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दिल्ली में अभी कोविड-19 बेड 6600 हैं, जिसमें 4500 खाली व उपलब्ध हैं, 5 जून तक बेड की संख्या 9500 हों जाएंगी: अरविंद केजरीवाल

अजीत सिन्हा की रिपोर्ट 
नई दिल्ली: दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि दिल्ली में कोरोना के केस बढ़ रहे हैं। यह चिंता का विषय है, लेकिन अभी घबराने की बात नहीं है। उन्होंने कहा कि पिछले सप्ताह हमारे पास 4500 कोविड बेड थे, लेकिन आज की तारीख में 6600 बेड उपलब्ध हैं। 14 मई को दिल्ली में करीब 8500 मरीज थे और वर्तमान में करीब 17000 हजार हैं। दिल्ली में पिछले 15 दिनों में करीब 8500 मरीज बढ़े हैं। इसमें से 500 मरीज ही अस्पतालों में भर्ती हुए। फिलहाल मौजूद 6600 कोविड बेड में से अभी केवल 2100 बेड पर ही मरीज हैं और आज भी 4500 बेड अभी खाली व उपलब्ध हैं। वहीं, आगामी 5 जून तक दिल्ली में कोविड बेड की संख्या 9500 हो जाएंगी। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि अब कोविड-19 के मरीजों को अस्पतालों में उपलब्ध बेड, वेंटिलेटर या आॅक्सीजन की जानकारी प्राप्त करने के लिए धक्के नहीं खाने होंगे। दिल्ली सरकार सोमवार को एक एप लांच करने जा रही है, जहां यह सभी जानकारियां मिल सकेंगी। इसके अलावा, एक वेब पेज भी शुरू किया जाएगा और हेल्पलाइन नंबर 1031 पर भी जानकारी प्राप्त कर सकेंगे। सोशल मीडिया पर लोगों को भ्रमित करने के लिए फर्जी वीडियो डालने वालों के लिए मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि ऐसा करने वाले लोग कोरोना योद्धाओं की मेहनत का अपमान कर रहे हैं। यह वक्त राजनीति करने का नहीं, बल्कि देश के लिए काम करने का है। उन्होंने लोगों से अपील की है कि इस तरह की फर्जी वीडियो पर आंख बंद कर के भरोसा न करें। वीडियो सही मिलने पर हम तत्काल कार्रवाई करेंगे।

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने वीडियो कांफ्रेंसिंग कर कहा कि कल तक दिल्ली में कुल 17386 केस कोरोना के आए हैं। उसमें से 7846 लोग ठीक होकर घर चले गए। 9142 लोग अभी भी बीमार हैं और 398 लोगों की कोरोना की वजह से मौत हो गई है। पिछले कुछ दिनों में दिल्ली में कोरोना के केस तेजी से बढ़ रहे हैं। इस बात को हम स्वीकार करते हैं। यह थोड़ा चिंता का विषय है, लेकिन घबराने की जरूरत नहीं है। मैं आपका मुख्यमंत्री होने के नाते यह भरोसा दिलाना चाहता हूं कि आपकी सरकार कोरोना से चार कदम आगे चल रही है। जितनी जरूरत है, उससे कहीं ज्यादा इंतजाम हम आपके इलाज के लिए कर रहे हैं। मैं हमेशा कहता आया हूं कि हम हमेशा के लिए लाॅकडाउन नहीं कर सकते हैं। सब कुछ बंद करके नहीं रहा जा सकता है। आज कोई यह नहीं कह सकता है कि एक या दो महीने लाॅकडाउन कर लो, तो कोरोना ठीक हो जाएगा। कोरोन रहेगा और यदि कोरोना रहेगा,तो उस का इलाज करने का इंतजाम करना पड़ेगा। हमारी पूरी सरकार इस समय कोरोना के मरीजों का इलाज करने पर ध्यान दे रही है। दिल्ली का मुख्यमंत्री होने के नाते मेरे लिए दो बातें चिंता का विषय होंगी। अगर दिल्ली के अंदर कोरोना की वजह से मौंतों का आंकड़ा बहुत बढ़ने लगा, तो यह मेरे लिए चिंता का विषय होगा। मेरी पूरी कोशिश है कि कोरोना के मरीज बढ़ भी रहे हैं,तो ठीक होकर घर चलें जाएं। कोरोना की वजह से मौत नहीं होनी चाहिए। मौत को कम से कम रखने की हम कोशिश कर रहे हैं। और दूसरा, कोरोना की वजह से मान लीजिए की 10 हजार मरीज जो गए और हमारे पास मात्र 8 हजार ही बेड हैं, तो मेरे लिए यह चिंता का विषय है। जब लोग बेड, आॅक्सीजन, वेंटिलेटर और मेडिकल इंतजाम के लिए इधर-उधर धक्के खाएंगे, तो हमारे लिए चिंता का विषय है। यदि बेड, आॅक्सीजन, वेंटिलेटर या पीपीई किट कम पड़ गए, तो इसकी वजह से मौत भी बढ़ जाएगी, क्योंकि मरीजों को सुविधाएं नहीं मिलेंगी।

मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि हमने पिछले एक सप्ताह में हमने बेड का खूब इंतजाम कर लिया है। आज दिल्ली में अभी तक कुल 17386 केस हुए हैं। इनमें से केवल 2100 मरीज अस्पतालों में हैं। बाकी एक्टिव मरीज घरों में होम आइसोलेशन में इलाज करा रहे हैं। हमारे पास आज की तारीख में सिर्फ कोरोना के लिए 6600 बेड हैं। पिछले सप्ताह हमारे पास करीब 4500 बेड का इंतजाम था। पिछले एक सप्ताह में हमने 2100 और बेड का इंतजाम कर लिया है। इन 6600 बेड में अभी केवल 2100 बेड पर मरीज हैं और अभी 4500 बेड खाली और उपलब्ध हैं। पिछले सप्ताह हमने आदेश जारी किया है कि 5 जून तक दिल्ली में 9500 बेड तैयार हो जाएंगे। उनकी तैयारी तेजी से चल रही है। इसके अलावा, कई होटल को भी हम अधिग्रहित कर के वहां बेड तैयार कर रहे हैं। वहां भी जरूरत पड़ेगी, तो वहां भी हम आॅक्सीजन देंगे। दिल्ली सरकार के अस्पतालों में अभी तक हमारे पास 2500 बेड थे। जिसमें 5 जून तक 4600 बेड तैयार हो जाएंगे। केंद्र सरकार के अस्पतालों में अभी तक 2329 बेड थे, जो थोड़े कम हो गए हैं और अब 2229 बेड हैं। इसके अलावा प्राइवेट अस्पतालों में सबसे ज्यादा बेड की डिमांड थी। वहां पर अभी तक 677 बेड थे। आज की तारीख में 2677 बेड हो गए हैं। अगले 5 जून तक प्राइवेट अस्पतालों में 3677 बेड हो जाएंगे। अक्सर बहुत सारे लोग प्राइवेट में इलाज कराने जाना चाहते हैं। उनका कहना होता है कि उनके पास इंश्योरेंस है। आप कहीं पर भी इलाज करा सकते हैं। मैं आपको बताना चाहता हूं कि जिस तरह दिल्ली के सरकारी अस्पताल बहुत अच्छे हैं, उसी तरह दिल्ली के सरकारी अस्पताल भी बहुत अच्छे हैं। यदि आप सरकारी अस्पतालों में जाएंगे, तो बहुत अच्छी व्यवस्था मिलेगी।

मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने एक आंकड़े की जानकारी देते हुए कहा कि 14 मई को दिल्ली में 8500 केस थे और 15 दिन बाद आज 17000 केस हैं। केस बढ़ कर 15 दिनों में दोगुना हो गए हैं। 14 मई को दिल्ली के अस्पतालों में 1600 मरीज भर्ती थे और आज 2100 मरीज भर्ती हैं। 15 दिन में 8500 मरीज बढ़ गए, लेकिन अस्पतालों में केवल 500 मरीज ही बढ़े हैं। मोटे तौर पर कहना चाहता हूं कि जितने लोगों को कोरोना हो रहा है, उसमें ज्यादातर लोगों को कोई लक्षण नहीं दिख रहा है या उनको इतना मामूली लक्षण हल्की खांसी या बुखार हो रहा है और वे अपने घर पर ही इलाज करा रहे हैं। 15 दिन में करीब 8500 केस बढ़े, लेकिन अस्पतालों में केवल 500 केस ही बढ़े हैं। इसलिए घबराने की जरूरत नहीं है। कोरोना केस इतने बढ़ने नहीं चाहिए और यह चिंता का विषय है। हम भी नहीं चाहते हैं कि केस बढ़े। कोरोना के अधिकतर मरीज अपने घर पर ही ठीक हो रहे हैं। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि हमने अस्पतालों में बेड, वेंटिलेटर और आॅक्सीजन का पर्याप्त व्यवस्था की है और यह खाली व उपलबध भी हैं। इसके बावजूद कई मामले सामने आए हैं, जिसमें मरीजों को जानकारी के अभाव में इसके लिए धक्के खाने पड़े थे। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि एक तरफ अस्पतालों में बेड खाली है और दूसरी तरफ लोगों को जानकारी नहीं है। इसलिए दिल्ली सरकार एक एप बना रही है। यह एप बन चुका है और उसकी टेस्टिंग चल रही है। सोमवार को इस एप को लांच करेंगे। इस एप को आप अपने मोबाइल में डाउनलोड कर लेना। एप में एक-एक अस्पताल का डेटा मिलेगा कि किस अस्पताल में कितने बेड हैं और कितने खाली हैं। किस अस्पताल में कितने वेंटिलेटर हैं और कितने खाली है। यदि किसी के भी घर में कोई बीमार है, तो इस एप की मदद से आपको पता चल जाएगा कि किस अस्पताल में बेड और किसमें वेंटिलेटर खाली है। इसके लिए आपको कहीं धक्के खाने की जरूरत नहीं पड़ेगी। आप एप पर देख कर उसी अस्पताल में जाएंगे। जिनके पास स्मार्ट फोन नहीं है, वे वेबसाइट पर जाकर देख सकते हैं। इसके लिए हम एक वेब पेज भी बना रहे हैं और हेल्प लाइन नंबर 1031 भी आप सभी जानकारी प्राप्त कर सकेंगे। मुझे पूरी उम्मीद है कि इसके बाद आपको बेड, वेंटिलेटर या आॅक्सीजन के लिए कहीं पर भी धक्के खाने की जरूरत नहीं पड़ेगी।

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