है।

मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने डिजिटल प्रेस कांफ्रेंस को संबोधित करते कहा कि पिछले दो-तीन दिन में दिल्ली में कोरोना के केस थोड़े कम हुए हैं। इससे पहले एक दिन 180, एक दिन 300 से अधिक और एक अन्य दिन 150 से अधिक केस आ गए थे। मरीजों की संख्या बढ़ने से बीच में थोड़ी घबराहट बढ़ गई थी कि क्या दिल्ली में कोरोना तेजी से बढ़ रहा है? लेकिन पिछले तीन दिन में केस थोड़े कम हुए हैं। अभी इसे और कम करना है। मैं उम्मीद करता हूं कि अगले कुछ दिनों में बढ़ने की बजाय कोरोना के केसेज कम होंगे। कल (17 अप्रैल) को दिल्ली में 67 केस आए थे। यह 67 केस 2274 सैंपलों की जांच में आए हैं। इसका मतलब है कि कोरोना अभी बहुत तेजी से नहंी बढ़ रहा है। भगवान से प्रार्थना हूं कि आने वाले दिनों में यह और कम हों, ताकि लोगों को कोरोना से मुक्ति मिल सके। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि दिल्ली में अब कुल 71 कंटेनमेंट जोन हो गए हैं। कंटेन्मेंट जोन पूरी तरह से सील कर दिए गए हैं। अंदर से कोई बाहर और बाहर से कोई अंदर नहीं आ सकता है। जोन के अंदर भी रहने वाले लोगों को अपने घर में ही रहना होता है, उन्हें भी घर के बाहर निकलने की अनुमति नहीं है। उनकी रोजमर्रा की जरूरतों को सरकार पूरी कराती है। वहां पर पुलिस व स्थानीय प्रशासन बहुत अच्छा काम कर रहे हैं और लोगों की सभी जरूरतें पूरी कराते हैं। मुख्यमंत्री ने कंटेन्मेंट जोन में रहने वाले लोगों से अपील करते हुए कहा कि कंटेन्मेंट जोन में बाहर से अंदर और अंदर से बाहर जाने वाले लोगों को हम रोक रहे हैं, लेकिन इन सारी कोशिशों के बावजूद भी कुछ कंटेन्मेंट जोन के अंदर रहने वाले लोग गली में निकल जाते हैं और एक-दूसरे के घर चले जाते हैं। उन्होंने बताया कि जहांगीरपुरी में एक कंटेनमेंट जोन है। वहां कल (17 अप्रैल) एक एक ही परिवार के 26 लोगों में कोरोना मिला है। इस परिवार का आसपास ही कई सारे मकान हैं और वे कंटेन्मेंट के बावजूद भी एक-दूसरे के घर जा रहे थे। मुख्यमंत्री ने अपील करते हुए कहा कि पूरा देश इस वक्त लाॅक डाउन में है।

कितनी मुसीबतों का हम सभी लोग सामना कर रहे हैं। ऐसे में आप सभी लोग अनुशासन नहीं बरतेंगे, तो आपको ही तकलीफ होगी। हमें आप की जान की चिंता है। इसीलिए मैं आप सभी लोगों से बार-बार अपील कर रहा हूं। आप खुद सोचिए कि एक ही परिवार के 26 लोगों को कोरोना हो गया है, यह अच्छी बात नहीं है। मैंने पहले भी कई बार कहा था कि आपको कोरोना होगा या नहीं होगा, यह आप पर निर्भर करता है। यदि आप अपने को बचा कर रखेंगे, तो कोरोना नहीं होगा। यदि लापरवाही बरतेंगे, तो कोई भी नहीं बचा सकता है। यदि किसी के मन में यह है कि उसे कोरोना नहीं होगा, तो यह आप भूल जाइए। यह कोरोना न तो किसी मंत्री को छोड़ता है और न तो किसी चपरासी को छोड़ता है। कोई जाति, धर्म, अमीर व गरीब आदि इससे कोई भी नहीं बचा हुआ है। इसलिए आप इस गलत फहमी में मत रहिए कि आपको कोरोना नहीं हो सकता है। यह कहीं पर भी किसी को भी हो सकता है और कहीं से भी आ सकता है, किसी को पता भी नहीं चलेगा। इसलिए आप सभी अपने आपको बचा कर रखिए। सरकार ने कहीं पर कंटेन्मेंट घोषित किया है, तो बहुत सोच समझ कर किया है। कम से कम वहां पर बड़ी सख्ती के साथ अपने घर पर रहिए। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि दिल्ली सरकार ने एक महत्वपूर्ण फैसला लिया है। अभी कुछ दिन पहले हमने फैसला लिया था कि कोई भी डाॅक्टर,नर्स या अस्पताल में काम करने वाले सफाई कर्मचारी, लैब टैक्निशियन आदि को कोरोना का इलाज करते समय उन्हें भी कोरोना हो जाता है और उसकी वजह से उनकी मौत हो जाती है, तो दिल्ली सरकार उनके परिवार को 1 करोड़ रुपये की सम्मान राशि देगी। हमने देख रहे हैं कि बहुत सारे दूसरे कर्मचारी भी हैं, जो कोरोना के मरीजों की सेवा करने में लगे हुए हैं। मसलन, पुलिसकर्मी रात-दिन कोरोना के मरीजों की जगह-जगह सेवा करने में लगे हुए हैं। उसी तरह, सिविल डिफेंस के लोग भी रात-दिन सेवा कर रहे हैं। हमारे बहुत सारे प्रिंसिपल और शिक्षक लोगों को खाना बांट रहे हैं। यदि कोरोना के लोगों की सेवा करने की वजह से किसी भी कर्मचारी को कोरोना हो जाता है और उनकी मौत हो जाती है, तो ऐसे सभी कर्मचारियों पर भी यह योजना लागू होगी। उनकी मौत के बाद उनके परिवार को भी एक करोड़ रुपये की सम्मान राशि दी जाएगी।

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