अजीत सिन्हा की रिपोर्ट
फरीदाबाद:कोरोना के संक्रमण को फैलने में रोकने में नाकाम स्वास्थ्य विभाग की आज एक बड़ी लापरवाही सामने आई है. विभाग के अधिकारियों एवं कर्मचारियों द्वारा एक जून को सैंपल देकर लौटी संक्रमित महिला की रिपोर्ट पर सुध नहीं ली गई। इस पर संक्रमित महिला सोमवार को खुद अपनी रिपोर्ट लेने पहुंच गई। स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों का इस तरह का उदासीन रवैया खतरनाक हो सकता है। एक जून को दिया था सैंपल एसजीएम नगर 22 वर्षीय निवासी महिला ने एक जून को कोरोना जांच के लिए आइडीएसपी लैब में सैंपल दिया था। महिला टीबी से भी पीड़ित हैं।
सैंपल देने के बाद महिला घर लौट गई थी। महिला की रिपोर्ट चार जून को पॉजिटिव आ गई थी, लेकिन स्वास्थ्य विभाग ने महिला की रिपोर्ट की कोई सुध नहीं ली है। महिला खुद को स्वस्थ समझकर घूमती रही। इधर दो हफ्ते तक भी स्वास्थ्य विभाग द्वारा महिला से संपर्क नहीं किए जाने पर सोमवार को महिला खुद अपनी रिपोर्ट लेने पहुंच गई। जब वहां मौजूद लोगों को पता चला कि महिला कोरोना पॉजिटिव है, तो सभी संपर्क में आने से बचने लगे। स्वास्थ्य कर्मियों ने एंबुलेंस को बुलाया और ईएसआइसी मेडिकल कॉलेज भर्ती कराया। महिला ने स्वास्थ्यकर्मियों को चकमा देकर फरार होने की कोशिश भी की थी। मौके पर मौजूद वरिष्ठ सफाई निरीक्षण ऋषिराज गौतम ने महिला के पति को फोन करके संक्रमित एवं ईएसआइसी मेडिकल कॉलेज में भर्ती होने की सूचना दी। कोरोना कैरियर साबित हो सकती है महिला स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों का कोरोना के प्रति उदासीन रवैये का खामियाजा जिलेवासियों को उठाना पड़ सकता है। महिला कोरोना कैरियर साबित हो सकती है। महिला एक से 15 जून तक कई लोगों से मिली होगी। उसके प्राथमिक संपर्क और सेकेंडरी संपर्क में आने वाले लोगों को ढूंढना स्वास्थ्य विभाग के लिए काफी चुनौतीपूर्ण होगा। स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी एवं कर्मचारी कोरोना पर नियंत्रण लगाने के लिए हर संभव कोशिश कर रहे हैं। महिला ने घर का पता या मोबाइल नंबर गलत दर्ज कराया होगा। इसकी वजह से ढूंढने में परेशानी हुई होगी। महिला को ईएसआइसी मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया है।